बालासोर/भुवनेश्वर : ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार शाम कोरोमंडल एक्सप्रेस और बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने से जुड़े रेल हादसे में मृतक संख्या शनिवार को बढ़कर 288 हो गई. देश के सबसे भीषण रेल हादसों में शामिल इस दुर्घटना में 900 यात्री घायल हुए हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्थिति का जायजा लेने के लिए शनिवार अपराह्न भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से बालासोर पहुंचे. प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, धर्मेंद्र प्रधान के साथ रेल दुर्घटना स्थल का जायजा लिया.
इस बीच, अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार को हुए भीषण ट्रेन हादसे के कारण जमीन में धंस गए एक डिब्बे को शनिवार को क्रेन और बुलडोजर की मदद से ऊपर लाने की कोशिश की गई. यह आखिरी डिब्बा है, जिस तक बचावकर्ता अभी तक पहुंच नहीं पाए हैं. अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन का यह डिब्बा एक अन्य ट्रेन के डिब्बे के उसके ऊपर गिरने के कारण धंस गया है और उसे निकाले जाने के बाद मृतक संख्या बढ़ने की आशंका है.
भारतीय रेलवे ने इस हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. ओडिशा के मुख्य सचिव पीके जेना ने शनिवार को यहां संवाददाताओं से कहा, '(बचाव कार्य के लिए) केवल एक डिब्बा बचा है, जो बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), ओडिशा आपदा मोचन कार्य बल (ओडीआरएएफ) और दमकल सेवा अब भी डिब्बे को काटने और हताहतों को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं.'
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ओडिशा में हुई ट्रेन दुर्घटना के संबंध में स्थिति की समीक्षा के लिए शनिवार को एक बैठक की. इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया. ताजा आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, बचाव अभियान जारी है और एक डिब्बा बचावकर्मियों के लिए चुनौती बना हुआ है. आंकड़ों के अनुसार, मृतक संख्या 261 है और 1,000 लोग घायल हुए हैं.
दक्षिण पूर्वी रेलवे के प्रवक्ता आदित्य चौधरी ने शनिवार को कहा, 'बालासोर रेल हादसे में मृतक संख्या बढ़कर 288 हो गई है.' अन्य अधिकारियों ने बताया कि केवल आखिरी यात्री डिब्बे में काम बचा है और इसके अलावा मलबा हटाया जाना और पटरियों को खाली किया जाना भी बाकी है. भुवनेश्वर में अधिकारियों ने बताया कि 1,200 कर्मियों के अलावा 200 एंबुलेंस, 50 बस और 45 सचल स्वास्थ्य इकाइयां दुर्घटनास्थल पर काम कर रही हैं.
अधिकारियों ने बताया कि वायुसेना ने गंभीर रूप से घायल यात्रियों को बाहर निकालने के लिए चिकित्सकीय दलों के साथ दो हेलीकॉप्टर भेजे हैं. उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, कोलकाता से करीब 250 किलोमीटर दक्षिण में बालासोर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन के पास शुक्रवार शाम करीब सात बजे हुआ यह हादसा भारतीय रेल इतिहास का अब तक का चौथा सबसे भीषण हादसा है. रेल मंत्रालय ने इस दुर्घटना की जांच के आदेश दिए हैं.
भारतीय रेलवे ने एक बयान में बताया कि इस ट्रेन दुर्घटना की जांच दक्षिण-पूर्वी प्रखंड के रेलवे सुरक्षा आयुक्त एएम चौधरी करेंगे. रेलवे सुरक्षा आयुक्त नागर विमानन मंत्रालय के अधीन काम करता है. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि हादसा किस वजह से हुआ, लेकिन सूत्रों ने संकेत दिया है कि इसका संभावित कारण सिग्नल में गड़बड़ी होना है. रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक, हावड़ा जा रही 12864 बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस के कई डिब्बे बाहानगा बाजार में पटरी से उतर गए और दूसरी पटरी पर जा गिरे.
अधिकारी ने कहा, 'पटरी से उतरे ये डिब्बे 12841 शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस से टकरा गए और इसके डिब्बे भी पलट गए.' उन्होंने बताया कि चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरने के बाद एक मालगाड़ी से टकरा गए, जिससे मालगाड़ी भी दुर्घटना की चपेट में आ गई. रेलवे के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने बताया कि पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतरी और इसके 10-12 डिब्बे बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस की पटरी पर जा गिरे.
विपक्ष ने ओडिशा ट्रेन हादसे पर शोक जताया और इस दुर्घटना को लेकर सरकार की निंदा की. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सांसद बिनॉय विश्वम ने इस दुर्घटना को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग की. पटरी से उतरे डिब्बों के नीचे से शवों को निकालने के लिए गैस कटर का इस्तेमाल किया गया. हादसे के बारे में एक यात्री ने कहा, 'दुर्घटना के दृश्य इतने वीभत्स हैं कि उन्हें शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता.'
इस दुर्घटना के बाद रेल पटरियां लगभग पूरी तरह से ध्वस्त हो गई हैं और रेलगाड़ियों के कुछ डिब्बे एक-दूसरे पर चढ़े हुए हैं, जबकि कुछ डिब्बे टकराने के कारण पलट गए हैं. पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में ब्रह्मपुर के रहने वाले पीयूष पोद्दार कोरोमंडल एक्सप्रेस से तमिलनाडु जा रहे थे, तभी यह दुर्घटना हुई. उन्होंने कहा, 'हमें झटका लगा और अचानक हमने ट्रेन के डिब्बे को एक तरफ मुड़ते देखा. ट्रेन इतनी तेजी से पटरी से उतरी कि हममें से कई लोग डिब्बे से बाहर गिर गए. हमने अपने चारों तरफ शव पड़े हुए देखे.'
स्थानीय लोग यात्रियों के चीखने की आवाजें सुनकर घटनास्थल की तरफ दौड़े और उन्होंने वहां पटरी से उतरे ट्रेन के डिब्बे देखे, जो स्टील के बिखरे हुए ढेर की तरह लग रहे थे. रूपम बनर्जी नाम की एक यात्री ने संवाददाताओं से कहा, 'स्थानीय लोग तुरंत हमारी मदद करने के लिए आए... उन्होंने न केवल लोगों को बाहर निकालने में मदद की, बल्कि हमारा सामान निकाला और हमें पानी पिलाया.'
बालासोर जिला अस्पताल एक युद्ध क्षेत्र की तरह लग रहा है, जहां घायल लोग गलियारे में स्ट्रेचर पर लेटे हुए हैं, क्योंकि कमरों में जगह नहीं है. चिकित्सा कर्मचारियों को घायल यात्रियों की मदद करने की कोशिश करते देखा गया, जिनमें से कई ओडिशा के अलावा अन्य राज्यों से हैं और बात करने की स्थिति में नहीं हैं. करीब 526 घायलों को बालासोर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि पुलिसकर्मी और स्थानीय लोग स्वेच्छा से यहां और कई अन्य अस्पतालों में रक्तदान कर रहे हैं. अस्पताल के मुर्दाघर में सफेद कफन में लिपटे शवों का ढेर लगा हुआ है, जिनमें से कई की अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाई है. अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि हादसे का शिकार हुए कई लोगों के रिश्तेदार अभी तक शहर नहीं पहुंच पाए हैं, क्योंकि प्रमुख रेल मार्ग पर दुर्घटना के कारण कई ट्रेन को रद्द कर दिया गया है, कई के मार्ग में परिवर्तन किया गया है और कई ट्रेन देरी से चल रही हैं.
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य में हुए भीषण ट्रेन हादसे के मद्देनजर शनिवार को एक दिवसीय राजकीय शोक घोषित किया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ओडिशा के बालासोर में शनिवार को उस स्थल का दौरा किया, जहां शुक्रवार को भीषण रेल दुर्घटना हुई थी. वैष्णव ने कहा कि अब मुख्य रूप से राहत एवं बचाव अभियान पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि दक्षिण-पूर्वी प्रखंड के रेलवे सुरक्षा आयुक्त ओडिशा में हुए रेल हादसे की जांच करेंगे.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रेल हादसे पर दुख जताया है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है. अधिकारियों ने बताया कि हादसे में घायल लोगों को जिले के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. रेल मंत्री ने मृतकों के परिजनों के लिए 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए दो-दो लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से मृतकों के परिजनों के लिए दो-दो लाख रुपये और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये की अतिरिक्त अनुग्रह राशि की घोषणा की. रेल मंत्री वैष्णव, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई नेता राहत एवं बचाव कार्य की समीक्षा के लिए शनिवार सुबह दुर्घटनास्थल पहुंचे.
(पीटीआई-भाषा)