नई दिल्ली : एक आधिकारिक सूचना के मुताबिक संसद भवन की नई इमारत का निर्माण आज (15 जनवरी) से शुरू होगा. एक अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी है. इससे पहले विरासत संरक्षण समिति ने इसे मंजूरी दे दी है. समिति में विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं विशेषज्ञ बतौर सदस्य शामिल हैं.
गौरतलब है कि इससे पहले सेंट्रल विस्टा से जुड़े एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में आवास सचिव ने बीते 11 जनवरी को बताया था कि विरासत संरक्षण समिति ने सेंट्रल विस्टा पुनर्निर्माण परियोजना के तहत नए संसद भवन के निर्माण को मंजूरी दे दी गई है.
विरासत समिति की मंजूरी के बाद संसद की नई इमारत के निर्माण कार्य शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है. कुछ दिन पहले ही उच्चतम न्यायालय ने इस समिति से मंजूरी के संबंध में सरकार को निर्देश दिया था.
केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि नए संसद भवन के निर्माण के चलते मौजूदा संरचना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा जोकि एक धरोहर है.
आलोचना के बीच केंद्र का पक्ष
परियोजना को लेकर विस्तृत विचार-विमर्श नहीं किए जाने की आलोचना के बीच पुरी ने कहा कि सरकार ने इसको लेकर परामर्शदाताओं, विशेषज्ञों और संपादकों समेत बहुत सारे लोगों से बातचीत की थी. उन्होंने कहा कि इस संबंध में किए गए विचार-विमर्श को जल्द ही सार्वजनिक मंच पर रखेगी. साथ ही कहा कि एक वेबसाइट की शुरुआत की जाएगी, जिस पर सेंट्रल विस्टा परियोजना संबंधी पूरा ब्योरा उपलब्ध होगा.
परियोजना की आलोचना के संबंध में प्रतिक्रिया देते हुए पुरी ने कहा कि अधिकतर आलोचनाओं का आधार केवल इतना था कि सरकार को नए संसद भवन की क्या आवश्यकता है? आवास सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि 14 सदस्यीय समिति ने प्रस्ताव पर चर्चा की और इसे मंजूरी प्रदान की.
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केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विरासत संरक्षण समिति के अध्यक्ष हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या मंजूरी प्रदान करने से पहले सार्वजनिक सुनवाई अनिवार्य थी, जिस पर उन्होंने कहा, 'नहीं'.
गणतंत्र दिवस परेड पुनर्विकसित राजपथ पर
मिश्रा ने कहा कि समिति के सदस्य एकीकृत भवन कानून के तहत उपलब्ध कराई गई चीजों को देखते हैं और उनके आधार पर वे किसी प्रस्ताव को स्वीकार या अस्वीकार करते हैं अथवा संशोधन का सुझाव देते हैं. उन्होंने कहा कि इस वर्ष की गणतंत्र दिवस परेड के बाद जल्द ही राजपथ के पुनर्विकास का कार्य शुरू होगा जोकि अगले 10 महीनों में पूरा होने की उम्मीद हे और अगली गणतंत्र दिवस परेड पुनर्विकसित राजपथ पर होगी.
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पांच जनवरी को उच्चतम न्यायालय ने 'सेंट्रल विस्टा' परियोजना को मिली पर्यावरण मंजूरी और भूमि उपयोग में बदलाव की अधिसूचना को बरकरार रखते हुए राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर के क्षेत्र में फैली इस महत्वाकांक्षी परियोजना का रास्ता साफ कर दिया था.
नए संसद की कुछ विशेषताएं
सेंट्रल विस्टा परियोजना की घोषणा सितंबर 2019 में की गई थी. इसके तहत त्रिकोण के आकार वाले नए संसद भवन का निर्माण किया जाएगा जिसमें 900 से 1,200 सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी. इसका निर्माण अगस्त 2022 तक पूरा होना है. उसी वर्ष भारत 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा.
इस परियोजना के तहत साझा केंद्रीय सचिवालय का निर्माण 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है.
शीर्ष अदालत ने बहुमत के फैसले में कहा था कि नए स्थलों पर निर्माण कार्य आरंभ करने से पहले विरासत संरक्षण समिति तथा अन्य संबंधित प्राधिकारों से पूर्व अनुमति ली जाए.
नए संसद भवन की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले महीने रखी थी. इसकी अनुमानित लागत 971 करोड़ रुपये है.