नई दिल्ली : कोरोना महामारी के कारण इस बार संसद का शीतकालीन सत्र नहीं कराए जाने के फैसले पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. कांग्रेस ने मंगलवार को सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि संसदीय लोकतंत्र को नष्ट करने का काम पूरा हो गया.
पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि सरकार ने इस फैसले को लेकर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के साथ किसी तरह का सलाह-मशविरा नहीं किया. रमेश ने ट्वीट किया, 'राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष से विचार-विमर्श नहीं किया गया. प्रह्लाद जोशी हमेशा की तरह एक बार फिर सच से दूर हैं.'
परीक्षाएं संभव तो संसद क्यों नहीं चल सकती: सुरजेवाला
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, 'मोदी जी, संसदीय लोकतंत्र को नष्ट करने का काम पूरा हो गया.' उन्होंने सवाल किया, 'कोरोना काल में नीट/जेईई और यूपीएससी की परीक्षाएं संभव हैं, स्कूलों में कक्षाएं, विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं संभव हैं, बिहार-बंगाल में चुनावी रैलियां संभव हैं तो संसद का शीतकालीन सत्र क्यों नहीं? जब संसद में जनता के मुद्दे ही नहीं उठेंगे तो लोकतंत्र का अर्थ ही क्या बचेगा?'
प्रह्लाद जोशी ने जताई थी चिंता
सरकार ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के कारण इस साल संसद का शीतकालीन सत्र नहीं होगा और इसके मद्देनजर अगले साल जनवरी में बजट सत्र की बैठक आहूत करना उपयुक्त रहेगा.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को लिखे एक पत्र में केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, 'सर्दियों का महीना कोविड-19 के प्रबंधन के लिहाज से बेहद अहम है, क्योंकि इसी दौरान कोरोना के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है, खासकर दिल्ली में. अभी हम दिसंबर मध्य में हैं और कोरोना का टीका जल्द आने की उम्मीद है.'
जोशी ने कहा कि 'उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से संपर्क स्थापित किया और उन्होंने भी महामारी पर चिंता जताते हुए शीतकालीन सत्र से बचने की सलाह दी.' उन्होंने कहा, इस वर्ष कोविड महामारी के कारण मानसून सत्र में भी देरी हुई थी. बजट सत्र जनवरी 2021 में बुलाना उपयुक्त होगा.'
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