चमोली (उत्तराखंड): जोशीमठ के नृसिंह मंदिर के पास स्थित एक पुराना भवन का हिस्सा भरभरा कर गिर गया. गनीमत रही है कि जब भवन का हिस्सा गिरा, उस वक्त मौके से कोई नहीं गुजर रहा था. जिससे कोई जनहानि नहीं हुई. बताया जा रहा है कि यह भवन करीब 250 साल पुराना है. जब जोशीमठ में भू धंसाव हुआ था, तब इस भवन पर भी दरार पड़ी थी. प्रशासन ने इस भवन को रेड जोन में रखा था.
![building Part Collapsed in Joshimath](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/28-06-2023/18869591_joshimath.jpg)
जोशीमठ के नृसिंह मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते स्थित पर यह भवन काफी पुराना है. जो पारंपरिक शैली में बनाई गई है. जो करीब दो सौ साल से खड़ा था, लेकिन जोशीमठ में दरार और भू धंसाव के चलते इसकी नींव हिल गई थी. इसके अलावा बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश की वजह से भी मकान की नींव और ज्यादा असर पड़ा.
आज मकान का आधा हिस्सा टूटकर नृसिंह मंदिर को जाने वाले पैदल मार्ग पर गिर गया. गनीमत रही कि इस दौरान कोई भी तीर्थ यात्री इस रास्ते से नहीं गुजर रहा था. नृसिंह मंदिर के सभासद गौरव नम्बूदरी ने बताया कि यह भवन उनका ही है. इस पर संयुक्त रूप से कम से कम आठ से दस परिवार रहते थे. मकान करीब ढाई सौ साल पुराना है. उन्होंने बताया कि बीते दिनों की बरसात के बाद मकान कमजोर हो गया था. नुकसान की सूचना प्रशासन और नगर पालिका को दे दी गई है.
![building Part Collapsed in Joshimath](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/28-06-2023/18869591_joshimath2.jpg)
गौर हो कि उत्तराखंड का जोशीमठ दरार की वजहों से सुर्खियों में है. बीते साल नवंबर महीने में यहां दरार पड़नी शुरू हो गई थी. मकानों से लेकर होटल, सड़कों और खेतों में दरार देखने को मिली थी. जिसके चलते प्रशासन ने एहतियातन जोशीमठ के दरारग्रस्त जगहों से लोगों को विस्थापित किया था. साथ ही जोखिम वाले मकान और होटलों को धवस्त किया था. चूंकि, जोशीमठ पौराणिक नगर है तो यहां पारंपरिक शैली के मकान भी हैं, जो अब कमजोर हो चुके हैं.
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