नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के संबंध में चार बांग्लादेशी नागरिकों और एक भारतीय नागरिक के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है.
एनआईए ने ईटीवी भारत को बताया कि उसने जांच में पाया कि चार बंग्लादेशी और एक भारतीय नागरिक जेएमबी/एक्यूआईएस के मॉड्यूल की स्थापना में सक्रिय रूप से शामिल थे.
एनआईए ने अपनी जांच में पाया कि चार बंग्लादेशी और एक भारतीय नागरिक जेएमबी/एक्यूआईएस के मॉड्यूल की स्थापना में सक्रिय रूप से शामिल थे. उन्होंने जेएमबी/एक्यूआईएस की विचारधारा फैलाने और भारत में आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए मुस्लिम युवाओं की भर्ती करने की साजिश रची थी.
यह मामला मूल रूप से राज्य पुलिस की एसटीएफ कोलकाता ने दर्ज किया था. पुलिस ने प्राथमिकी में उल्लेख किया था कि तीन बांग्लादेशी नागरिकों ने जेएमबी / एक्यूआईएस के अपने सहयोगियों के साथ अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया था. ये सभी भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे.
कोलकाता में दाखिल किया आरोप पत्र
उसने लालू सेन उर्फ राहुल सेन, नजीउर रहमान पावेल उर्फ नजीउर रहमान, मिकेल खान उर्फ एसके सब्बीर, रबीउल इस्लाम उर्फ रबीउल इस्लाम और मोहम्मद अब्दुल मन्नान बाचू के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी, 353, 364, 449 और 450,120 बी, 204, 419, 465, 468 और 471, अवैध गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 17, 18, 38 और 39, विदेशी अधिनियम की धारा 14 ए (बी) और पासपोर्ट अधिनियम की धारा 121 के तहत आरोप पत्र विशेष अदालत, कोलकाता में दाखिल किया है.
एनआईए अधिकारी ने कहा, वे 'खिलाफत' स्थापित करने और भारत तथा बांग्लादेश में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए युवा मुस्लिम युवाओं को भर्ती करने तथा प्रेरित करने का भी प्रयास कर रहे थे. गृह मंत्रालय के आदेश के बाद एनआईए ने बाद में इसकी जांच अपने हाथ में ली.
हवाला के जरिए मिल रहा था धन
ये आरोपी दंगा जैसी स्थिति पैदा करने के लिए आतंकवादी गतिविधियों की योजना बना रहे थे और उन्हें हवाला चैनल के जरिए बांग्लादेश से फंड मिल रहा था. एनआईए अधिकारी ने कहा कि उन्होंने धोखाधड़ी से आधार कार्ड, चुनावी फोटो पहचान पत्र, पैन कार्ड, पासपोर्ट आदि सहित भारतीय पहचान दस्तावेज भी हासिल किए थे ताकि अपनी अवैध गतिविधियों को छिपा सकें.
AQIS भी अल कायदा से संबद्ध है और यह इस्लामिक राज्य स्थापित करने के लिए मॉड्यूल बनाने का प्रयास कर रहा है, जिसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान, म्यांमार, बांग्लादेश के नागरिक शामिल हैं.
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