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NGT ने पंजाब पर लगाया 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का जुर्माना - एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल

एनजीटी से पंजाब सरकार को बड़ा झटका लगा है. एनजीटी ने पंजाब सरकार पर 2000 करोड़ से ज्यादा का जुर्माना लगाया है. एनजीटी ने कहा कि बार-बार आदेश जारी करने के बावजूद भी पंजाब में सालिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था को लेकर सरकार ने कोई बड़ा कदम नही उठाया है.

NGT imposed fine of 2000 crores on Punjab govt
राष्ट्रीय हरित अधिकरण
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Published : Sep 23, 2022, 5:35 PM IST

नई दिल्ली/चंडीगढ़ : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने ठोस और तरल कचरे के प्रबंधन में विफल रहने के कारण पंजाब सरकार पर 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है (NGT imposed fine of 2000 crores on Punjab govt). कचरा प्रबंधन में विफल रहने के कारण इसके पैदा होने और शोधन में भारी अंतर है.

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सुधारात्मक कदम के लिए न तो अनिश्चित काल तक इंतजार किया जा सकता है, न ही स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को लंबे समय तक टाला जा सकता है. पीठ ने कहा, 'राज्य सरकार की जिम्मेदारी प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक व्यापक योजना बनाना है जो इसकी पूर्ण जवाबदेही है. इसे समझा नहीं जा रहा है.'

एनजीटी ने कहा, 'यदि बजटीय आवंटन में कमी है, तब भी राज्य सरकार को ही लागत कम करने या संसाधनों में वृद्धि करने की उपयुक्त योजना बनानी है.' पीठ ने कहा कि अपशिष्ट प्रबंधन के विषय पर पर्यावरण मानदंडों का अनुपालन उच्च प्राथमिकता पर होना चाहिए. एनजीटी के अनुसार, कुल मुआवजा 2,180 करोड़ रुपये है.

पंजाब सरकार अशोधित सीवेज और ठोस कचरे के शोधन में विफल रहने के लिए पहले ही उपरोक्त राशि में न्यायाधिकरण के पास 100 करोड़ रुपये जमा कर चुकी है. पीठ ने कहा, 'बाकी 2,080 करोड़ रुपये पंजाब सरकार द्वारा दो महीने के भीतर एक अलग खाते में जमा किये जा सकते हैं.' एनजीटी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा नगर निगम ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली, 2016 और अन्य पर्यावरणीय मुद्दों के अनुपालन की निगरानी कर रहा है.

पढ़ें- NGT ने प्रदूषण को लेकर पंजाब पर ठोका एक लाख का जुर्माना

नई दिल्ली/चंडीगढ़ : राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने ठोस और तरल कचरे के प्रबंधन में विफल रहने के कारण पंजाब सरकार पर 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है (NGT imposed fine of 2000 crores on Punjab govt). कचरा प्रबंधन में विफल रहने के कारण इसके पैदा होने और शोधन में भारी अंतर है.

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सुधारात्मक कदम के लिए न तो अनिश्चित काल तक इंतजार किया जा सकता है, न ही स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों को लंबे समय तक टाला जा सकता है. पीठ ने कहा, 'राज्य सरकार की जिम्मेदारी प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक व्यापक योजना बनाना है जो इसकी पूर्ण जवाबदेही है. इसे समझा नहीं जा रहा है.'

एनजीटी ने कहा, 'यदि बजटीय आवंटन में कमी है, तब भी राज्य सरकार को ही लागत कम करने या संसाधनों में वृद्धि करने की उपयुक्त योजना बनानी है.' पीठ ने कहा कि अपशिष्ट प्रबंधन के विषय पर पर्यावरण मानदंडों का अनुपालन उच्च प्राथमिकता पर होना चाहिए. एनजीटी के अनुसार, कुल मुआवजा 2,180 करोड़ रुपये है.

पंजाब सरकार अशोधित सीवेज और ठोस कचरे के शोधन में विफल रहने के लिए पहले ही उपरोक्त राशि में न्यायाधिकरण के पास 100 करोड़ रुपये जमा कर चुकी है. पीठ ने कहा, 'बाकी 2,080 करोड़ रुपये पंजाब सरकार द्वारा दो महीने के भीतर एक अलग खाते में जमा किये जा सकते हैं.' एनजीटी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा नगर निगम ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियमावली, 2016 और अन्य पर्यावरणीय मुद्दों के अनुपालन की निगरानी कर रहा है.

पढ़ें- NGT ने प्रदूषण को लेकर पंजाब पर ठोका एक लाख का जुर्माना

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