जम्मू: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने 'राजद्रोह' करने वाले लेख में दो व्यक्तियों के खिलाफ आरोप तय किए हैं. दोनों आरोपियों में से एक आरपी पत्रकार है, जबकि दूसरा यूनिवर्सिटी का छात्र है. एनआईए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अश्विनी कुमार ने एनआईए अधिनियम जम्मू के तहत दोनों के खिलाफ आरोप तय किए हैं. आरोपियों के नाम अब्दुल अला फाजिली और पीरजादा फहद शाह हैं.
जम्मू के एक अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी कर रही है. उन्होंने बताया कि एजेंसी ने इस मामले में आरोप तय कराने में सफलता पाई है. अधिकारी ने बताया कि एनआईए अधिनियम के तहत दर्ज केस की सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश अश्वनी कुमार ने खिलाफ आरोप तय किए हैं.
यह मामला दिनांक 04.04.2022 को पीएस सीआईजे (एसआईए जम्मू) द्वारा प्राप्त एक सूचना से संबंधित है. साथ ही छात्र फाजिली के एक लेख 'गुलामी की बेड़ियां टूट जाएंगी' को पत्रकार पीरजादा फहद शाह ने अपने पोर्टल में प्रकाशित किया था. यह आर्टिकल पाकिस्तान, आतंकवादी और अलगाववादी इको-सिस्टम के समर्थन में लिखा गया था, जो पूरी तरह भारत विरोधी था.
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जांच से पता चला है कि दोनों आरोपी सीमा पार अलगाववादियों और स्थानीय स्तर पर पहचाने गए कुछ आतंकवादियों के संपर्क में थेय अपने प्रकाशनों के माध्यम से दोनों ने आतंकवाद की खुलेआम वकालत की. जम्मू-कश्मीर के युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें अलगाववादी और आतंकवादी संगठनों में शामिल होने के लिए लुभाने और उकसाने के एकमात्र इरादे से आतंकवादियों का महिमामंडन किया था. एसआईए ने आवश्यक सरकारी मंजूरी के बाद 13 अगस्त, 2022 को एनआईए अधिनियम जम्मू के तहत विशेष न्यायाधीश की अदालत में मामले को चार्जशीट किया था.