नई दिल्ली: नर्सिंग और मिडवाइफरी विशेषज्ञों (Nursing and Midwifery Specialists ) के नेतृत्व में मंगलवार को हुई एक पैनल चर्चा ने केंद्र और राज्य स्तर पर नर्सिंग निदेशालयों (Nursing Directorates) द्वारा भारत में 43 लाख नर्सों की कमी को दूर करने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया.
स्वतंत्र थिंक टैंक ‘थिंक चेंज फोरम’ द्वारा आयोजित 'इज इंडियाज नर्सिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर रेडी फॉर अदर वेव' शीर्षक पर चर्चा में कहा गया है कि नर्सों के लिए एक विशेष मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली, और नर्स एवं दाइयों को बनाए रखने के लिए एक जीवंत प्रौद्योगिकी आधारित रजिस्टर जैसे कुछ मुद्दों पर नीति निर्माताओं को तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है.
फोरम ने एक बयान में कहा, 'भारत में 30 लाख से अधिक पंजीकृत नर्स और दाइयां हैं जो देश की 1.3 अरब आबादी की देखभाल के लिए जिम्मेदार हैं, जो पूरी तरह से अपर्याप्त है. यह प्रति 1,000 जनसंख्या पर 3 नर्सों के विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानदंड से कम है और भारत को डब्ल्यूएचओ के निर्धारित मानदंडों को पूरा करने के लिए 2024 तक 43 लाख से अधिक नर्सों को जोड़ने की आवश्यकता है.'
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चर्चा के दौरान, इंडियन नर्सिंग काउंसिल के अध्यक्ष डॉ टी दिलीप कुमार ने नर्सिंग नेतृत्व और नर्सों को नीति निर्माण का हिस्सा बनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला.
(पीटीआई-भाषा)