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Rath Yatra ...तो इसलिये होता है महाप्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा का आयोजन, जानें इससे जुड़ी परंपराएं

आमजन में जगन्नाथ रथ यात्रा और भगवान के रथ को (Significance of mahaprabhu jagannath rath yatra) लेकर हमेशा श्रद्धा और उत्सुकता रहती है. महाप्रभु जगन्नाथ जी रथ यात्रा 1 जुलाई 2022, शुक्रवार को आयोजित होगी. Odisha puri jagannath rath yatra 1 july 2022

odisha puri jagannath rath yatra 1 july 2022
भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा 2022
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Published : Jul 1, 2022, 12:49 PM IST

ईटीवी भारत डेस्क: ओडिशा के साथ देशभर में सबसे प्रतीक्षित त्योहारों में एक जगन्नाथ रथ यात्रा एक वार्षिक आयोजन है. इस बार भगवान जगन्नाथ जी रथ यात्रा 1 जुलाई 2022, शुक्रवार को आयोजित होगी। पुरी में रथ यात्रा निकाली जाती है. यह त्योहार पारंपरिक उड़िया कैलेंडर के अनुसार शुक्ल पक्ष, आषाढ़ महीने के दूसरे दिन मनाया जाता है. रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ (श्रीकृष्ण), उनकी बहन देवी सुभद्रा और उनके बड़े भाई भगवान बलभद्र को समर्पित है.इसे गुंडिचा यात्रा, रथ उत्सव, दशावतार और नवदीना यात्रा के नाम से भी जाना जाता है.

भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा 2022

श्री जगन्नाथ मंदिर में जनजातीय परंपराओं की भी है भूमिका, मृत्युलोक का बैकुंठ है भगवान का ये धाम

ऐसा माना जाता है कि (Significance of mahaprabhu jagannath rath yatra) हर साल भगवान जगन्नाथ अपने भक्तों की मनोकामना पूरी करने के लिए कुछ दिनों के लिए अपने जन्मस्थान मथुरा की यात्रा करना चाहते हैं. यह यात्रा हर साल जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक आयोजित की जाती है. यात्रा शुरू होने से पहले, स्नान पूर्णिमा के दिन मूर्तियों को 109 बाल्टी पानी से स्नान कराया जाता है, फिर उन्हें जुलूस के दिन तक अलग-थलग रखा जाता है.

रथ यात्रा (Odisha puri jagannath rath yatra 1 july 2022) के दौरान एक विशाल जुलूस निकाला जाता है, जिसमें तीन देवताओं की लकड़ी की मूर्तियों को जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर (Gundicha Mandir) ले जाया जाता है. इन मूर्तियों को आकर्षक रथों में विराजमान किया जाता है. जुलूस के दौरान चारों ओर मंत्रोच्चार और शंख की आवाज सुनी जा सकती है.

VIDEO : रथयात्रा के लिये महीनों पहले इस शुभ मुहूर्त में होती है शुरुआत, सदियों पहले बने नियमों के आधार पर बनते हैं रथ

ईटीवी भारत डेस्क: ओडिशा के साथ देशभर में सबसे प्रतीक्षित त्योहारों में एक जगन्नाथ रथ यात्रा एक वार्षिक आयोजन है. इस बार भगवान जगन्नाथ जी रथ यात्रा 1 जुलाई 2022, शुक्रवार को आयोजित होगी। पुरी में रथ यात्रा निकाली जाती है. यह त्योहार पारंपरिक उड़िया कैलेंडर के अनुसार शुक्ल पक्ष, आषाढ़ महीने के दूसरे दिन मनाया जाता है. रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ (श्रीकृष्ण), उनकी बहन देवी सुभद्रा और उनके बड़े भाई भगवान बलभद्र को समर्पित है.इसे गुंडिचा यात्रा, रथ उत्सव, दशावतार और नवदीना यात्रा के नाम से भी जाना जाता है.

भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा 2022

श्री जगन्नाथ मंदिर में जनजातीय परंपराओं की भी है भूमिका, मृत्युलोक का बैकुंठ है भगवान का ये धाम

ऐसा माना जाता है कि (Significance of mahaprabhu jagannath rath yatra) हर साल भगवान जगन्नाथ अपने भक्तों की मनोकामना पूरी करने के लिए कुछ दिनों के लिए अपने जन्मस्थान मथुरा की यात्रा करना चाहते हैं. यह यात्रा हर साल जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक आयोजित की जाती है. यात्रा शुरू होने से पहले, स्नान पूर्णिमा के दिन मूर्तियों को 109 बाल्टी पानी से स्नान कराया जाता है, फिर उन्हें जुलूस के दिन तक अलग-थलग रखा जाता है.

रथ यात्रा (Odisha puri jagannath rath yatra 1 july 2022) के दौरान एक विशाल जुलूस निकाला जाता है, जिसमें तीन देवताओं की लकड़ी की मूर्तियों को जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर (Gundicha Mandir) ले जाया जाता है. इन मूर्तियों को आकर्षक रथों में विराजमान किया जाता है. जुलूस के दौरान चारों ओर मंत्रोच्चार और शंख की आवाज सुनी जा सकती है.

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