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प्रीमियम ट्रेनों में चाय-कॉफी सस्ती, खाना हुआ महंगा

राजधानी एक्सप्रेस, दुरंतो एक्सप्रेस और शताब्दी जैसी ट्रेनों में खाना महंगा हो गया है. हालांकि, अगर टिकट बुकिंग करते समय खाना का ऑर्डर किया, तो पुराने रेट ही देने होंगे. आईआरसीटीसी ने चाय-पानी-कॉफी को नए रेट से मुक्त कर दिया है. नए नियम के मुताबिक 20 रुपये की चाय के लिए 70 रुपये चुकाने पड़ रहे थे.

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Published : Jul 19, 2022, 5:51 PM IST

नई दिल्ली : प्रीमियम ट्रेनों (राजधानी एक्स्प्रेस, तेजस, शताब्दी, वंदे भारत और दुरंतो) में केटरिंग सेवा महंगी हो गई है. इसका मतलब है कि ट्रेन पर खाना महंगा हो गया है. हालांकि, आपने टिकट बुकिंग करते समय ऑनलाइन खाना का ऑर्डर दिया है, तो पुराने रेट ही लगेंगे. अचानक ही आपने ट्रेन पर खाना का ऑर्डर दिया, तो आपको 50 रुपये अतिरिक्त देने होंगे. इस रेट को लेकर यात्रियों ने विरोध भी किया. विरोध के बाद सरकार ने चाय और पानी को नए रेट से मुक्त कर दिया है.

नए नियम के मुताबिक 20 रुपये की चाय, 70 रुपये में मिलती. 50 रुपये को सर्विस चार्ज के रूप में जोड़ा गया था. हालांकि, विवाद के बाद चाय पर लगने वाले सर्विस चार्ज को वापस ले लिया गया है. लेकिन नाश्ता और स्नैक्स पर नया रेट लगेगा.

क्या है नया रेट- एसी-1 क्लास के लिए आपने नाश्ता बुक कराया, तो आपको 140 रुपये की जगह 190 रुपये देने होंगे. एसी-2 और एसी-3 क्लास में आपको 105 रुपये की जगह 155 रुपये चुकाने होंगे. इसी तरह से लंच और डिनर के लिए एसी-1 में 245 रुपये की जगह 295 रुपये देने होंगे. एसी-2 और एसी 3 में आपको 140 रुपये की जगह 190 रुपये देने होंगे.

दुरंतो में आप स्लीपर क्लास से चलेंगे, तो भी आपको नए से ही भुगतान करने होंगे. आईआरसीटीसी के सर्कुलर के अनुसार, उन यात्रियों को जिन्होंने टिकट के साथ खाने का ऑप्शन नहीं चुना है उनको अब चाय, पानी मौजूदा कीमतों पर ही, लेकिन नाश्ता, खाना के लिए 50 रुपया ज्यादा देना होगा. यह सर्विस चार्ज राजधानी, दुरंतो, शताब्दी और वंदे भारत ट्रेन में लगता था.

आपको बता दें कि चार जुलाई को कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय ने यह आदेश दिया था कि सेवा शुल्क की मांग करना अनुचित होगा. कोई भी होटल, रंस्तरां या अन्य संस्था इस तरह का सेवा शुल्क नहीं ले सकता है. सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथोरिटी ने भी बिल में सर्विस चार्ज जोड़े जाने पर पाबंदी लगाई थी.

ट्रेन पर खाना उपलब्ध करवाने वाले ठेकेदारों का कहना है कि टिकट बुकिंग के दौरान खाने का ऑर्डर कर दिया जाता है, तो उन्हें पहले से यह पता रहता है कि कितने लोगों का खाना तैयार करना है, लेकिन ट्रेन पर यात्रा के दौरान अचानक ऑर्डर करने पर उन्हें खाना तैयार करने में ज्यादा खर्च लगता है और कई बार मांग नहीं होने पर उनका खाना बर्बाद भी हो जाता है.

ये भी पढ़ें : IRCTC के जरिए टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग सीमा बढ़ी, अब इतने टिकट कर सकते हैं बुक

नई दिल्ली : प्रीमियम ट्रेनों (राजधानी एक्स्प्रेस, तेजस, शताब्दी, वंदे भारत और दुरंतो) में केटरिंग सेवा महंगी हो गई है. इसका मतलब है कि ट्रेन पर खाना महंगा हो गया है. हालांकि, आपने टिकट बुकिंग करते समय ऑनलाइन खाना का ऑर्डर दिया है, तो पुराने रेट ही लगेंगे. अचानक ही आपने ट्रेन पर खाना का ऑर्डर दिया, तो आपको 50 रुपये अतिरिक्त देने होंगे. इस रेट को लेकर यात्रियों ने विरोध भी किया. विरोध के बाद सरकार ने चाय और पानी को नए रेट से मुक्त कर दिया है.

नए नियम के मुताबिक 20 रुपये की चाय, 70 रुपये में मिलती. 50 रुपये को सर्विस चार्ज के रूप में जोड़ा गया था. हालांकि, विवाद के बाद चाय पर लगने वाले सर्विस चार्ज को वापस ले लिया गया है. लेकिन नाश्ता और स्नैक्स पर नया रेट लगेगा.

क्या है नया रेट- एसी-1 क्लास के लिए आपने नाश्ता बुक कराया, तो आपको 140 रुपये की जगह 190 रुपये देने होंगे. एसी-2 और एसी-3 क्लास में आपको 105 रुपये की जगह 155 रुपये चुकाने होंगे. इसी तरह से लंच और डिनर के लिए एसी-1 में 245 रुपये की जगह 295 रुपये देने होंगे. एसी-2 और एसी 3 में आपको 140 रुपये की जगह 190 रुपये देने होंगे.

दुरंतो में आप स्लीपर क्लास से चलेंगे, तो भी आपको नए से ही भुगतान करने होंगे. आईआरसीटीसी के सर्कुलर के अनुसार, उन यात्रियों को जिन्होंने टिकट के साथ खाने का ऑप्शन नहीं चुना है उनको अब चाय, पानी मौजूदा कीमतों पर ही, लेकिन नाश्ता, खाना के लिए 50 रुपया ज्यादा देना होगा. यह सर्विस चार्ज राजधानी, दुरंतो, शताब्दी और वंदे भारत ट्रेन में लगता था.

आपको बता दें कि चार जुलाई को कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय ने यह आदेश दिया था कि सेवा शुल्क की मांग करना अनुचित होगा. कोई भी होटल, रंस्तरां या अन्य संस्था इस तरह का सेवा शुल्क नहीं ले सकता है. सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथोरिटी ने भी बिल में सर्विस चार्ज जोड़े जाने पर पाबंदी लगाई थी.

ट्रेन पर खाना उपलब्ध करवाने वाले ठेकेदारों का कहना है कि टिकट बुकिंग के दौरान खाने का ऑर्डर कर दिया जाता है, तो उन्हें पहले से यह पता रहता है कि कितने लोगों का खाना तैयार करना है, लेकिन ट्रेन पर यात्रा के दौरान अचानक ऑर्डर करने पर उन्हें खाना तैयार करने में ज्यादा खर्च लगता है और कई बार मांग नहीं होने पर उनका खाना बर्बाद भी हो जाता है.

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