नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने बुधवार को इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) साजिश मामले में चार आरोपियों को 10 साल जेल की सजा सुनाई है. ये आतंकवादी पूरे भारत में बम विस्फोट करने वाले थे. चारों आरोपी आईएम के सदस्यों के साथ घनिष्ठ संबंध में थे, जिनमें पाकिस्तान स्थित प्रमुख आरोपी रियाज भटकल और भारत में रहने वाले यासीन भटकल भी शामिल थे.
आतंकवाद रोधी एजेंसी एनआईए ने कहा कि चारों आरोपियों ने हैदराबाद और दिल्ली सहित महत्वपूर्ण स्थानों की रेकी की थी और विस्फोटकों के साथ-साथ हथियार और गोला-बारूद भी खरीदा था. आरोपियों की पहचान दानिश अंसारी (दरभंगा, बिहार) आफताब आलम (पूर्णिया, बिहार), इमरान खान (नांदेड़, महाराष्ट्र) और ओबैद-उर-रहमान (हैदराबाद, तेलंगाना) के रूप में हुई, उन्हें 7 जुलाई को गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) के तहत दोषी ठहराया गया था. इन आरोपियों को जनवरी और मार्च 2013 के बीच गिरफ्तार किया गया था.
बुधवार को सुनायी गयी सजा के तहत विशेष न्यायाधीश ने आरोपी दानिश अंसारी पर दो हजार रुपये और आफताब आलम पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. विशेष अदालत ने इससे पहले इस साल 31 मार्च को इन चारों समेत सात अन्य के खिलाफ आरोप तय किये थे. अन्य सात की पहचान यासीन भटकल, असदुल्ला अख्तर, जिया-उर-रहमान, तहसीन अख्तर और हैदर अली के रूप में की गई है. उनके खिलाफ मुकदमा जारी है.
यह मामला इंडियन मुजाहिदीन के सदस्यों द्वारा रची गई साजिश से संबंधित है, जो देश में विभिन्न विस्फोटों को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार हैं, जिसमें मार्च 2006 के वाराणसी विस्फोट, जुलाई 2006 के मुंबई सिलसिलेवार विस्फोट, वाराणसी, फैजाबाद और यूपी अदालतों में सिलसिलेवार विस्फोट शामिल हैं. नवंबर 2007 में लखनऊ, अगस्त 2007 में हैदराबाद में दोहरे विस्फोट. इसके अलावा जयपुर सीरियल ब्लास्ट, दिल्ली सीरियल ब्लास्ट और 2008 में अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट शामिल है. एनआईए ने कहा कि साल 2010 के चिन्नास्वामी, बेंगलुरु स्टेडियम विस्फोट और 2013 के हैदराबाद दोहरे विस्फोट के पीछे भी आईएम का हाथ था.
(एएनआई)