पटनाः फुलवारीशरीफ टेरर मॉड्यूल (Phulwarisharif Terror Module Case) मामले को लेकर पटना के फुलवारीशरीफ में एक बार फिर दो जगहों पर एनआईए की छापेमारी (NIA Raids In Phulwarisharif) हुई. फुलवारीशरीफ में मरगूब उर्फ दानिश और बशारत करीम के घर छापेमारी हुई. इस दौरान बशारत करीम के घर से मोबाइल, और लैपटॉप जब्त किए गए. जिसकी जांच के बाद बशारत की गिरफ्तारी होने की संभावना है. वहीं मरगूब उर्फ दानिश के ठिकानों से क्या कुछ मिला, इसकी जानाकरी अभी नहीं मिली है.
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अहम दस्तावेजों की है तलाशः फुलवारीशरीफ में गजवा ए हिंद से जुड़े मामले को लेकर आज यानी मंगलवार सुबह 5 बजे से ही एनआईए की छापेमारी चली. देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार मरगूब दानिश के मामले को लेकर एनआईए की टीम उसके ठिकानों पर अहम दस्तावेजों की तलाश में जुटी है. जानकारी के अनुसार गजवा ए हिंद व्हाट्सएप ग्रुप चलाने वाले मरगू मोहम्मद दानिश के घर भारी संख्या में एनआईए की टीम छापेमारी करने पहुंची है. छापेमारी को लेकर इलाके में हड़कंप मच गया है. वहीं, पहली बार इस छापेमारी में महिला पुलिसकर्मी को भी शामिल किया गया है. पटना के फ़ुलवारीशरीफ के खानकाह मोहल्ला और मुनीर कॉलनी में एनआईए की टीम मामले में संलिप्त लोगों के यहां छापेमारी कर रही है. जहां से कई अहम सबूत मिलने की उम्मीद है.
मोबाइल व्हाट्सएप ग्रुप गजवा ए हिंद ग्रुपः दरअसल राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ में कुछ महीने पहले एसडीपीआई और पीएफआई कनेक्शन से जुड़े कथित आतंकी नेटवर्क और देश विरोधी गतिविधि संचालित करने के मामले सामने आए थे, जिसके बाद फुलवारीशरीफ के मुनीर कॉलोनी में एक शख्स को मोबाइल व्हाट्सएप ग्रुप गजवा ए हिंद (Ghazwa-E-Hind) नाम से संचालित किए जाने के बाद उसकी गिरफ्तारी की गई थी. इसके बाद इस मामले में देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में जांच के बाद पीएफआई से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. पटना पुलिस द्वारा इस मामले का खुलासा करने के बाद इसे एनआईए को सौंप दिया गया था. जिसके बाद इस मामले में एनआईए पहले भी कई बाहर फुलवारीशरीफ समेत कई जिलों में छापेमारी कर चुकी है. जहां से कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद हुए थे.
कई लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारीः आपको बता दें कि पीएफआई और एसडीपीआई के नाम पर फुलवारी शरीफ के नया टोला के अहमद पैलेस में शारीरिक परीक्षण के नाम पर देश विरोधी आतंकी नेटवर्क तैयार करने और देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के मामले का खुलासा हुआ था. इस मामले में 22 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनमें से ज्यादातर लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. राजधानी पटना के फुलवारीशरीफ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी और इस मामले में अवध पैलेस के मालिक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी मोहम्मद जलालुद्दीन खान सिम्मी के सक्रिय सदस्य शामिल गुलिस्तान मोहल्ला के रहने वाले मंजर इमाम के भाई अतहर के अलावा कई लोगों गिरफ्तार किया गया था वही उसी कॉलोनी से जुड़े एक और शख्स अरमान मलिक को भी गिरफ्तारी की गई थी उसी दौरान व्हाट्सएप ग्रुप गजवा ए हिंद का पता चला था.
पीएम के पटना दौरे से पहले हुआ था खुलासाः दरअसल, इस पूरे मामले की भनक पुलिस को तब लगी जब 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे से पहले 11 जुलाई को फुलवारी शरीफ में संदिग्ध अतहर परवेज और जलालुद्दीन को पकड़ा गया. ये लोग दो महीने से पीएम मोदी के आगमन को लेकर किसी बड़ी साजिश का षड्यंत्र रच रहे थे. FIR में दर्ज बयान के आधार पर बताया गया कि बहुत से लोग पीएम के आगमन को लेकर बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए जुटे हैं. पिछली 6-7 जुलाई को भी इन लोगों ने गुप्त मीटिंग की थी जिसमें अनजान लोगों का आना जाना हुआ था. यानी दोनों की साजिश के तार काफी गहरे दिख रहे थे. प्रधानमंत्री आगमन को लेकर आईबी के अलर्ट के बाद IB द्वारा मिली रिपोर्ट के आधार पर इन दोनों को गिरफ्तार किया गया था. जब इस मामले की जांच जब आगे बढ़ी तो बिहार में एक बड़े आतंकी साजिश का खुलासा हुआ. अब NIA इन सभी आरोपियों का चिट्ठा जांच में खंगाल रही है. इसके साथ ही देश में पीएफआई पर बैन भी लगा दिया गया है.