नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में विस्फोटक जब्ती मामले में एक बड़ी सफलता मिली है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो राज्य में भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थों की आपूर्ति और संग्रह में सीधे तौर पर शामिल थे.
आतंकवाद रोधी एजेंसी ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के दो अलग-अलग स्थानों से बोकारो के रहने वाले मेराजुद्दीन अली खान और बीरभूम के रहने वाले मीर मोहम्मद नुरुज्जमां को गिरफ्तार किया है.
एनआईए के अधिकारी ने कहा, 'दो विशेष अभियान चलाकर आरोपियों को रानीगंज और कोलकाता से गिरफ्तार किया गया.' यह मामला जून 2022 से संबंधित है. तब एक टाटा सूमो कार में लगभग 81000 इलेक्ट्रिक डेटोनेटर बरामद किए गए थे. स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने उसे पकड़ा था.
अधिकारी ने कहा कि 'डेटोनेटर का जखीरा जब्त कर लिया गया था और टाटा सूमो के चालक आशीष केओरा को गिरफ्तार कर लिया गया था. आशीष ने पुलिस को 27,000 किलो अमोनियम नाइट्रेट, 1625 किलो जिलेटिन की छड़ें और 2325 और इलेक्ट्रिक डेटोनेटर सहित अवैध रूप से संग्रहीत विस्फोटकों का ठिकाना बताया था.'
अधिकारी ने कहा कि नूरुज्जमां ने रिंटू एसके को 27,000 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट की आपूर्ति की थी, वहीं खान ने रिंटू एसके को इलेक्ट्रिक डेटोनेटर और जिलेटिन स्टिक की आपूर्ति की थी.
उन्होंने कहा कि डेटोनेटर और जिलेटिन की छड़ों सहित विस्फोटकों और अन्य बम बनाने की सामग्री की चोरी के स्रोत को स्थापित करने के लिए आगे की जांच जारी है.
गौरतलब है कि सितंबर 2022 में शुरू में बीरभूम के एमडी बाजार पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले को एनआईए ने अपने हाथ में लेने के बाद, एजेंसी ने रिंटू एसके के साथ इस साल जनवरी में अपनी पहली गिरफ्तारी की थी.
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