नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है. IQAIR की मानें तो दो दिनों से तेज हवा चलने के बावजूद वायु गुणवत्ता सूचकांक 1200 के करीब पहुंच गया. सबसे ज्यादा एक्यूआई मुंडका इलाके में दर्ज किया गया. सोमवार सुबह के समय दिल्ली का औसत एक्यूआई 746 दर्ज किया गया. हालांकि सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का एक्यूआई 500 के करीब है.
दिल्ली में वायु प्रदूषण को देखते हुए सीएक्यूएम के आदेश पर GRAP-4 के प्रतिबंधों को लागू कर दिया गया है. कुल मिलाकर दिल्ली में एक्यूआई का स्तर जानलेवा हो गया है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े देखें तो वर्ष 2016 में 19 नवंबर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 360 दर्ज किया गया था, जबकि वर्ष 2024 में 19 नवंबर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 488 दर्ज किया गया. यानी कि प्रदूषण के स्तर में करीब 27 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है.
एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक स्तर पर : दिल्ली समेत पूरा एनसीआर गैस का चैंबर बन गया है. एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. प्रदूषण का यह खतरनाक स्तर देखते हुए चिकित्सक लोगों को घर से कम निकलने और जरूरत पड़ने पर ही मास्क पहन कर घर से बाहर जाने की सलाह दे रहे हैं. प्रदूषण दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में लोगों के स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है.
2016 से प्रदूषण के हालात में 27 प्रतिशत की आयी गिरावट : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े देखें तो आज से 8 साल पहले वर्ष 2016 में राजधानी दिल्ली में इतना प्रदूषण नहीं था. जितना प्रदूषण वर्ष 2024 में नवंबर में लोगों को झेलना पड़ रहा है. वर्ष 2016 में नवंबर में ज्यादा दिन एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से 400 के बीच में रहा. 15, 16, 17, 18 और 19 नवंबर को वर्ष 2016 में क्रमशः दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 372, 332, 374, 358 और 360 दर्ज किया गया था. लेकिन वर्ष 2024 में राजधानी दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 15, 16, 17, 18 और 19 नवंबर को क्रमशः 396, 417, 441, 494 और 488 दर्ज किया गया.
प्रदूषण रोकथाम के लिए किया जा रहा अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग : केंद्र सरकार और राज्य सरकारें प्रदूषण की रोकथाम के लिए लगातार काम कर रही हैं. तमाम संसाधनों का उपयोग किया जा रहा है. प्रदूषण की रोकथाम के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है. इन तमाम प्रयासों के बाद भी आज के हालात वर्ष 2016 से खराब बने हुए हैं. लोगों को दिल्ली एनसीआर में सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा नहीं मिल पा रही है. ऐसे में लोग गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं.
पर्यावरणविद् के अनुसार प्रदूषण स्तर बढ़ने के लिए कई हैं कारण : पर्यावरणविद् डॉ. जितेंद्र नागर का कहना है कि की दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण की रोकथाम के लिए तमाम काम किया जा रहे हैं इसका असर दिख रहा है. यदि उपाय न हुए होते तो प्रदूषण ज्यादा होता. प्रदूषण इसलिए बढ़ रहा है क्योंकि दिल्ली एनसीआर में जगह-जगह काम चल रहे हैं. इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप हुआ है. जनसंख्या पहले के मुकाबले बढ़ी है. वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है. सड़कों पर जाम की स्थिति है. औधोगिक इकाइयां बढ़ी हैं. इसके साथ ही अन्य कारणों से भी प्रदूषण बढ़ा हुआ है.
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