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इस साल NIA के मामलों में 19.67 प्रतिशत की बढ़ोतरी

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 2022 में करीब 20 प्रतिशत ज्यादा मामले दर्ज किए हैं. एनआईए ने 2022 में 368 लोगों के खिलाफ 59 चार्जशीट भी दायर की और आतंक से जुड़े मामलों में 456 आरोपियों को गिरफ्तार किया (NIA files record 73 cases in 2022).

NIA files record 73 cases in 2022
राष्ट्रीय जांच एजेंसी
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Published : Dec 31, 2022, 4:51 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 2022 में 73 मामले दर्ज किए (NIA files record 73 cases in 2022), जो पिछले साल दर्ज किए गए 61 मामलों की तुलना में 19.67 प्रतिशत अधिक है. एनआईए के लिए भी इस साल का आंकड़ा अब तक का सबसे ज्यादा है.

जिहादी आतंक के 73 में से 35 मामले जम्मू-कश्मीर, असम, बिहार, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में दर्ज किए गए. जम्मू-कश्मीर में 11 मामले, वामपंथी उग्रवाद के 10 मामले, पूर्वोत्तर में 5 मामले, पीएफआई से जुड़े 7 मामले, पंजाब में 5 मामले, गैंगस्टर-आतंक-ड्रग तस्कर साठगांठ के 3 मामले, एफआईसीएन से जुड़े 2 मामले और टेरर फंडिंग का एक मामला सामने आया.

एनआईए ने 2022 में 368 लोगों के खिलाफ 59 चार्जशीट भी दायर की और आतंक से जुड़े मामलों में 456 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें 19 भगोड़े भी शामिल हैं. दो आरोपियों को निर्वासन और एक को प्रत्यर्पण के बाद गिरफ्तार किया गया था.

2022 में 38 मामलों में सजा दी गई. कुल 109 व्यक्तियों को सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई, जबकि छह मामलों में आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई गई. कुल सजा दर 94.39 प्रतिशत है. इस बीच, 2022 में यूए (पी) अधिनियम के तहत आठ व्यक्तियों को व्यक्तिगत आतंकवादी के रूप में नामित किया गया है और एनआईए द्वारा उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.

टेरर फंडिंग को रोकने के प्रयासों के तहत, एनआईए ने 18-19 नवंबर को तीसरा मंत्रिस्तरीय-स्तरीय 'नो मनी फॉर टेरर' सम्मेलन सफलतापूर्वक आयोजित किया, जिसमें 78 देशों और 16 बहुपक्षीय संगठनों के सदस्यों ने भाग लिया.

पढ़ें- केरल पीएफआई मामले में वकील गिरफ्तार: एनआईए

(आईएएनएस)

नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 2022 में 73 मामले दर्ज किए (NIA files record 73 cases in 2022), जो पिछले साल दर्ज किए गए 61 मामलों की तुलना में 19.67 प्रतिशत अधिक है. एनआईए के लिए भी इस साल का आंकड़ा अब तक का सबसे ज्यादा है.

जिहादी आतंक के 73 में से 35 मामले जम्मू-कश्मीर, असम, बिहार, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में दर्ज किए गए. जम्मू-कश्मीर में 11 मामले, वामपंथी उग्रवाद के 10 मामले, पूर्वोत्तर में 5 मामले, पीएफआई से जुड़े 7 मामले, पंजाब में 5 मामले, गैंगस्टर-आतंक-ड्रग तस्कर साठगांठ के 3 मामले, एफआईसीएन से जुड़े 2 मामले और टेरर फंडिंग का एक मामला सामने आया.

एनआईए ने 2022 में 368 लोगों के खिलाफ 59 चार्जशीट भी दायर की और आतंक से जुड़े मामलों में 456 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें 19 भगोड़े भी शामिल हैं. दो आरोपियों को निर्वासन और एक को प्रत्यर्पण के बाद गिरफ्तार किया गया था.

2022 में 38 मामलों में सजा दी गई. कुल 109 व्यक्तियों को सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई, जबकि छह मामलों में आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई गई. कुल सजा दर 94.39 प्रतिशत है. इस बीच, 2022 में यूए (पी) अधिनियम के तहत आठ व्यक्तियों को व्यक्तिगत आतंकवादी के रूप में नामित किया गया है और एनआईए द्वारा उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.

टेरर फंडिंग को रोकने के प्रयासों के तहत, एनआईए ने 18-19 नवंबर को तीसरा मंत्रिस्तरीय-स्तरीय 'नो मनी फॉर टेरर' सम्मेलन सफलतापूर्वक आयोजित किया, जिसमें 78 देशों और 16 बहुपक्षीय संगठनों के सदस्यों ने भाग लिया.

पढ़ें- केरल पीएफआई मामले में वकील गिरफ्तार: एनआईए

(आईएएनएस)

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