नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत के भाजपा में शामिल होने के बाद उनके विभागों को लेकर अपडेट सामने आया है. खबर है कि कैलाश गहलोत के पास जितने भी विभाग थे, वो सभी अब मुख्यमंत्री आतिशी के पास रहेंगे. दिल्ली सीएमओ के एक बयान में कहा गया कि कैलाश गहलोत परिवहन, प्रशासनिक सुधार, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, गृह और महिला एवं बाल विकास के प्रभारी थे.
'आप' छोड़ने के लिए किया गया मजबूर: वहीं, आप सांसद संजय सिंह ने दावा किया कि कैलाश गहलोत को यह कदम इसलिए उठाना पड़ा क्योंकि भाजपा ने उन पर 112 करोड़ रुपये की हेराफेरी का आरोप लगाया है. साथ ही पिछले कुछ दिनों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके घर पर कई बार छापेमाराी की. कैलाश गहलोत का इस्तीफा भाजपा की गंदी राजनीति और साजिश का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर महत्वाकांक्षाओं ने लोगों की सेवा करने की अपनी मूल प्रतिबद्धता को पीछे छोड़ दिया है.
#WATCH | On being asked if former AAP leader Kailash Gahlot is joining BJP today, AAP National Convenor Arvind Kejriwal says " he is free, he can go wherever he wants..." pic.twitter.com/HyjOC1qZuW
— ANI (@ANI) November 18, 2024
गहलोत का इस्तीफा स्वीकार: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी कैलाश गहलोत का इस्तीफा स्वीकार कर चुकी हैं. गौरतलब है कि गहलोत ने अपने त्यागपत्र में पार्टी के लोगों के अधिकारों की वकालत करने से लेकर अपने स्वयं के राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने की आलोचना की. उन्होंने कहा कि इस बदलाव ने 'आप' की दिल्ली के निवासियों को बुनियादी सेवाएं प्रदान करने की क्षमता को बाधित किया है.
#WATCH | Union Minister Manohar Lal Khattar says " today, delhi's former minister kailash gahlot has joined the bjp. this is a turning point in delhi's politics as a senior minister of the delhi govt has joined the bjp...i am sure that you must have seen the work of pm modi and… https://t.co/1frzzmY8nd pic.twitter.com/B5q4eCQwz6
— ANI (@ANI) November 18, 2024
अधूरे वादों का दिया हवाला: कैलाश गहलोच ने कहा, लोगों ने सवाल उठाया है कि क्या AAP अभी भी "आम आदमी" की पार्टी होने की अपनी प्रतिबद्धता को बरकरार रखती है. उन्होंने यमुना नदी की सफाई में विफलता सहित आंतरिक चुनौतियों और अधूरे वादों का भी हवाला दिया. साथ ही पार्टी द्वारा लोगों की सेवा करने से हटकर राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को प्राथमिकता देने की आलोचना की, जिसके कारण दिल्ली में बुनियादी सेवा वितरण में बाधा उत्पन्न हुई है.
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