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श्रीलंकाई नागरिकों के मामले की जांच के लिए तमिलनाडु पहुंची एनआईए की टीम

एनआईए की टीम कथित तौर पर अवैध रूप से रह रहे 38 श्रीलंकाई नागरिकों को हिरासत में लिए जाने सबंधी मामले की जांच के लिए तमिलनाडु पहुंच गई है.

श्रीलंकाई
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Published : Sep 19, 2021, 7:24 PM IST

रामनाथपुरम (तमिलनाडु) : राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की टीम कथित तौर पर अवैध रूप से रह रहे 38 श्रीलंकाई नागरिकों को जून में हिरासत में लिए जाने सबंधी मामले की जांच के लिए रविवार को तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिला स्थित रामेश्वरम के गांवों में पहुंची.

उल्लेखनीय है कि श्रीलंकाई नागरिकों को कर्नाटक के मंगलोर में राज्य पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया था. यह कार्रवाई इन लोगों द्वारा अवैध रूप से तमिलनाडु के रास्ते देश में दाखिल होने पर की गई थी और मामले की जांच बाद में एनआईए को सौंप दी गई थी.

पुलिस ने बताया कि एनआईए के अधिकारियों ने मराइक्कायरापत्तनम, वेदलाई और सीनियाप्पदराहा तटीय बस्तियों में श्रीलंकाई नागरिकों को आश्रय देने के संबंध में पूछताछ की. उन्होंने बताया कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े सवाल भी किए.

इसे भी पढ़ें : NIA को चिंता, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं मानव तस्करी के शिकार

जानकारी के मुताबिक हिरासत में लिए गए श्रीलंकाई नागरिकों ने 17 मार्च को अपना देश छोड़ा था और कनाडा में नौकरी दिलाने के वादे पर दलाल को श्रीलंका में छह से 10 लाख रुपये का भुगतान किया था.

रामनाथपुरम (तमिलनाडु) : राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की टीम कथित तौर पर अवैध रूप से रह रहे 38 श्रीलंकाई नागरिकों को जून में हिरासत में लिए जाने सबंधी मामले की जांच के लिए रविवार को तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिला स्थित रामेश्वरम के गांवों में पहुंची.

उल्लेखनीय है कि श्रीलंकाई नागरिकों को कर्नाटक के मंगलोर में राज्य पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया था. यह कार्रवाई इन लोगों द्वारा अवैध रूप से तमिलनाडु के रास्ते देश में दाखिल होने पर की गई थी और मामले की जांच बाद में एनआईए को सौंप दी गई थी.

पुलिस ने बताया कि एनआईए के अधिकारियों ने मराइक्कायरापत्तनम, वेदलाई और सीनियाप्पदराहा तटीय बस्तियों में श्रीलंकाई नागरिकों को आश्रय देने के संबंध में पूछताछ की. उन्होंने बताया कि केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े सवाल भी किए.

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जानकारी के मुताबिक हिरासत में लिए गए श्रीलंकाई नागरिकों ने 17 मार्च को अपना देश छोड़ा था और कनाडा में नौकरी दिलाने के वादे पर दलाल को श्रीलंका में छह से 10 लाख रुपये का भुगतान किया था.

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