श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में लिप्त लोगों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है. जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बासित अहमद रेशी की संपत्ति गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत शुक्रवार को कुर्क कर ली गई. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
अधिकारियों ने कहा कि रेशी सीमा पार से कश्मीर में आतंकवाद के वित्तपोषण सहित कई आतंकी अपराधों में शामिल था. इन दिनों वह पाकिस्तान में है. 4 मार्च 1996 को जन्मा रेशी बारामूला जिले के यमबरजलवारी शिवा डांगरपोरा सोपोर इलाके का रहने वाला है.
एजेंसी का दावा है कि रेशी ने 18 अगस्त, 2015 को सोपोर के पास तुजर शेरिफ में एक पुलिस चौकी पर हमले की योजना बनाई और उसे अंजाम दिया, जिसमें एक पुलिसकर्मी और एक नागरिक की मौत हो गई थी. रेशी को विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होने और लक्षित हत्याओं के समन्वय के लिए गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक नामित आतंकवादी घोषित किया था.
अधिकारियों के अनुसार, पिछले साल अक्टूबर में केंद्र द्वारा जारी एक अधिसूचना के माध्यम से उसे यूएपीए के तहत आतंकवादी घोषित किया गया था. पाकिस्तान-स्थित आतंकवादियों के खिलाफ कश्मीर घाटी में इस तरह की यह दूसरी कार्रवाई है.
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने गुरुवार को आतंकवादी मुश्ताक अहमद जरगर की संपत्ति कुर्क की थी, जिसे 1999 में अपहृत इंडियन एयरलाइंस के विमान के बंधक यात्रियों को सकुशल छुड़ाने के बदले में दो अन्य आतंकवादियों के साथ रिहा किया गया था. जरगर उर्फ 'लत्राम' 1989 में तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण सहित आतंकवाद से जुड़े कई मामलों में वांछित था.
(पीटीआई-भाषा)