नई दिल्ली : राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) जल्द ही ऐसी तकनीक वाले डिटेक्टर खरीदने की तैयारी में है जिनसे आतंकवादियों और असामाजिक तत्वों द्वारा लगाए गए विस्फोटकों को आसानी से पकड़ा जा सकेगा.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ऐसे उच्च गुणवत्ता वाले डिटेक्टरों की बाजार उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विक्रेताओं और संभावित निर्माता से टिप्पणियां आमंत्रित की हैं. गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'ईटीवी भारत को बताया कि एनएसजी ने एक ड्राफ्ट क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट्स (क्यूआरएस) भेजा है, जिसमें विक्रेताओं को ऐसे उपकरणों की उपलब्धता के साथ आने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है. एनएसजी आयन मोबिलिटी स्पेक्ट्रोमेट्री (आईएमएस) या एम्प्लीफाइंग फ्लोरेसेंट पॉलिमर (एएफपी) या मॉस स्पेक्ट्रोमेट्री (एमएस) या माइक्रो सेंसर जैसी डिटेक्टर तकनीक चाहती है.
मंत्रालय द्वारा जारी क्यूआरएस के अनुसार, डिटेक्टर विस्फोटक, विभिन्न रासायनिक के साथ-साथ जहरीले रसायनों के साथ विस्फोटक का पता लगाने में सक्षम होना चाहिए.
इस तरह के एक नवीनतम विस्फोटक डिटेक्टर के लिए एनएसजी की तलाश इस तथ्य के बाद महत्वपूर्ण हो जाती है कि हाल के दिनों में राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा एजेंसियों ने विभिन्न स्थानों से उच्च गुणवत्ता वाले विस्फोटकों का पता लगाया है. शुरुआती फोरेंसिक जांच के अनुसार, पिछले सप्ताह सीमापुरी से बरामद आईईडी में सैन्य ग्रेड आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था.
इसी तरह जनवरी में गाजीपुर फूल बाजार से भी आरडीएक्स बरामद किया गया था. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के पूर्व महानिदेशक प्रकाश सिंह ने बल में नवीनतम विस्फोटक का पता लगाने वाले उपकरणों को पेश करने के लिए एनएसजी द्वारा की गई पहल की सराहना की है.
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सिंह ने कहा, 'हमने देखा है कि आजकल क्या हो रहा है. सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए आतंकवादी अत्यधिक तात्कालिक विस्फोटकों का उपयोग कर रहे हैं. यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हमारे बलों के पास ऐसे विस्फोटकों का पता लगाने वाले उपकरण होने चाहिए.' उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस को भी ऐसे उपकरणों से लैस किया जाना चाहिए.
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