मुंबई : उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के पास विस्फोटकों से लदी एक एसयूवी मिलने के मामले की सुनवाई कर रही एनआईए की विशेष अदालत ने सचिन वेज को 25 मार्च तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया है.
इससे पहले इस मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे को 12 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ करने के बाद शनिवार रात गिरफ्तार किया था. वाजे, दक्षिण मुंबई में कंबाला हिल स्थित एजेंसी के दफ्तर में पूर्वाह्न करीब साढ़े 11 बजे अपना बयान दर्ज कराने के लिए पहुंचे थे.
एनआईए के प्रवक्ता ने कहा कि सचिन वाजे को रात 11 बजकर 50 मिनट पर एनआईए मामला आरसी/1/2021/एनआईए/एमयूएम में गिरफ्तार कर लिया गया.
कार्माइकल रोड स्थित अंबानी के आवास के पास खड़ी एक एसयूवी (स्कॉर्पियो) में 25 फरवरी को जिलेटिन की कुछ छड़ें और एक धमकी भरा पत्र मिला था.
एनआईए ने कहा कि वाजे को 25 फरवरी को विस्फोटकों से भरा वाहन खड़ा करने में भूमिका निभाने और इसमें संलिप्त रहने को लेकर गिरफ्तार किया गया.
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट वाजे, ठाणे निवासी व्यवसायी मनसुख हिरन की मौत मामले में भी सवालों के घेरे में हैं. उक्त स्कॉर्पियो हिरानी के पास ही थी. हिरन पांच मार्च को ठाणे जिले में क्रीक में मृत पाये गए थे.
आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) हिरन मामले की जांच कर रहा है. हिरन का शव मिलने के कुछ दिनों बाद एटीएस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.
शनिवार को वाजे का बयान दर्ज करते हुए एनआईए ने एसयूवी मिलने और हिरन की कथित हत्या के मामलों में अब तक की गई जांच के बारे में जानकारी साझा करने के लिए अपराध शाखा के एसीपी नितिन अलकनुरे और एटीएस एसीपी श्रीपद काले को बुलाया था.
अलकनुरे और काले करीब चार घंटे बाद एनआईए कार्यालय से चले गए.
एनआईए कार्यालय पहुंचे
इस मामले में मुंबई पुलिस के कुछ और अधिकारियों से पूछताछ किए जाने की संभावना है. क्रम में मुंबई पुलिस सीआईयू (क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट) के 4 सदस्य एनआईए कार्यालय पहुंचे. ये उस टीम का हिस्सा हैं जिसकी अगुवाई मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे कर रहे थे.
उधर, बीती रात एनआईए कार्यालय में लाई गई इनोवा कार सीसीटीवी में देखी गई कार है. सूत्रों का कहना है कि एंटीलिया के बाहर स्कॉर्पियो पार्क कर आरोपी इसी कार से भागा था.
एक ही नंबर का हुआ इस्तेमाल
मामले में तिहाड़ कनेक्शन भी सामने आया था जिसकी जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की एंटी टेरर यूनिट ने इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के आतंकी तहसीन अख्तर से शनिवार को करीब 7 घंटे तक पूछताछ की. पूछताछ के लिए पुलिस ने अदालत से बकायदा आदेश लिया था.
स्पेशल सेल की जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि इजराइली दूतावास और मुकेश अंबानी दोनों मामलों में एक ही मोबाइल नंबर 9311620**9, जो कि पूर्वी दिल्ली के रघुबरपुरा इलाके के एक शख्स के नाम पर रजिस्टर्ड है का इस्तेमाल किया गया है.
इस नंबर की जांच करते हुए एक और संदिग्ध नंबर 9711**9888 भी स्पेशल सेल के सामने आया है. जांच में यह खुलासा हुआ है कि इस नंबर की मदद से ही तहसीन अख्तर के पास से बरामद मोबाइल नंबर को एक्टिवेट किया गया था.
क्या है मामला
उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित घर के बाहर 25 फरवरी को एक वाहन में विस्फोटक पदार्थ मिला था. वह वाहन हिरेन का था.
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ठाणे में हिरेन का शव मिलने के बाद मामले में रहस्य और गहरा गया था. हिरेन की पत्नी ने दावा किया था कि उनके पति ने नवंबर में वाजे को अपनी कार दी थी, जिसे मुंबई अपराध शाखा में तैनात रहे अधिकारी ने फरवरी के पहले सप्ताह में लौटाया था.
सचिन वाजे को बुधवार को अपराध खुफिया इकाई से हटा दिया गया था.