ETV Bharat / bharat

मोबाइल टावर लगाने में कोई सरकारी हस्तक्षेप नहीं, कोई पैसे मांगे तो पुलिस से करें शिकायत : दूरसंचार विभाग

दूरसंचार विभाग (DoT) ने आम जनता को धोखाधड़ी वाली कंपनियों और व्यक्तियों से सुरक्षित रहने की चेतावनी दी है. विभाग ने ऐसे लोगों से सावधान रहने को कहा है जो मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए भारी मासिक किराये के भुगतान का वादा करके लोगों को ठगते हैं.

मोबाइल टावर लगाने में कोई सरकारी हस्तक्षेप नहीं, कोई पैसे मांगे तो पुलिस से करें शिकायत : दूरसंचार विभाग
मोबाइल टावर लगाने में कोई सरकारी हस्तक्षेप नहीं, कोई पैसे मांगे तो पुलिस से करें शिकायत : दूरसंचार विभाग
author img

By

Published : May 22, 2022, 7:55 AM IST

नई दिल्ली : दूरसंचार विभाग (DoT) ने आम जनता को धोखाधड़ी वाली कंपनियों और व्यक्तियों से सुरक्षित रहने की चेतावनी दी है. विभाग ने ऐसे लोगों से सावधान रहने को कहा है जो मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए भारी मासिक किराये के भुगतान का वादा करके लोगों को ठगते हैं. दूरसंचार विभाग ने एक बयान में कहा कि न तो भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) और न ही विभाग मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए किसी परिसर को पट्टे पर या किराए पर लेने में शामिल है. सरकार ने यह भी कहा कि वह मोबाइल टावर लगाने के लिए कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी नहीं करती है.

पढ़ें: मोबाइल टावर के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का सरगना गिरफ्तार, 500 से अधिक लोग हुए शिकार

DoT ने इस तरह की धोखाधड़ी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है. सरकार ने उन धोखेबाजों के खिलाफ भी जनता को आगाह किया है जो मोबाइल टावर लगाने के लिए दूरसंचार कंपनियों के नाम पर अग्रिम धन भी मांगते हैं. सरकार ने कहा कि कोई भी दूरसंचार सेवा प्रदाता टावर लगाने के लिए अग्रिम राशि नहीं मांगता है. अधिकारियों ने कहा कि जनता को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है. टावर की वास्तविक स्थापना से पहले कंपनी, एजेंसी, जो अग्रिम या आवेदन शुल्क या पैसे के लिए देने के लिए कहे तो उसकी जांच करें और आवश्यक लगे तो पुलिस से भी मदद लें. अधिकारियों ने कहा कि घर के मालिकों को इन एजेंटों के ऐसे किसी भी अनुरोध पर विचार करने से पहले डीओटी वेबसाइट से टीएसपी / आईपी -1 की प्रामाणिकता को सत्यापित करना चाहिए क्योंकि टीएसपी और आईपी -1 की अद्यतन सूची विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है.

ऐसे धोखाधड़ी की रिपोर्ट कैसे करें? : यदि किसी व्यक्ति को ऐसी कोई धोखाधड़ी की संभावना दिखती है तो वे स्थानीय पुलिस अधिकारियों को घटना की रिपोर्ट कर सकते हैं. लोग ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए दूरसंचार विभाग की स्थानीय इकाइयों से भी संपर्क कर सकते हैं. दूरसंचार विभाग की स्थानीय क्षेत्र इकाई का संपर्क विवरण वेबसाइट https://dot.gov.in/ पर उपलब्ध है.

पढ़ें: लद्दाख में भारतीय सीमा के पास चीनी मोबाइल टावर, पार्षद ने जताई चिंता

जनता के लिए DoT की सलाह : एक सार्वजनिक परामर्श में, दूरसंचार विभाग ने कहा है कि न तो दूरसंचार विभाग और न ही ट्राई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए परिसर को पट्टे पर देने या किराए पर लेने में शामिल है. डीओटी, ट्राई या उसके अधिकारी मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए कोई 'अनापत्ति प्रमाणपत्र' जारी नहीं करते हैं. अधिकारियों ने कहा कि टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर (टीएसपी) या इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर (आईपी-1) अपनी लाइसेंसिंग और रजिस्ट्रेशन शर्तों के मुताबिक मोबाइल टावर लगा सकते हैं. टीएसपी और आईपी-1 की अद्यतन सूची दूरसंचार विभाग की वेबसाइट यानी https://dot.gov.in/access-services/list-access-service-licences-issued और https://dot.gov.in/infrastructure पर उपलब्ध है. सरकार ने कहा कि कोई भी व्यक्ति या संस्था धोखाधड़ी से इस तरह की गतिविधि में शामिल पाया गया तो उन पर लागू कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है.

नई दिल्ली : दूरसंचार विभाग (DoT) ने आम जनता को धोखाधड़ी वाली कंपनियों और व्यक्तियों से सुरक्षित रहने की चेतावनी दी है. विभाग ने ऐसे लोगों से सावधान रहने को कहा है जो मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए भारी मासिक किराये के भुगतान का वादा करके लोगों को ठगते हैं. दूरसंचार विभाग ने एक बयान में कहा कि न तो भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) और न ही विभाग मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए किसी परिसर को पट्टे पर या किराए पर लेने में शामिल है. सरकार ने यह भी कहा कि वह मोबाइल टावर लगाने के लिए कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी नहीं करती है.

पढ़ें: मोबाइल टावर के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का सरगना गिरफ्तार, 500 से अधिक लोग हुए शिकार

DoT ने इस तरह की धोखाधड़ी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है. सरकार ने उन धोखेबाजों के खिलाफ भी जनता को आगाह किया है जो मोबाइल टावर लगाने के लिए दूरसंचार कंपनियों के नाम पर अग्रिम धन भी मांगते हैं. सरकार ने कहा कि कोई भी दूरसंचार सेवा प्रदाता टावर लगाने के लिए अग्रिम राशि नहीं मांगता है. अधिकारियों ने कहा कि जनता को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है. टावर की वास्तविक स्थापना से पहले कंपनी, एजेंसी, जो अग्रिम या आवेदन शुल्क या पैसे के लिए देने के लिए कहे तो उसकी जांच करें और आवश्यक लगे तो पुलिस से भी मदद लें. अधिकारियों ने कहा कि घर के मालिकों को इन एजेंटों के ऐसे किसी भी अनुरोध पर विचार करने से पहले डीओटी वेबसाइट से टीएसपी / आईपी -1 की प्रामाणिकता को सत्यापित करना चाहिए क्योंकि टीएसपी और आईपी -1 की अद्यतन सूची विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है.

ऐसे धोखाधड़ी की रिपोर्ट कैसे करें? : यदि किसी व्यक्ति को ऐसी कोई धोखाधड़ी की संभावना दिखती है तो वे स्थानीय पुलिस अधिकारियों को घटना की रिपोर्ट कर सकते हैं. लोग ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए दूरसंचार विभाग की स्थानीय इकाइयों से भी संपर्क कर सकते हैं. दूरसंचार विभाग की स्थानीय क्षेत्र इकाई का संपर्क विवरण वेबसाइट https://dot.gov.in/ पर उपलब्ध है.

पढ़ें: लद्दाख में भारतीय सीमा के पास चीनी मोबाइल टावर, पार्षद ने जताई चिंता

जनता के लिए DoT की सलाह : एक सार्वजनिक परामर्श में, दूरसंचार विभाग ने कहा है कि न तो दूरसंचार विभाग और न ही ट्राई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए परिसर को पट्टे पर देने या किराए पर लेने में शामिल है. डीओटी, ट्राई या उसके अधिकारी मोबाइल टावरों की स्थापना के लिए कोई 'अनापत्ति प्रमाणपत्र' जारी नहीं करते हैं. अधिकारियों ने कहा कि टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर (टीएसपी) या इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर (आईपी-1) अपनी लाइसेंसिंग और रजिस्ट्रेशन शर्तों के मुताबिक मोबाइल टावर लगा सकते हैं. टीएसपी और आईपी-1 की अद्यतन सूची दूरसंचार विभाग की वेबसाइट यानी https://dot.gov.in/access-services/list-access-service-licences-issued और https://dot.gov.in/infrastructure पर उपलब्ध है. सरकार ने कहा कि कोई भी व्यक्ति या संस्था धोखाधड़ी से इस तरह की गतिविधि में शामिल पाया गया तो उन पर लागू कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.