अमृतसर: उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 31वीं बैठक के लिए गृह मंत्री अमित शाह अमृतसर पहुंचे, जहां उन्होंने बैठक की अध्यक्षता की. वहीं मुख्यमंत्री भगवंत मान ने खुद गृह मंत्री अमित शाह का स्वागत किया, जिसमें मुख्यमंत्री मान ने स्वागत समारोह के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को श्री दरबार साहिब का मॉडल भेंट किया. इस बैठक में पंजाब के राजापाल बनवारी लाल पुरोहित समेत पंजाब और कई अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए हैं.
इस बैठक में उनके द्वारा अपने राज्य से जुड़ी समस्याओं को इस बैठक में उठाया जा रहा है. इस मुलाकात के दौरान एक बार फिर एसवाईएल का मुद्दा उठा. जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि उनके पास किसी अन्य राज्य को देने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले से राज्य की कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है, इसलिए नहर बनाने का सवाल ही नहीं उठता.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस बैठक में चंडीगढ़ का मुद्दा भी उठाया, जिसमें मुख्यमंत्री मान ने कहा कि चंडीगढ़ का निर्माण पंजाब के कई गांवों को उजाड़कर किया गया है. इसलिए चंडीगढ़ का पंजाब की राजधानी का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी यह लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी होनी चाहिए.
बीबीएमबी में सदस्य पद की नियुक्ति का मामला: इसके साथ ही मुख्यमंत्री मान ने बीबीएमबी में मेंबर पावर नियुक्ति का मुद्दा भी उठाया. जिसमें उन्होंने खुली भर्ती के तहत सदस्य की नियुक्ति का विरोध किया और पुरानी प्रक्रिया बहाल करने की मांग की. मुख्यमंत्री मान ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय बिजली मंत्री से बात की है और यह भर्ती पंजाब पुनर्गठन अधिनियम, 1966 के तहत है.
बाढ़ के दौरान पानी मांगने वाले राज्य पीछे हट गए: सीएम भगवंत मान ने बैठक में बाढ़ का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने हरियाणा और राजस्थान पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले दिनों राज्य के 16 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए थे, लेकिन दुर्भाग्य से पानी मांगने वाले राज्यों ने उस समय पीठ दिखा दी. सीएम मान ने कहा कि उस समय कोई भी राज्य पानी लेने को तैयार नहीं था. मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए हमारे पास धन उपलब्ध है.
फर्जी ट्रैवल एजेंटों के मामले में सख्ती की जरूरत: इसके साथ ही फर्जी ट्रैवल एजेंटों के मामले में मुख्यमंत्री मान ने कहा कि ये बदमाश एजेंट भोले-भाले लोगों को ठगते हैं. ऐसे एजेंटों पर नकेल कसने के लिए उनका पंजाब जैसे अन्य राज्यों में पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए. इसके साथ ही भारतीय आव्रजन अधिनियम का सख्ती से पालन हो और डीसी व एसएसपी को अतिरिक्त शक्तियां देने की जरूरत है.