नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की शुक्रवार से संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है. जानकारी के लिए बता दें कि वह केरल की वायनाड सीट से लोकसभा सांसद थे. उन्हें संसद की ओर से अयोग्य घोषित कर दिया गया है. सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के मामले में उन्हें दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है.
बता दें कि इस निर्णय को लेकर लोकसभा सचिवालय ने एक नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी पहले ऐसे नेता नहीं हैं, जिनकी संसद सदस्यता को रद्द किया गया है. भारतीय राजनीति में पहले भी ऐसे कई नेता रहे हैं, जिन्हें अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद उनकी संसद सदस्यता रद्द की गई है. यहां हम आपको ऐसे ही कुछ नेताओं के बारे में बताने जा रहे हैं.
1. लालू यादव - राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी)
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद (किसी नेता को दो साल या उससे ज्यादा की सजा मिलने पर सदस्यता खत्म करने का फैसला) राष्ट्रीय जनता दल के चीफ लालू प्रसाद यादव पहले ऐसे नेता थे, जिनकी संसद सदस्या रद्द की गई थी. उन्हें बिहार के चारा घोटाले में दोषी पाया गया था और पांच साल के कारावास और 25 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी. जिसके बाद लालू प्रसाद यादव को लोकसभा सचिवालय ने संसद के अयोग्य घोषित कर दिया था.
2. जगदीश शर्मा - जनता दल (युनाइटेड)
राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव के साथ जनता दल (युनाइटेड) के सांसद जगदीश शर्मा भी चारा घोटाले में दोषी पाए गए थे. उन्हें भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद उनकी संसद सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी. उस दौरान वह बिहार के जहानाबाद सीट से सांसद थे. लालू यादव बाद वह दूसरे नेता बने थे, जिन्हें लोकसभा सचिवालय ने अयोग्य घोषित किया था.
3. आजम खान - समाजवादी पार्टी
समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता और उत्तर प्रदेश की रामपुर विधानसभा सीट से विधायक रह चुके आजम खान को भी संसद से अयोग्य घोषित किया गया था. बता दें कि आजम खान यूपी की रामपुर सीट से 10 बार विधायक रहने के साथ-साथ सांसद भी रह चुके हैं. आजम खान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी करने के मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई थी. हालांकि अदालत से सजा मिलने के बाद वह जमानत पर छूट गए थे, लेकिन वह विधानसभा की सदस्यता खो बैठे थे.
4. अब्दुल्ला आजम - समाजवादी पार्टी
आजम खान की तरह ही उनके बेटे अब्दुल्ला आजम भी समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता हैं. लेकिन मुरादाबाद की एक विशेष अदालत ने उन्हें 15 साल पुराने मामले में 2 साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद ही उनकी भी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी. उन्होंने रामपुर की स्वार सीट से चुनाव जीत विधायक पद हासिल किया था.
5. विक्रम सैनी - भारतीय जनता पार्टी
साल 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगे तो आपको याद ही होंगे. इस मामले में मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा सीट से विधायक रहे विक्रम सैनी को दोषी पाया गया था और उन्हें भी विधानसभा के अयोग्य घोषित किया गया था और उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी. सांमप्रदायिक दंगों के दौरान वह जिला पंचायत सदस्य थे और दोषी पाए जाने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था. हालांकि बाहर निकलने के बाद उन्हें भारतीय जनता पार्टी से टिकट मिला था और उन्होंने जीत हासिल की थी.
6. ममता देवी
झारखंड की रामगढ़ विधानसभा सीट से विधायक रहीं ममता देवी भी अयोग्य घोषित हो चुकी हैं. बता दें कि ममता देवी को साल 2016 में हुए दंगे और हत्या के मामले में हजारीबाग की एक विशेष अदालत ने दोषी पाया था और उन्हें पांच साल की सजा सुनाई थी. अदालत से सजा मिलने के बाद ही ममता देवी की सदस्यता रद्द कर दी गई थी.
7. कुलदीप सिंह सेंगर - भारतीय जनता पार्टी
उत्तर प्रदेश के उन्नाव में बहुचर्चित रेप कांड के मामले में भारतीय जनता पार्टी के विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर को अदालत ने दोषी ठहराया था. जिसके बाद उनकी सदस्यता रद्द हो गई थी. इर रेप कांड में अदालत ने कुलदीप सिंह सेंगर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.