नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि देश में पिछले साल दिसंबर के पहले सप्ताह में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप का पता लगने के बाद से अब तक वायरस के किसी चिंताजनक स्वरूप का पता नहीं चला है. स्वास्थ्य और कल्याण राज्यमंत्री भारती पवार ने लोकसभा में कांग्रेस सांसद एंटो एंटनी और राकेश सिंह के प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स संघ (इन्साकोग) के अनुसार, देश में दिसंबर, 2021 के प्रथम सप्ताह में ओमीक्रोन स्वरूप का पता लगने के बाद से लेकर अब तक कोरोना वायरस के किसी भी नए चिंताजनक स्वरूप का पता नहीं लगा है. पवार ने कहा कि देश में ओमीक्रोन के कई उप-स्वरूप व्याप्त हैं, लेकिन वायरस का यह स्वरूप और उसकी उप-जातियां संक्रमण के हल्के फुल्के लक्षणों से जुड़ी पाई गई हैं.
बच्चों में वयस्कों के मुकाबले कोरोना का कम गंभीर संक्रमण
इसके अलावा सरकार ने कहा है कि बच्चों में कोरोना वायरस का संक्रमण वयस्कों के मुकाबले कम गंभीर होता है. स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पवार ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही. उन्होंने कहा कि भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स संघ (इंसाकॉग) ने एक जनवरी, 2022 से 25 जुलाई, 2022 तक 18 साल की उम्र तक के लोगों से जुड़े नमूनों की जांच की तो 7,362 नमूनों में ओमीक्रॉन या इसके उप स्वरूप पाए गए तो 118 नमूनों में डेल्टा और इसके उप स्वरूप पाए गए.
मंत्री से सवाल किया गया था कि क्या बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे हैं तथा 12-18 और 5-12 वर्ष के आयुवर्ग के बच्चों के टीकाकरण की स्थिति क्या है? भारती पवार ने कहा, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, बच्चों में सार्स-सीओवी-2 का संक्रमण वयस्कों के मुकाबले कम गंभीर होता है.
उनके मुताबिक, इस साल 26 जुलाई तक, 12-18 वर्ष की आयुवर्ग के बच्चों को 9.96 करोड़ पहली खुराक (82.2 प्रतिशत कवरेज) और 7.79 करोड़ दूसरी खुराक (64.3 प्रतिशत कवरेज) दी जा चुकी हैं. उन्होंने कहा कि 12 साल से कम उम्र के बच्चों का टीकाकरण अभी आरंभ नहीं हुआ है.