नई दिल्ली: इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच ओमान ने कहा है कि उनका देश फिलिस्तीन के साथ मजबूती से खड़ा है. उक्त बातें ओमान के राज्य परिषद के सदस्य डॉ. सईद बिन मुबारक अल महरामी (State Council Dr Saeed bin Mubarak Al Mahrami) ने शुक्रवार को संसदीय स्पीकर सम्मेलन (पी20) के अवसर पर कही. उन्होंने इजराइल और फिलिस्तीन संघर्ष पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मैं इसे राजनेताओं पर छोड़ता हूं लेकिन मेरा देश मजबूती के साथ फिलस्तीन के साथ खड़ा है. उन्होंने पी20 शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किए जाने पर पीएम मोदी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया.
वहीं ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए डॉ. सईद बिन मुबारक ने कहा कि यह खुशी की बात है कि ओमान को भारत ने पी20 शिखर सम्मेलन में अतिथि के रूप में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है. उन्होंने कहा कि यह निमंत्रण भारत और ओमान के बीच मजबूत संबंधों को दर्शात है. वहीं भारत ने एक जीवन एक भविष्य और इसलिए सभी देशों को इसका सामूहिक दृष्टिकोण रखना थीम चुनी है. उन्होंने कहा कि वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करने में संसदों की अहम भूमिका है.
उन्होंने कहा कि जहां तक जी20 घोषणा का सवाल है, जी20 सदस्यों और आमंत्रित देशों के बीच कोई टकराव नहीं है. प्रारंभिक घोषणा सदस्यों को भेजी गई थी और इसमें मामूली संशोधन थे जो देशों की भलाई के लिए हैं. उन्होंने कहा कि मैं एक ऐसी घोषणा देखना चाहता हूं जो सभी देशों के दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करे. इसी कड़ी में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सीसी ने बुधवार को ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक अल सईद से फोन बात की. इस दौरान उन्होंने फिलिस्तीनी मुद्दे के उचित और व्यापक समाधान तक पहुंचने के प्रयासों को आगे बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने कहा कि दो राष्ट्र समाधान और अंतरराष्ट्रीय वैधता के संकल्प के साथ ही इस तरह से क्षेत्र के सभी लोगों के लिए सुरक्षा और स्थिरता प्राप्त करने में मदद करते हैं.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में 9वें जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी20) के उद्घाटन (PM Modi 9th Parliamentary Speakers' Summit) समारोह को संबोधित किया. इस अवसर पर उन्होंने भारत द्वारा दशकों से सामना किए जा रहे सीमा पार आतंकवाद पर प्रकाश डाला, जिसमें हजारों निर्दोष लोग मारे गए. पीएम मोदी ने करीब 20 साल पहले भारत की संसद पर हुए आतंकी हमले को याद करते हुए कहा कि जब संसद का सत्र चल रहा था और आतंकवादी सांसदों को बंधक बनाकर उन्हें खत्म करने के लिए तैयार थे.
पीएम ने जोर देकर कहा कि ऐसी कई आतंकवादी घटनाओं से निपटने के बाद भारत आज यहां तक पहुंचा है, क्योंकि दुनिया में आतंकवाद की बड़ी चुनौती को महसूस कर रही है. मोदी ने कहा कि आतंकवाद चाहे कहीं भी हो, किसी भी कारण से, किसी भी रूप में हो, यह मानवता के खिलाफ है. उन्होंने ऐसी स्थिति से निपटने के लिए समझौता न करने की जरूरत पर जोर दिया. प्रधानमंत्री ने उस वैश्विक पहलू की ओर ध्यान आकर्षित किया जहां आतंकवाद की परिभाषा को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई है.
उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि कैसे आतंकवाद से मुकाबले के लिए अंतरराष्ट्रीय सम्मेसन आज भी संयुक्त राष्ट्र में आम सहमति की प्रतीक्षा कर रहा है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मानवता के दुश्मन दुनिया के इस रवैये का फायदा उठा रहे हैं और उन्होंने दुनिया भर की संसदों और प्रतिनिधियों से आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में मिलकर काम करने के तरीकों के साथ आने का आग्रह किया. गौरतलब है कि भारत ने गुरुवार को इजरायल पर हमास के हमले को आतंकवादी हमला बताया था, लेकिन साथ ही फिलिस्तीन के पक्ष में संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य राज्य की स्थापना की दिशा में बातचीत की वकालत करते हुए अपनी दीर्घकालिक स्थिति की पुष्टि की थी.