नई दिल्ली: राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) ने डार्क नेट, क्रिप्टोकरेंसी और सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से होने वाली मादक पदार्थों की बिक्री पर रोक के लिए कुछ नए रणनीतिक तरीकों के विकास की जरूरत पर बल दिया है. डीआरआई ने सोमवार को जारी अपनी भारत में तस्करी 2021-22 रिपोर्ट में कहा है कि डीआरआई समेत सभी कानूनी प्रवर्तन एजेंसियों को मादक पदार्थों की तस्करी पर प्रभावी ढंग से रोक लगाने के लिए खुद को लगातार अद्यतन करना होगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के हाथों जारी यह रिपोर्ट कहती है, 'डार्क नेट, क्रिप्टोकरेंसी और सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल ग्राहकों को लुभाने और मादक पदार्थों की बिक्री के लिए करना अपेक्षाकृत नया घटनाक्रम है. ऐसी स्थिति में मादक पदार्थों की रोकथाम से संबंधित कानूनों के अनुपालन के लिए नए रणनीतिक तरीके विकसित करने की जरूरत है.'
भारत आतंकी गतिविधियों के लिए वित्त मुहैया कराने और काले धन को सफेद करने में क्रिप्टो मुद्राओं के वैश्विक नियमन की मांग करता रहा है. इस दिशा में सम्मिलित प्रयासों से धन की आवाजाही का मार्ग चिह्नित करने में मदद मिलेगी और यह भी सुनिश्चित किया जा सकेगा कि मादक पदार्थों की तस्करी एवं आतंकवाद के वित्तपोषण में इसका दुरुपयोग न हो.
डीआरआई के 65वें स्थापना दिवस पर जारी रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेट एवं सोशल मीडिया से किसी की पहचान को छिपाकर रखना आसान होने और डार्क नेट एवं क्रिप्टोकरेंसी के आने से वन्यजीवों की तस्करी भी बढ़ी है. डीआरआई के महानिदेशक एम के सिंह ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान एजेंसी ने करीब 20,000 करोड़ रुपये मूल्य के प्रतिबंधित पदार्थों को जब्त किया था. इस दौरान डीआरआई ने 3,463 किलोग्राम हेरोइन, 833 किलोग्राम सोना और 321 किलोग्राम कोकीन जब्त किया था.