नई दिल्ली: पाकिस्तानी एजेंटों की जासूसी मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने गुरुवार को गुजरात, महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश में कई ठिकानों पर छापेमारी की. छापेमारी में पता चला कि पाकिस्तानी एजेंटों ने संवेदनशील जानकारी जुटाने के लिए डिफेंस स्टाफ को झांसे में लिया था. इन आरोपियों ने भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए विशाखापत्तनम, मुंबई, गुजरात में अन्य आरोपियों के साथ साजिश भी रची थी.
जांच अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने भारतीय सिम कार्ड धोखाधड़ी से खरीदे थे. उनके मोबाइल फोन पर वॉट्सऐप सक्रिय करने के लिए पाकिस्तान स्थित हैंडलरों ने अपने भारतीय सहयोगियों के माध्यम से ओटीपी प्राप्त किया गया था. इस वॉट्सऐप का उपयोग रक्षा कर्मियों के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए किया गया था ताकि महत्वपूर्ण स्थापना से संबंधित संवेदनशील जानकारी प्राप्त की जा सके.
एनआईए के अधिकारी ने बताया कि छापेमारी के दौरान गुजरात, गोधरा, बुलडाना, महाराष्ट्र में संदिग्धों ठिकानों की तलाशी ली गई. अभियान के दौरान डिजिटल उपकरण, संदिग्ध सिम कार्ड और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए. बता दें कि जासूसी मामले में सबसे पहले 10 जनवरी, 2020 को विजयवाड़ा के काउंटर इंटेलिजेंस सेल में एफआईआर (नंबर 1/2020) दर्ज कराई गई थी. बाद में 23 दिसंबर, 2021 को एनआईए ने फिर से केस दर्ज किया था.
एक अन्य मामले में एनआईए ने बुधवार को एक आरोपी शाहिद कसम सुमरा के खिलाफ नशीले पदार्थों की तस्करी के एक मामले में पूरक आरोप पत्र दाखिल किया. आरोपी कसम सुमरा पर पाकिस्तान से तस्करी के जरिये 500 किलोग्राम हेरोइन गुजरात लाने का आरोप है. एनआईए ने बताया कि एनआईए ने कहा कि यह हेरोइन पाकिस्तानी नागरिकों द्वारा एक पाकिस्तानी मछली पकड़ने के जहाज में लाई गई थी और गुजरात के जखाउ बंदरगाह के पास भारतीय इलाके में पहुंचाई गई थी. इससे पहले इंटरपोल की ओर से सुमरा के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था. बाद में उन्हें दुबई से डिपोर्ट कर इस मामले में गिरफ्तार किया गया था.
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