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उमर अब्दुल्ला की सलाह- छोटे दलों के शामिल होने से पहले बड़ी पार्टियां गठबंधन में शामिल हों

जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ( former Chief Minister Omar Abdullah) ने कहा है कि बड़ी पार्टियों को पहले गठबंधन बनाना चाहिए फिर छोटे दलों को महागठबंधन में शामिल होने के लिए कहना चाहिए.

Former CM of Jammu and Kashmir Omar Abdullah
जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला
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Published : Jun 13, 2023, 5:59 PM IST

Updated : Jun 13, 2023, 6:15 PM IST

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श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ( former Chief Minister Omar Abdullah) ने छोटे दलों को महागठबंधन में शामिल होने के लिए कहने से पहले बड़ी पार्टियों को गठबंधन बनाने की सलाह दी है. वह जम्मू कश्मीर में नशीली दवाओं के व्यापार और नशीली दवाओं के प्रभावों पर चर्चा करने के लिए पार्टी मुख्यालय में एक बैठक के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे.

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस 23 जून को पटना में होने वाली बैठक में भाग लेगी, लेकिन पार्टी बैठक में मूक दर्शक बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि हम पटना जाकर सुनेंगे कि बड़ी पार्टियों का गठबंधन के बारे में क्या कहना है. हम एक छोटी पार्टी हैं और अगर हम सभी छह सीटें (जम्मू कश्मीर में पांच और लद्दाख में एक) जीतते हैं तो भी हमारा सरकार गठन पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि बड़ी पार्टियों को पहले गठबंधन बनाना और करना है, जो 200, 50 या 40 विषम सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. उन्हें छोटे दलों की मांग करने से पहले गठबंधन के लिए साथ आने दें. उमर अब्दुल्ला ने बिना किसी नाम लिए टीएमसी, डीएमके और अन्य पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि जब हम विपक्षी गठबंधन की बात करते हैं तो बंगाल की पार्टी गोवा में और तमिलनाडु की एक पार्टी दिल्ली में क्यों चुनाव लड़ती है. उन्होंने कहा कि कुछ दल ऐसे भी हैं जिनका जम्मू कश्मीर में कोई कार्यकर्ता नहीं और वे यहां चुनाव लड़ना चाहते हैं.

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस तरह के कदमों से किसी की मदद नहीं होती है. यह किस तरह का गठबंधन होगा और इससे क्या संदेश जाएगा?. वहीं जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने में लगातार देरी होने पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में सब कुछ संकट में है और सरकार यह अच्छी तरह से जानती है, इसलिए वे जम्मू-कश्मीर में चुनाव नहीं कराना चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर में सब कुछ ठीक होता है तो सरकार को विश्वास होता कि उन्होंने क्षेत्र का विकास किया है. उन्हें लगता है कि सभी समस्याओं को हल किया गया. उमर ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि अगर वे (बीजेपी) जो दावा कर रहे हैं वह सच है तो उन्हें जम्मू-कश्मीर में संसदीय चुनावों के साथ चुनाव कराने दें और दुनिया हकीकत देखेगी. उन्होंने कहा, हमें कारणों पर गौर करने की जरूरत है. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जी-20 बैठक के दौरान खूब नाच-गाना हुआ, लेकिन सरकार ने नशे की बढ़ती समस्या पर आंखें मूंद लीं. हमारा घुसपैठ रोधी ग्रिड कमजोर है.

ये भी पढ़ें - Omar Abdullah : केजरीवाल को लेकर उमर अब्दुल्ला ने कही बड़ी बात, बीजेपी पर भी साधा निशाना

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श्रीनगर: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ( former Chief Minister Omar Abdullah) ने छोटे दलों को महागठबंधन में शामिल होने के लिए कहने से पहले बड़ी पार्टियों को गठबंधन बनाने की सलाह दी है. वह जम्मू कश्मीर में नशीली दवाओं के व्यापार और नशीली दवाओं के प्रभावों पर चर्चा करने के लिए पार्टी मुख्यालय में एक बैठक के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे.

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस 23 जून को पटना में होने वाली बैठक में भाग लेगी, लेकिन पार्टी बैठक में मूक दर्शक बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि हम पटना जाकर सुनेंगे कि बड़ी पार्टियों का गठबंधन के बारे में क्या कहना है. हम एक छोटी पार्टी हैं और अगर हम सभी छह सीटें (जम्मू कश्मीर में पांच और लद्दाख में एक) जीतते हैं तो भी हमारा सरकार गठन पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा.

उन्होंने कहा कि बड़ी पार्टियों को पहले गठबंधन बनाना और करना है, जो 200, 50 या 40 विषम सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. उन्हें छोटे दलों की मांग करने से पहले गठबंधन के लिए साथ आने दें. उमर अब्दुल्ला ने बिना किसी नाम लिए टीएमसी, डीएमके और अन्य पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा कि जब हम विपक्षी गठबंधन की बात करते हैं तो बंगाल की पार्टी गोवा में और तमिलनाडु की एक पार्टी दिल्ली में क्यों चुनाव लड़ती है. उन्होंने कहा कि कुछ दल ऐसे भी हैं जिनका जम्मू कश्मीर में कोई कार्यकर्ता नहीं और वे यहां चुनाव लड़ना चाहते हैं.

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस तरह के कदमों से किसी की मदद नहीं होती है. यह किस तरह का गठबंधन होगा और इससे क्या संदेश जाएगा?. वहीं जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने में लगातार देरी होने पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में सब कुछ संकट में है और सरकार यह अच्छी तरह से जानती है, इसलिए वे जम्मू-कश्मीर में चुनाव नहीं कराना चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर में सब कुछ ठीक होता है तो सरकार को विश्वास होता कि उन्होंने क्षेत्र का विकास किया है. उन्हें लगता है कि सभी समस्याओं को हल किया गया. उमर ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि अगर वे (बीजेपी) जो दावा कर रहे हैं वह सच है तो उन्हें जम्मू-कश्मीर में संसदीय चुनावों के साथ चुनाव कराने दें और दुनिया हकीकत देखेगी. उन्होंने कहा, हमें कारणों पर गौर करने की जरूरत है. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जी-20 बैठक के दौरान खूब नाच-गाना हुआ, लेकिन सरकार ने नशे की बढ़ती समस्या पर आंखें मूंद लीं. हमारा घुसपैठ रोधी ग्रिड कमजोर है.

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Last Updated : Jun 13, 2023, 6:15 PM IST
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