बेंगलुरु: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने एक तलाशी अभियान के दौरान बेंगलुरु में अवैध रूप से रहे 42 बांग्लादेशी नागरिकों को पता लगाया है. इस मामले में एक बांग्लादेशी नागरिक के द्वारा अन्य लोगों को अवैध रूप से भारत आने में मदद की गई थी. मामले में पुलिस ने संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. बताया जाता है कि एनआईए को सोमवार को शहर के बेलंदूर इलाके में एक तलाशी अभियान के दौरान तीन अवैध बांग्लादेशी नागरिकों खलील चपरासी, अब्दुल कादिर तालुकदार और मोहम्मद जहीद के बारे पता चला था.
साथ ही यह हिरासत में लिए गए अब्दुल कादिर की मदद से मोहम्मद जहीद और खलील चपरासी सहित कम से कम 40 बांग्लादेशी नागरिक देश के विभिन्न शहरों में सिक्योरिटी, हाउस कीपिंग और मजदूर के तौर पर काम कर रहे हैं. प्रारंभिक जांच से पता चला है कि अप्रवासी, जो वर्तमान में क्षेत्राधिकार बेलंदूर पुलिस की हिरासत में हैं, 2011 से देश में अवैध रूप से रह रहे थे.
गौरतलब है कि 2021 में एनआईए की लखनऊ यूनिट ने पाकिस्तान के खुफिया विभाग द्वारा भारतीय सेना की जानकारी हासिल करने की साजिश को लेककर मामला दर्ज किया था. इसी मामले की जांच के दौरान बेंगलुरु गए अधिकारियों ने सात अगस्त को खलील चपरासी को हिरासत में ले लिया था. पूछताछ में खलील ने बताया कि वह 2011 में अपने ससुर अब्दुल कादिर की मदद से भारत आया था. उसने बेलंदूर के पास अब्दुल कादिर तालुकदार और मोहम्मद जहिद के निवास के बारे में भी जानकारी मुहैया कराई थी.
वहीं एक अन्य आरोपी मोहम्मद जहीद ने पूछताछ में बताया कि वह एक दलाल की मदद से उसे 20 हजार रुपये देकर भारत में दाखिल हुआ था और अब्दुल कादिर की मदद से यहां बस गया. दूसरी तरफ अब्दुल कादिर ने कम से कम 40 अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के नाम बताए हैं. फिलहाल अवैध रूप से भारत में रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ बेलंदूर पुलिस स्टेशन में विदेशी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है.
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