नई दिल्ली: ओला इलेक्ट्रिक के भाविश अग्रवाल ने टेस्ला के बॉस एलन मस्क के ट्वीट का जवाब दिया है. एक दिन पहले एलन मस्क ने ट्वीट किया था कि यूएस-आधारित इलेक्ट्रिक कार निर्माता भारत में तब तक निर्माण नहीं करेगा, जब तक कि उसे देश में अपनी कारों को बेचने और सर्विस की अनुमति नहीं दी जाती.
देश में टेस्ला का प्रवेश 2019 से रुका हुआ है क्योंकि भारत 40000 डॉलर या उससे कम कीमत वाले ईवीएस पर 60% आयात शुल्क लगाता है. 40000 डॉलर से अधिक कीमत वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क 100% है. अग्रवाल का यह बयान तब आता है जब घरेलू ईवी निर्माता अपने सेल और इलेक्ट्रिक वाहन कारखानों के निर्माण के लिए साइटों की तलाश कर रहा है. ओला इलेक्ट्रिक को अपनी सेल गीगा फैक्ट्री और इलेक्ट्रिक कार फैक्ट्री बनाने के लिए 1000 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी. जिसमें 10000 करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान है.
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फर्म के पास पहले से ही तमिलनाडु के कृष्णागिरी में 500 एकड़ जमीन है. जहां उसने दुनिया की सबसे बड़ी टू-व्हीलर फ्यूचर फैक्ट्री बनाई है. एक और जगह 1000 एकड़ भूमि के लिए ओला की वर्तमान योजनाओं में इसके बहुप्रतीक्षित ऑटोमोबाइल कारखाने के लिए अलग चार पहिया संयंत्र, साथ ही इसके दो और चार पहिया उत्पादों के लिए पार्ट्स की आपूर्ति के लिए प्रस्तावित सेल गीगा फैक्ट्री शामिल है.
अग्रवाल पहले ही कह चुके हैं कि ओला अगले 2-3 वर्षों में अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार की शुरुआत करेगी. जिसका उत्पादन 2W के लिए मौजूदा फ्यूचर फैक्ट्री से अलग एक नए 4W प्लांट में किया जाएगा. भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर बुलिश है और उसने मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग को बढ़ाने के लिए कई प्रोत्साहन पेश किए हैं.
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