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बच्ची से दरिंदगी और राहुल गांधी के ट्विटर मुद्दे पर कांग्रेस ने मोदी सरकार को दलित व महिला विरोधी बताया

दिल्ली में दलित बच्ची से रेप के बाद हत्या किए जाने और राहुल गांघी के एक ट्वीट को डिलीट कराने और फिर उनके ट्विटर हैंडल के निलंबित किए जाने पर कांग्रेस ने आपत्ति जताते हुए मोदी सरकार को दलित और महिला विरोधी होने का आरोप लगाया. उक्त बातें रविवार को कांग्रेस की महिला प्रवक्ताओं ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहीं.

कांग्रेस की महिला प्रवक्ता
कांग्रेस की महिला प्रवक्ता
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Published : Aug 8, 2021, 8:03 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली में 9 साल की दलित बच्ची के साथ गैंगरेप और हत्या के मामले में केंद्र सरकार की चुप्पी और राहुल गांधी के एक ट्वीट को डिलीट करवाने और फिर उनके ट्विटर हैंडल को निलंबित कराए जाने पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है. साथ ही मोदी सरकार पर दलित और महिला विरोधी होने का आरोप लगाया. कांग्रेस ने इस पूरे प्रकरण में प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से व्यक्तव्य की मांग की है.

बच्ची से रेप मामले में सरकार के मंत्री ने एक शब्द नहीं कहे : सुप्रिया श्रीनेत

उक्त आरोप रविवार को कांग्रेस की महिला प्रवक्ताओं ने एक साथ मीडिया को संबोधित करते हुए लगाए. इसीक्रम में कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि देश की राजधानी में हुई घटना के 8 दिन बाद भी न तो प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर कुछ कहा है और न ही गृहमंत्री ने.

उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस गृह मंत्रालय के अधीन है लेकिन उस बच्ची के परिवार को न्याय दिलाने के लिए आज तक सरकार के मंत्री ने एक शब्द नहीं कहे. लेकिन जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी उस बच्ची को न्याय दिलवाने के लिए उस परिवार से मिलते हैं और उसके लिए ट्वीट करते हैं तो उनका ट्वीट डिलीट कराया जाता है और उनके एकाउंट को भी सस्पेंड किया जाता है.

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने 4 अगस्त को जो ट्वीट किया उसी तरह का ट्वीट नेशनल कमीशन फॉर शिड्यूल कास्ट द्वारा भी 2 और 3 अगस्त को किया गया था लेकिन उनके ट्विटर हैंडल पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. यह सरकार का दोहरा रवैया है जो राजनीति से प्रेरित है.

राहुल गांधी का ट्वीट डिलीट कराने से कांग्रेस इस लड़ाई से पीछे नहीं हटेगी : रागिनी नायक

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा कि सरकार को जनता एक अभिभावक के रूप में देखती है और यह अपेक्षा करती है कि सरकारी तंत्र और महकमे का इस्तेमाल उनके सुरक्षा के लिए होगा. लेकिन मोदी सरकार केवल दमन के लिए इस तंत्र और महकमे का प्रयोग करती है.

रागिनी नायक ने दिल्ली, हाथरस और उन्नाव का उदाहरण देते कहा कि प्रताड़ना और शोषण करने वालों के संरक्षण के लिए कई जगह पर सरकार के नेता मंत्री खड़े दिखते हैं. लेकिन दूसरी तरफ राहुल गांधी इसके खिलाफ सड़क से संसद तक संघर्ष करते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को यदि लगता है कि राहुल गांधी का ट्वीट डिलीट कराने से या एकाउंट सस्पेंड कराने से कांग्रेस इस लड़ाई से पीछे हट जाएगी तो ऐसा नहीं होगा.

महिला नेताओं ने कहा कि बीजेपी यह आरोप लगाती रही है कि दिल्ली में बच्ची से दुष्कर्म और हत्या मामले में कांग्रेस पार्टी दलित राजनीति को साधने का प्रयास कर रही है लेकिन कांग्रेस का कहना है कि पुरुष प्रधान समाज में महिला उत्पीड़न एक सच्चाई है और इसी तरह जातिगत उत्पीड़न भी एक सच है. ऐसे में यदि एक दलित महिला के साथ घटना होती है तो सरकार से सवाल पूछना लाज़मी है.

दिल्ली रेप मामले में किसी महिला केंद्रीय मंत्री ने खेद नहीं जताया : अलका लांबा

इस दौरान कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा ने कहा कि देश की राजधानी में इतनी बड़ी घटना होती है लेकिन दिल्ली की महिला सांसद और मंत्री दिल्ली हाट में खरीददारी करती दिखाई देती हैं. लेकिन उन्हें एक बार भी पीड़ित परिवार से मिलने का समय नहीं होता. उन्होंने कहा कि बीजेपी की ही एक अन्य महिला सांसद से जब महिला सुरक्षा से संबंधित सवाल पूछा जाता है तो वह कहती हैं कि ओम बिड़ला से जाकर पूछिये. मोदी सरकार में 11 महिला मंत्री हैं लेकिन किसी ने भी इस घटना पर खेद तक व्यक्त नहीं किया है. इस पूरे प्रकरण में सरकार की चुप्पी का कारण क्या है?

नई दिल्ली : दिल्ली में 9 साल की दलित बच्ची के साथ गैंगरेप और हत्या के मामले में केंद्र सरकार की चुप्पी और राहुल गांधी के एक ट्वीट को डिलीट करवाने और फिर उनके ट्विटर हैंडल को निलंबित कराए जाने पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है. साथ ही मोदी सरकार पर दलित और महिला विरोधी होने का आरोप लगाया. कांग्रेस ने इस पूरे प्रकरण में प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से व्यक्तव्य की मांग की है.

बच्ची से रेप मामले में सरकार के मंत्री ने एक शब्द नहीं कहे : सुप्रिया श्रीनेत

उक्त आरोप रविवार को कांग्रेस की महिला प्रवक्ताओं ने एक साथ मीडिया को संबोधित करते हुए लगाए. इसीक्रम में कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि देश की राजधानी में हुई घटना के 8 दिन बाद भी न तो प्रधानमंत्री मोदी ने इस पर कुछ कहा है और न ही गृहमंत्री ने.

उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस गृह मंत्रालय के अधीन है लेकिन उस बच्ची के परिवार को न्याय दिलाने के लिए आज तक सरकार के मंत्री ने एक शब्द नहीं कहे. लेकिन जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी उस बच्ची को न्याय दिलवाने के लिए उस परिवार से मिलते हैं और उसके लिए ट्वीट करते हैं तो उनका ट्वीट डिलीट कराया जाता है और उनके एकाउंट को भी सस्पेंड किया जाता है.

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने 4 अगस्त को जो ट्वीट किया उसी तरह का ट्वीट नेशनल कमीशन फॉर शिड्यूल कास्ट द्वारा भी 2 और 3 अगस्त को किया गया था लेकिन उनके ट्विटर हैंडल पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. यह सरकार का दोहरा रवैया है जो राजनीति से प्रेरित है.

राहुल गांधी का ट्वीट डिलीट कराने से कांग्रेस इस लड़ाई से पीछे नहीं हटेगी : रागिनी नायक

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा कि सरकार को जनता एक अभिभावक के रूप में देखती है और यह अपेक्षा करती है कि सरकारी तंत्र और महकमे का इस्तेमाल उनके सुरक्षा के लिए होगा. लेकिन मोदी सरकार केवल दमन के लिए इस तंत्र और महकमे का प्रयोग करती है.

रागिनी नायक ने दिल्ली, हाथरस और उन्नाव का उदाहरण देते कहा कि प्रताड़ना और शोषण करने वालों के संरक्षण के लिए कई जगह पर सरकार के नेता मंत्री खड़े दिखते हैं. लेकिन दूसरी तरफ राहुल गांधी इसके खिलाफ सड़क से संसद तक संघर्ष करते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को यदि लगता है कि राहुल गांधी का ट्वीट डिलीट कराने से या एकाउंट सस्पेंड कराने से कांग्रेस इस लड़ाई से पीछे हट जाएगी तो ऐसा नहीं होगा.

महिला नेताओं ने कहा कि बीजेपी यह आरोप लगाती रही है कि दिल्ली में बच्ची से दुष्कर्म और हत्या मामले में कांग्रेस पार्टी दलित राजनीति को साधने का प्रयास कर रही है लेकिन कांग्रेस का कहना है कि पुरुष प्रधान समाज में महिला उत्पीड़न एक सच्चाई है और इसी तरह जातिगत उत्पीड़न भी एक सच है. ऐसे में यदि एक दलित महिला के साथ घटना होती है तो सरकार से सवाल पूछना लाज़मी है.

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इस दौरान कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा ने कहा कि देश की राजधानी में इतनी बड़ी घटना होती है लेकिन दिल्ली की महिला सांसद और मंत्री दिल्ली हाट में खरीददारी करती दिखाई देती हैं. लेकिन उन्हें एक बार भी पीड़ित परिवार से मिलने का समय नहीं होता. उन्होंने कहा कि बीजेपी की ही एक अन्य महिला सांसद से जब महिला सुरक्षा से संबंधित सवाल पूछा जाता है तो वह कहती हैं कि ओम बिड़ला से जाकर पूछिये. मोदी सरकार में 11 महिला मंत्री हैं लेकिन किसी ने भी इस घटना पर खेद तक व्यक्त नहीं किया है. इस पूरे प्रकरण में सरकार की चुप्पी का कारण क्या है?

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