जम्मू-कश्मीर: एनआईए की एक विशेष अदालत ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के ऐसे 13 आतंकवादियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है, जो वर्तमान में सीमा पार से गतिविधियां चला रहे हैं. पुलिस ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी. किश्तवाड़ के एसएसपी खलील पोसवाल ने बताया कि किश्तवाड़ थाने में भारतीय दंड संहिता और यूएपीए की विभिन्न धाराओं में पिछले एक साल में दर्ज आतंकवाद के मामलों में ये वारंट जारी किए गए हैं.
उन्होंने बताया कि किश्तवाड़ पुलिस के मुख्य जांच अधिकारी ने आतंकवादी गतिविधियों में सक्रिय संलिप्तता और चेनाब घाटी तथा जम्मू-कश्मीर के अन्य हिस्सों में अशांति फैलाने को लेकर आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने का अनुरोध विशेष एनआईए अदालत से किया.
अधिकारी ने कहा, '1990 के दशक में आतंकवाद पनपने के बाद से तमाम आतंकवादी मारे गए हैं लेकिन हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े 36 सदस्यों का एक समूह, जिसके सभी सदस्य किश्तवाड़ के रहने वाले हैं, पाकिस्तान और पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में छिपे हैं और अशांति फैलाने वाली गतिविधियों में शामिल हैं.' उन्होंने बताया कि उनके खिलाफ दो मामले दर्ज हैं और एक मामले में ये गैर-जमानती वारंट जारी किए गए हैं, जबकि आने वालसे दिनों इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी.
पोसवाल ने बताया कि वो इंटरपोल को एक रेड कॉर्नर नोटिस प्रेषित कर रह हैं. उन्होंने ने बताया कि सभी 13 आतंकवादियों की संपत्तियों की पहचान करने के लिए एक प्रक्रिया भी शुरू की गई है. इलेक्ट्रॉनिक और अन्य सबूतों के आधार पर हम इन दोनों मामलों को कानून की अदालत में आगे बढ़ाएंगे और इंटरपोल की मदद से आतंकवादियों को गिरफ्तार करेंगे और उन्हें कानून का सामना करने के लिए वापस लाएंगे.
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उन्होंने कहा कि युवाओं को उग्रवाद की ओर आकर्षित करने के अलावा आतंकवादियों ने पाकिस्तान में स्लीपर सेल जुटाए. उन्हें अलगाववादी और अलगाववादी नेताओं के सहयोग से जम्मू-कश्मीर में भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए जम्मू-कश्मीर में धकेल दिया. उन्होंने बताया कि जिले के विभिन्न हिस्सों से कुल 118 आतंकवादी पाकिस्तान में घुसपैठ कर चुके हैं और उनमें से 10 सबसे अधिक सक्रिय हैं और युवाओं को आतंकवाद में भर्ती करने और जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे है.
(पीटीआई-भाषा)