तिरुचिरापल्ली (तमिलनाडु) : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि राज्य में तबाही मचाने वाली बारिश को प्राकृतिक आपदा घोषित किया जाए और राहत एवं मरम्मत कार्यों के लिए एनडीआरएफ कोष उपलब्ध कराया जाए. स्टालिन ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री वर्षा को प्राकृतिक आपदा घोषित करने की गुजारिश को प्रभावित लोगों की मांग मानकर उसपर विचार करेंगे.
प्रधानमंत्री के सामने यहां मुद्दा उठाते हुए स्टालिन ने कहा, 'पिछले महीने चेन्नई और दक्षिणी जिलों में बारिश से हुई तबाही से आप वाकिफ हैं. बाढ़ के कारण बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ और लोगों की आजीविका प्रभावित हुई.' प्रधानमंत्री मोदी ने यहां मुख्यमंत्री और राज्यपाल आरएन रवि की उपस्थिति में 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया और उनकी आधारशिला रखी.
स्टालिन ने कहा, 'आपदा बहुत गंभीर है. यह मत सोचिए कि मैं बार-बार यह मांग कर रहा हूं.' उन्होंने कहा कि लोगों की इच्छा बताना उनकी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि लोगों के करीब होने के कारण उन्हें शिक्षा, चिकित्सा और अन्य आवश्यक सहायता प्रदान करने की जिम्मेदारी सिर्फ राज्य सरकारों की है. स्टालिन ने कहा कि अनुरोध करना और इस तरह राज्य के अधिकारों पर जोर देना सिर्फ 'लोगों की मांग है, न कि राजनीतिक बयानबाजी.'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'मुझे यकीन है कि प्रधानमंत्री इसे पूरा करेंगे.' चेन्नई और इसके उपनगर दिसंबर की शुरुआत में चक्रवात मिगजॉम से बुरी तरह से प्रभावित हुए जबकि राज्य के चार दक्षिणी जिलों में 17-18 दिसंबर को भीषण बारिश हुई जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ. अन्य मुद्दों की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने मोदी से मलेशिया और जापान के साथ तमिलनाडु के सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को देखते हुए, चेन्नई और पेनांग तथा चेन्नई और टोक्यो के बीच सीधी हवाई उड़ानें शुरू करने के लिए प्राथमिकता के आधार पर कदम उठाने का अनुरोध किया.
उन्होंने तिरुचिरापल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एक नए टर्मिनल का उद्घाटन करने के लिए प्रधानमंत्री का धन्यवाद किया. स्टालिन ने तिरुचिरापल्ली, चेन्नई, कोयंबटूर, मदुरै, वेल्लोर और तूत्तुक्कुडि में हवाई अड्डों के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए भी प्रधानमंत्री से समर्थन मांगा.
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