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Odisha News: पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के साथ ओटीपी साझा करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, ITI शिक्षक समेत तीन गिरफ्तार - पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स

ओडिशा के भुवनेश्वर में स्पेशल टास्क फोर्स ने तीन लोगों को देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार किया है. तीनों आरोपी सिम के ओटीपी देश विरोधी तत्वों को बेच रहे थे. पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने धोखाधड़ी से दूसरों के नाम पर सिम कार्ड खरीदे थे.

Sim card OTP sharing gang busted in Odisha
ओडिशा में सिम कार्ड ओटीपी साझा करने वाले गिरोह का भंडाफोड़
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Published : May 14, 2023, 7:54 PM IST

भुवनेश्वर: स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने कुछ अपराधियों और देश विरोधी तत्वों के साथ सिम का ओटीपी बेचने और साझा करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान पठानीसामंत लेंका, सरोज कुमार नायक और सौम्या पटनायक के रूप में हुई है. पठानीसामंत लेंका एक आईटीआई शिक्षक हैं. आरोपियों को रविवार को क्रमश: नयागढ़ और जाजपुर जिले से गिरफ्तार किया गया.

एसटीएफ की छापेमारी के बाद तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया. एसटीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि आरोपी धोखाधड़ी से दूसरों के नाम पर बड़ी संख्या में सिम कार्ड खरीद रहे थे और उनका इस्तेमाल पाकिस्तान के साथ-साथ भारत में कुछ पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स (पीआईओ)/आईएसआई एजेंटों सहित विभिन्न ग्राहकों को ओटीपी (सिम का उपयोग करके लिंक/जनरेट) बेचने के लिए करते थे.

इसके बदले में उन्हें भारत में स्थित कुछ पाकिस्तानी एजेंटों द्वारा भुगतान किया जाता था. एसटीएफ अधिकारियों ने कहा कि इसके अलावा, वे एक महिला पीआईओ एजेंट के संपर्क में थे, जिसे पिछले साल राजस्थान में एक आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम/हनी-ट्रैप मामले में गिरफ्तार किया गया था. ओटीपी का उपयोग व्हाट्सएप, टेलीग्राम, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया पर और अमेज़ॅन, फ्लिपकार्ट आदि जैसी ऑनलाइन शॉपिंग साइटों पर विभिन्न खातों/चैनलों को बनाने के लिए किया गया था.

इनका उपयोग ईमेल अकाउंट खोलने में भी किया जाता है. अधिकांश ने सोचा कि ये खाते एक भारतीय के स्वामित्व में हैं, लेकिन वास्तव में पाकिस्तान से संचालित किए जा रहे थे. एसटीएफ के अधिकारी ने कहा कि इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार की भारत विरोधी गतिविधियों में किया जा रहा था, जैसे कि जासूसी, आतंकवादियों के साथ संचार, कट्टरता, भारत विरोधी प्रचार चलाना, सोशल मीडिया पर भारत विरोधी / विभाजनकारी भावनाओं को हवा देना, सेक्सटॉर्शन और हनी-ट्रैपिंग आदि शामिल हैं.

पढ़ें: Bypolls 2023 Result Update: 'आप' ने जीता जालंधर लोस सीट, सोहियोंग में यूडीपी और झारसुगुड़ा में बीजद को मिली जीत

चूंकि ये खाते भारतीय मोबाइल नंबरों से पंजीकृत/लिंक हैं, इसलिए लोग उन्हें भरोसेमंद पाते हैं. ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म पर खोले गए खातों का इस्तेमाल आतंकवादियों, भारत विरोधी तत्वों आदि को वस्तुओं की आपूर्ति करने के लिए भी किया जाता है. एसटीएफ द्वारा छापेमारी के दौरान 19 महंगे मोबाइल फोन जैसे एप्पल मोबाइल, 47 सिम कार्ड, 61 एटीएम कार्ड और 23 सिम कवर जब्त किए गए.

भुवनेश्वर: स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने कुछ अपराधियों और देश विरोधी तत्वों के साथ सिम का ओटीपी बेचने और साझा करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान पठानीसामंत लेंका, सरोज कुमार नायक और सौम्या पटनायक के रूप में हुई है. पठानीसामंत लेंका एक आईटीआई शिक्षक हैं. आरोपियों को रविवार को क्रमश: नयागढ़ और जाजपुर जिले से गिरफ्तार किया गया.

एसटीएफ की छापेमारी के बाद तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया. एसटीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि आरोपी धोखाधड़ी से दूसरों के नाम पर बड़ी संख्या में सिम कार्ड खरीद रहे थे और उनका इस्तेमाल पाकिस्तान के साथ-साथ भारत में कुछ पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव्स (पीआईओ)/आईएसआई एजेंटों सहित विभिन्न ग्राहकों को ओटीपी (सिम का उपयोग करके लिंक/जनरेट) बेचने के लिए करते थे.

इसके बदले में उन्हें भारत में स्थित कुछ पाकिस्तानी एजेंटों द्वारा भुगतान किया जाता था. एसटीएफ अधिकारियों ने कहा कि इसके अलावा, वे एक महिला पीआईओ एजेंट के संपर्क में थे, जिसे पिछले साल राजस्थान में एक आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम/हनी-ट्रैप मामले में गिरफ्तार किया गया था. ओटीपी का उपयोग व्हाट्सएप, टेलीग्राम, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया पर और अमेज़ॅन, फ्लिपकार्ट आदि जैसी ऑनलाइन शॉपिंग साइटों पर विभिन्न खातों/चैनलों को बनाने के लिए किया गया था.

इनका उपयोग ईमेल अकाउंट खोलने में भी किया जाता है. अधिकांश ने सोचा कि ये खाते एक भारतीय के स्वामित्व में हैं, लेकिन वास्तव में पाकिस्तान से संचालित किए जा रहे थे. एसटीएफ के अधिकारी ने कहा कि इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल विभिन्न प्रकार की भारत विरोधी गतिविधियों में किया जा रहा था, जैसे कि जासूसी, आतंकवादियों के साथ संचार, कट्टरता, भारत विरोधी प्रचार चलाना, सोशल मीडिया पर भारत विरोधी / विभाजनकारी भावनाओं को हवा देना, सेक्सटॉर्शन और हनी-ट्रैपिंग आदि शामिल हैं.

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चूंकि ये खाते भारतीय मोबाइल नंबरों से पंजीकृत/लिंक हैं, इसलिए लोग उन्हें भरोसेमंद पाते हैं. ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म पर खोले गए खातों का इस्तेमाल आतंकवादियों, भारत विरोधी तत्वों आदि को वस्तुओं की आपूर्ति करने के लिए भी किया जाता है. एसटीएफ द्वारा छापेमारी के दौरान 19 महंगे मोबाइल फोन जैसे एप्पल मोबाइल, 47 सिम कार्ड, 61 एटीएम कार्ड और 23 सिम कवर जब्त किए गए.

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