वाराणसी: राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने के बाद जमकर राजनीति हो रही है. इन सबके बीच वाराणसी से बीजेपी राहुल गांधी को लेकर लगातार हमला कर रही है. शुक्रवार दोपहर में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी के मैदान में मंच से राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला था. उन्होंने देश में और यूपी में हो रहे विकास से राहुल गांधी को परेशान होने की बात करते हुए भारत का नाम बदनाम करने का आरोप भी लगाया. इन सबके बीच बीजेपी के लीगल प्रकोष्ठ की तरफ से राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने के बाद उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर अब तक मेंबर ऑफ पार्लियामेंट लिखे जाने पर आपत्ति जताई है.
राहुल गांधी के ऑफिस को इस बाबत तत्काल इसे एक्स मेंबर ऑफ पार्लियामेंट करने का मेल किया गया है. लीगल प्रकोष्ठ के संयोजक एडवोकेट शशांक शेखर त्रिपाठी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह कहा है कि इस संदर्भ में राहुल गांधी के ऑफिस को इसकी लिखित सूचना उनके द्वारा दी गई है और यदि 24 घंटे के अंदर उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर मेंबर ऑफ पार्लियामेंट से बदलकर इसकी जगह एक्स मेंबर ऑफ पार्लियामेंट नहीं किया जाएगा तो राहुल गांधी के खिलाफ लीगल एक्शन के लिए और कार्रवाई आगे बढ़ाएंगे.
एडवोकेट शशांक शेखर त्रिपाठी ने प्रेस विज्ञप्ति के जरिए लिखा है कि राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता राहुल गांधी को सजा होने के दिनांक अर्थात 23 मार्च 2023 के दिन से लोकसभा द्वारा समाप्त कर दी गई है और केरल की वायनाड सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया है. ऐसी सूचना लोकसभा के सेक्रेटरी जनरल द्वारा जारी की गई है परंतु फिर भी राहुल गांधी द्वारा अपने ट्विटर अकाउंट पर अपने को सांसद (member of parliament ) लिखा जा रहा है, जोकि अत्यंत आपत्तिजनक व अपराध है.
भारतीय जनता पार्टी विधि प्रकोष्ठ काशी क्षेत्र के संयोजक द्वारा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला व राष्ट्रपति भवन को ट्वीट कर यह मांग की गई है कि राहुल गांधी के खिलाफ गलत सूचना प्रसारित करने व मेंबर ऑफ पार्लियामेंट नहीं होने के बावजूद अपने को मेंबर ऑफ पार्लियामेंट लिखने के अपराध के संदर्भ में विधि सम्मत कार्यवाही होनी चाहिए. शशांक शेखर त्रिपाठी एडवोकेट द्वारा बताया गया कि इस संबंध का एक मांग पत्र भी प्रधानमंत्री कार्यालय व राष्ट्रपति कार्यालय तथा लोकसभा अध्यक्ष को प्रेषित किया जाएगा. उन्होंने लिखा है की मेरे द्वारा राहुल गांधी को यह लीगल नोटिस प्रेषित कर यह मांग की गई है कि यदि 24 घंटे के अंदर आप अपने को एक्स मेंबर ऑफ पार्लियामेंट नहीं लिखते हैं तो आप के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई करूंगा.