नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने गुरुवार को हथियार बरामदगी मामले की जांच के बाद जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग को अंजाम देने की आतंकवादी रणनीति का पता लगाने का दावा किया है. इस बारे में एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ज्यादातर टारगेट किलिंग पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) द्वारा की जा रही हैं.
उन्होंने कहा, टीआरएफ को लश्कर-ए-तैयबा के अपने पाकिस्तानी आकाओं से टारगेट किलिंग को अंजाम देने के लिए हथियार और गोला-बारूद मिल रहे हैं. वहीं एनआईए ने 30 जुलाई को जम्मू-कश्मीर की कठुआ पुलिस से एक मामला अपने हाथ में ले लिया है. इसमें मई में सांबा सेक्टर में हथियार और गोला-बारूद को ड्रोन से गिराया गया था.अधिकारी ने कहा कि हथियारों और गोला-बारूद की खेप का इस्तेमाल अल्पसंख्यकों, प्रवासियों और सुरक्षा बलों पर हमले के लिए किया जा रहा है.
इसी क्रम में एनआईए ने आज सुबह से ही हथियार बरामदगी मामले में जम्मू-कश्मीर के 8 अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की है. अधिकारी ने कहा, कठुआ में चार स्थानों और श्रीनगर, जम्मू, सांबा और डोडा जिलों में एक-एक स्थानों पर तलाशी ली गई. तलाशी अभियान के बाद कई आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और सिम कार्ड बरामद किए गए हैं. कुछ देर की खामोशी के बाद मंगलवार को शोपियां जिले में आतंकवादी ने एक कश्मीरी पंडित की हत्या कर दी थी जबकि एक अन्य को घायल कर दिया था.
रिकॉर्ड के अनुसार, इस साल अब तक जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा टारगेट किलिंग में कम से कम 24 लोगों की जान जा चुकी है. इसमें आतंकवादियों ने सात पुलिसकर्मियों और अल्पसंख्यक समुदाय के छह लोगों सहित आठ नागरिकों की हत्या शामिल है.
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