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सांसद किरोड़ी लाल मीणा धक्कामुक्की मामले में गहलोत सरकार की बढ़ सकती है मुश्किलें, NHRC की टीम पहुंची जयपुर - nhrc reach jaipur to probe mp kl meena manhandling

सांसद किरोड़ी लाल मीणा धक्कामुक्की मामले में गहलोत सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती है. इसकी तथ्यात्मक जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक टीम जयपुर पहुंची है. आयोग ने सांसद मीणा के बयान दर्ज कर लिए है अब मौका मुआयना कर साक्ष्य जुटाएगी.

NHRC की टीम पहुंची जयपुर
NHRC की टीम पहुंची जयपुर
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Published : Jun 27, 2023, 1:29 PM IST

Updated : Jun 27, 2023, 1:41 PM IST

जयपुर. एक तरफ ईडी तो दूसरी तरफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के जरिए प्रदेश की गहलोत सरकार की आने वाले दिनों में मुश्किलें बढ़ सकती है. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ धक्का-मुक्की के मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम जयपुर पहुंच गई है. आयोग ने राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के बयान दर्ज कर लिए हैं, अब मौका मुआयना कर साक्ष्य जुटाएगी. बता दें कि मीणा ने वीरांगनाओं की मांग को लेकर 9 दिन तक धरना प्रदर्शन किया था.

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम पहुंची जयपुर : दरअसल राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने वीरांगनाओं की मांग को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था. करीब 9 दिन तक चले इस धरना प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने राज्यसभा सांसद डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा के साथ में अभद्र व्यवहार और धक्का-मुक्की की थी. इस पूरे मामले पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में परिवादी तनिष्क शिवानन्द ने शिकायत दर्ज कराई थी. जिस पर आयोग ने संज्ञान लेते हुए पहले तो सरकार से जवाब मांगा था, उसके बाद अब आयोग की टीम जयपुर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि तीन सदस्य आयोग की टीम 26 जून को ही जयपुर आ गई थी. जयपुर पहुंचते ही आयोग की टीम ने राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के बयान दर्ज किए. अब आयोग मौका मुआयना कर घटना के साक्ष्य जुटा रही है और 30 जून तक आयोग की टीम अपनी जांच पूरी करके दिल्ली के लिए रवाना होगी.

ये था प्रकरण : बता दें कि सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा 4 मार्च को जयपुर में पहले तो शहीद वीरांगनाओं को मुख्यमंत्री से मिलने के लिए विधानसभा लेकर पहुंचे थे. लेकिन वहां पर तैनात पुलिस ने उन्हें वहां रोक दिया और वहां से रवाना हो गई, इस दौरान पुलिस और सांसद मीणा के बीच कहासुनी हुई थी. उसके बाद मीणा ने पुलिस पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया था. इसके बाद मीणा वीरांगनाओं के साथ शहीद स्मारक स्थल पर धरने पर बैठ गए. 4 दिन बाद भी सरकार की कोई करवाई नही होने पर किरोड़ी लाल मीणा वीरांगना को लेकर सिविल लाइन स्थित पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बंगले पर पहुंचे. पायलट ने वीरांगनाओं से बात की और आश्वत किया कि वो उनकी मांग को सरकार तक पहुंचाएंगे लेकिन बात नहीं बनी.

पढ़ें Rajya Sabha MP KL Meena protest : पुलिस ने थाना जाने से रोका तो बैठ गए सड़क पर सांसद किरोड़ीलाल मीणा

इससे आहत होकर वीरांगनाओं ने पायलट के बंगले के बाहर ही फुटपाथ पर धरना शुरू कर दिया. इस धरने पर वीरांगनाओं के साथ सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी बैठे. तीन दिन से ज्यादा पायलट के बंगले के बाहर धरने पर बैठने के बाद मध्य रात्रि 10 मार्च को पुलिस ने कार्रवाई करते हुए वीरांगनाओं को धरने से उठाकर ले गई. फिर उन्हे उनके गांव ले जाकर छोड़ा. इसके अगले ही दिन किरोड़ी लाल मीणा वीरांगना मंजू जाट से मिलने शाहपुरा के लिए रवाना हुए, लेकिन सामोद थाने के बाहर पुलिस ने उन्हें रोक लिया. इस दौरान पुलिस और सांसद मीणा के बीच हल्की धक्का मुक्की हुई, पुलिस ने मीणा की गिरेबान पकड़कर जिप्सी में डाल लिया और उन्हें लेकर सड़कों पर घूमती रही है. इस दौरान किरोड़ी मीणा की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. पुलिस की ओर से राज्यसभा सांसद के साथ किए गए इस दुर्व्यवहार की शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंची.

ये थी वीरांगनाओं की माँगे : शहीद जीतराम गुर्जर की पत्नी सुन्दरी देवी, शहीद रोहिताश लांबा की पत्नी मंजू जाट, शहीद हेमराज मीणा की पत्नी मधुबाला मीना 9 दिन तक सरकार की चौखट धरना दिया था. पुलवामा हमले में शहीद हुए रोहिताश लांबा की पत्नी मंजू और जीतराम गुर्जर की पत्नी सुंदरी देवी ने मांग की कि कॉलेज और स्कूल का नाम उनके शहीद पति के नाम पर रखा जाए. साथ ही उनकी मांग है कि आश्रितों को मिलने वाली नौकरी उनके देवर को दी जाए. वहीं शहीद हेमराज मीणा की पत्नी मधुबाला मीणा की मांग है कि सांगोद चौराहे पर भी उनकी मूर्ति लगाई जाए और एक स्कूल का नामकरण शहीदों के नाम पर करें.

जयपुर. एक तरफ ईडी तो दूसरी तरफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के जरिए प्रदेश की गहलोत सरकार की आने वाले दिनों में मुश्किलें बढ़ सकती है. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ धक्का-मुक्की के मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम जयपुर पहुंच गई है. आयोग ने राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के बयान दर्ज कर लिए हैं, अब मौका मुआयना कर साक्ष्य जुटाएगी. बता दें कि मीणा ने वीरांगनाओं की मांग को लेकर 9 दिन तक धरना प्रदर्शन किया था.

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम पहुंची जयपुर : दरअसल राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने वीरांगनाओं की मांग को लेकर गहलोत सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था. करीब 9 दिन तक चले इस धरना प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने राज्यसभा सांसद डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा के साथ में अभद्र व्यवहार और धक्का-मुक्की की थी. इस पूरे मामले पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में परिवादी तनिष्क शिवानन्द ने शिकायत दर्ज कराई थी. जिस पर आयोग ने संज्ञान लेते हुए पहले तो सरकार से जवाब मांगा था, उसके बाद अब आयोग की टीम जयपुर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है. बताया जा रहा है कि तीन सदस्य आयोग की टीम 26 जून को ही जयपुर आ गई थी. जयपुर पहुंचते ही आयोग की टीम ने राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के बयान दर्ज किए. अब आयोग मौका मुआयना कर घटना के साक्ष्य जुटा रही है और 30 जून तक आयोग की टीम अपनी जांच पूरी करके दिल्ली के लिए रवाना होगी.

ये था प्रकरण : बता दें कि सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा 4 मार्च को जयपुर में पहले तो शहीद वीरांगनाओं को मुख्यमंत्री से मिलने के लिए विधानसभा लेकर पहुंचे थे. लेकिन वहां पर तैनात पुलिस ने उन्हें वहां रोक दिया और वहां से रवाना हो गई, इस दौरान पुलिस और सांसद मीणा के बीच कहासुनी हुई थी. उसके बाद मीणा ने पुलिस पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया था. इसके बाद मीणा वीरांगनाओं के साथ शहीद स्मारक स्थल पर धरने पर बैठ गए. 4 दिन बाद भी सरकार की कोई करवाई नही होने पर किरोड़ी लाल मीणा वीरांगना को लेकर सिविल लाइन स्थित पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बंगले पर पहुंचे. पायलट ने वीरांगनाओं से बात की और आश्वत किया कि वो उनकी मांग को सरकार तक पहुंचाएंगे लेकिन बात नहीं बनी.

पढ़ें Rajya Sabha MP KL Meena protest : पुलिस ने थाना जाने से रोका तो बैठ गए सड़क पर सांसद किरोड़ीलाल मीणा

इससे आहत होकर वीरांगनाओं ने पायलट के बंगले के बाहर ही फुटपाथ पर धरना शुरू कर दिया. इस धरने पर वीरांगनाओं के साथ सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी बैठे. तीन दिन से ज्यादा पायलट के बंगले के बाहर धरने पर बैठने के बाद मध्य रात्रि 10 मार्च को पुलिस ने कार्रवाई करते हुए वीरांगनाओं को धरने से उठाकर ले गई. फिर उन्हे उनके गांव ले जाकर छोड़ा. इसके अगले ही दिन किरोड़ी लाल मीणा वीरांगना मंजू जाट से मिलने शाहपुरा के लिए रवाना हुए, लेकिन सामोद थाने के बाहर पुलिस ने उन्हें रोक लिया. इस दौरान पुलिस और सांसद मीणा के बीच हल्की धक्का मुक्की हुई, पुलिस ने मीणा की गिरेबान पकड़कर जिप्सी में डाल लिया और उन्हें लेकर सड़कों पर घूमती रही है. इस दौरान किरोड़ी मीणा की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. पुलिस की ओर से राज्यसभा सांसद के साथ किए गए इस दुर्व्यवहार की शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंची.

ये थी वीरांगनाओं की माँगे : शहीद जीतराम गुर्जर की पत्नी सुन्दरी देवी, शहीद रोहिताश लांबा की पत्नी मंजू जाट, शहीद हेमराज मीणा की पत्नी मधुबाला मीना 9 दिन तक सरकार की चौखट धरना दिया था. पुलवामा हमले में शहीद हुए रोहिताश लांबा की पत्नी मंजू और जीतराम गुर्जर की पत्नी सुंदरी देवी ने मांग की कि कॉलेज और स्कूल का नाम उनके शहीद पति के नाम पर रखा जाए. साथ ही उनकी मांग है कि आश्रितों को मिलने वाली नौकरी उनके देवर को दी जाए. वहीं शहीद हेमराज मीणा की पत्नी मधुबाला मीणा की मांग है कि सांगोद चौराहे पर भी उनकी मूर्ति लगाई जाए और एक स्कूल का नामकरण शहीदों के नाम पर करें.

Last Updated : Jun 27, 2023, 1:41 PM IST
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