नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पुणे में एक स्कूल की इमारत की दो मंजिलों को अटैच किया है, जहां पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें प्रेरित करने के लिए शिविर आयोजित कर रहा था (NIA Attaches 2 floors of Pune School). पीएफआई उन्हें एक विशेष समुदाय के नेताओं और संगठनों के खिलाफ टारगेट किलिंग और हमलों को अंजाम देने के लिए प्रशिक्षित कर रहा था.
एनआईए के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि ब्लू बेल स्कूल (Blue Bell School) भवन की चौथी और पांचवीं मंजिल का इस्तेमाल पीएफआई द्वारा भारत की एकता, अखंडता और सुरक्षा को खतरे में डालने के उद्देश्य से आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बनाने और तैयार करने के लिए किया गया था.
अधिकारी ने कहा कि 'पीएफआई इन परिसरों में भोले-भाले मुस्लिम युवकों को संगठन में भर्ती कर रहा था. 2047 तक देश में इस्लामिक शासन स्थापित करने की मंशा और इसका विरोध करने वालों को खत्म करने के लिए सशस्त्र और अन्य तरह का प्रशिक्षण दे रहा था.'
एजेंसी द्वारा 13 अप्रैल 2022 को एफआईआर संख्या आरसी-14/2022/एनआईए/डीएलआई के रूप में दर्ज मामले में यूए (पी) अधिनियम, 1967 के प्रावधानों के तहत एनआईए द्वारा स्कूल की दो मंजिलों को अटैच किया गया है. एनआईए ने 18 मार्च, 2023 को एनआईए की विशेष अदालत, दिल्ली में पीएफआई सहित 20 आरोपियों के खिलाफ एक संगठन के रूप में चार्जशीट दाखिल की थी.
एनआईए ने पिछले साल 22 सितंबर को स्कूल परिसर की दो मंजिलों की तलाशी ली थी. एजेंसी ने आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए थे, जिनसे पता चला था कि उक्त संपत्ति का इस्तेमाल पीएफआई से जुड़े कैडरों के लिए शस्त्र प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए किया गया था.
अधिकारी ने कहा कि ' प्रशिक्षण शिविरों में भोलेभाले मुस्लिम युवाओं को सरकार, साथ ही एक विशेष समुदाय के नेताओं और संगठनों के खिलाफ भड़काने के लिए मंच के रूप में कार्य किया. शिविरों का उपयोग उनके जुनून को भड़काने और उन्हें आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के उद्देश्य से हिंसक जिहाद को अपनाने के लिए उकसाने के लिए भी किया जाता था.'
हथियार चलाने की दी गई ट्रेनिंग : एजेंसी ने कहा कि नए भर्ती किए गए पीएफआई कैडरों को भारत में इस्लामिक शासन स्थापित करने की संगठन की विचारधारा का विरोध करने वाले प्रमुख नेताओं पर हमला करने और उनकी हत्या करने के लिए चाकू, दरांती आदि जैसे खतरनाक हथियारों के इस्तेमाल का प्रशिक्षण दिया गया था.
आपराधिक साजिश का हिस्सा : एनआईए की जांच से पहले पता चला कि आरोपी व्यक्ति देश के खिलाफ युद्ध छेड़कर और लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को गिराकर भारत में खिलाफत और इस्लामिक शासन स्थापित करने की आपराधिक साजिश का हिस्सा थे. उन सभी की पहचान पीएफआई के वरिष्ठ संवर्गों/एनईसी सदस्यों/लेखाकारों/पीएफआई के बैंक खातों के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं के रूप में की गई थी.
अधिकारी ने कहा कि 'मामले में अन्य आरोपी व्यक्तियों और संदिग्धों की भूमिका का पता लगाने के लिए आगे की जांच चल रही है.' एनआईए पीएफआई की गतिविधियों की जांच कर रही है, जिसे सितंबर 2022 में 'गैरकानूनी संगठन' घोषित किया गया था.
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