नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) द्वारा बिहार में 2018 में एक नागरिक के अपहरण और हत्या के मामले में तीन लोगों के खिलाफ दूसरा पूरक आरोप पत्र दायर किया है. विनय यादव उर्फ कमल, नवल जी उर्फ नवल भुइयां और अर्जुन भुइयां के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत पटना में एनआईए की विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किया गया है. जांच एजेंसी के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी.
एनआईए द्वारा बिहार और झारखंड में व्यापक तलाशी लेने के कुछ दिनों बाद नवीनतम आरोप पत्र दायर किया गया है. नरेश सिंह भोक्ता की नृशंस हत्या के बाद 3 नवंबर, 2018 को बिहार पुलिस द्वारा मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. एनआईए ने इसकी जांच पिछले साल 24 जून को संभाली थी.
जांच एजेंसी ने 25 फरवरी को एक आरोपी के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया था. प्रवक्ता ने कहा कि मामले में एनआईए की जांच ने भाकपा (माओवादी) के शीर्ष कमांडरों की संलिप्तता का खुलासा किया था. इसमें कहा गया कि लोगों को आतंकित करने के उद्देश्य से भोक्ता की नृशंस हत्या की साजिश रची गई थी. अधिकारी ने कहा कि हत्या में इस्तेमाल हथियार और वाहन बरामद कर लिए गए हैं.
एनआईए ने कहा कि तीनों आरोपी सीपीआई (माओवादी) संगठन के सदस्य पाए गए और उन्हें 15 दिसंबर, 2022 को गिरफ्तार किया गया. प्रवक्ता ने कहा, 'उन्होंने अंजनवा के जंगल में आरोपी प्रमोद मिश्रा द्वारा बुलाई गई भाकपा (माओवादी) के जोनल कमांडरों और शीर्ष नेताओं की बैठक में भाग लिया था. इसी बैठक में भोक्ता सहित संदिग्ध पुलिस मुखबिरों को खत्म करने का निर्णय लिया गया था.'
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एजेंसी ने कहा कि तीनों, अन्य सह-आरोपियों के साथ, भोक्ता के अपहरण के साथ-साथ जन अदालत (सार्वजनिक बैठक) के संचालन में शामिल थे, जहां भोक्ता को खत्म करने का निर्णय लिया गया था. दो नवंबर, 2018 को भोक्ता का अपहरण कर लिया गया और उसे एक जन अदालत या कंगारू अदालत में ले जाया गया, जहां भाकपा (माओवादी) के शीर्ष नेतृत्व ने अपने कैडरों को उसे पुलिस का मुखबिर घोषित करने के बाद उसे मारने का निर्देश जारी किया. उसका शव उसी दिन मदनपुर थाना क्षेत्र के बधाई बिगहा गांव के पास मिला था.
(पीटीआई)