भोपाल : मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. दूसरी ओर इलाज के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी के चलते पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ है. शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन जीवन रक्षक नहीं है. इस इंजेक्शन के बाद भी कई लोगों की मौतें भी हुई हैं. ऐसे में लोग जबरदस्ती इस इंजेक्शन की खरीदारी न करें.
20,000 इंजेक्शन उपलब्ध कराने का निर्णय
दरअसल, मध्य प्रदेश में रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की कमी दूर करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इस संबंध में अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान का कहना है कि सरकार ने कॉरपोरेट से चर्चा कर करीब 20,000 इंजेक्शन उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. जल्द ही इंजेक्शन अस्पतालों में पहुंच जायेंगे.
वहीं, ऑक्सीजन के उपयोग को लेकर उन्होंने कहा कि 22 मार्च, 2021 तक 74 मैट्रिक टन ऑक्सीजन का उपयोग किया जाता था. आठ अप्रैल को 3234 मैट्रिक टन ऑक्सीजन का उपयोग बढ़ गया है.
हर जिले को मिलेंगे दो करोड़ रुपये
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को प्रदेश के सभी जिलों में क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक ली. इस दौरान फैसला लिया कि कोरोना से निपटने के लिए 104 करोड़ रुपये का बजट बनाया गया है. ऐसे में प्रत्येक जिले को कोरोना से निपटने के लिए दो करोड़ रुपये दिए जाएंगे. इसके साथ ही हर जिले में कोविड केयर सेंटर भी बनाये जाएंगे, उसके लिए अलग से बजट होगा.
11 जिलों में नौ दिन का लॉकडाउन
जिन 11 जिलों में लॉकडाउन बढ़ा दिया है, इसमें बड़वानी, राजगढ़, विदिशा एवं अन्य जिलों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 19 अप्रैल सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन जारी रहेगा. वहीं बालाघाट नरसिंहपुर, सिवनी और जबलपुर में 12 अप्रैल की रात से 22 अप्रैल की सुबह तक लॉकडाउन रहेगा.
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इसके अलावा इंदौर शहर, राउनगर, महूनगर, शाजापुर शहर और उज्जैन शहर के अलावा उज्जैन जिले के सभी नगरों में 19 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन रहेगा.