सूरत : कोरोना वायरस की रफ्तार लगातार तेज होती जा रही है. महाराष्ट्र में हालात लगातार गंभीर होते जा रहे हैं. इसके अलावा दिल्ली, पंजाब, गुजरात जैसे राज्यों में भी कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. गुजरात के 20 शहरों में रात्रि कर्फ्यू लागू किया गया है. अहमदाबाद सहित पूरे गुजरात में कोरोनो वायरस महामारी की दूसरी लहर तेजी से फैल रही है.
वहीं घातक वायरस ने अहमदाबाद, वड़ोदरा और सूरत में मासूम बच्चों पर कहर ढा रहा है. बता दें कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर का ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्गों पर हो रहा है. डॉक्टरों ने भी बच्चों को आवश्यक सावधानी बरतने और घर से बाहर ना निकलने की सलाह दी है. बच्चों में कोरोना वायरस संक्रमण की संभावना अधिक है.
गुजरात के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. पुरवेश धकेचा ने ईटीवी भारत को बताया कि लोगों को डरने की जरूरत नहीं है. यह महामारी का दूसरा चरण है. पिछले साल भी बच्चे संक्रमित हुए थे, लेकिन वे संख्या में कम थे, लेकिन इस बार अधिक बच्चे संक्रमित हो रहे हैं. बच्चों में बुखार, सर्दी और खांसी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं जो पिछले साल महामारी के दौरान नहीं थे. हालांकि, घबराने की कोई बात नहीं है, क्योंकि 14 साल तक के बच्चों में कोरोनो वायरस का रिसेप्टर नहीं होता है और इसलिए उन्हें सांस लेने में तकलीफ नहीं होती.
बच्चों को अलग रखना आवश्यक है, बच्चों को परिवार के बुजुर्ग सदस्यों से दूर रखना चाहिए. यदि बच्चों में कुछ लक्षण दिखता है, तो उसे बाल विशेषज्ञ के पास ले जाना चाहिए. सूरत में, बुखार, सर्दी और खांसी के लक्षणों वाले लगभग 150 से 200 बच्चों रोज मिल रहे हैं. जिनका सीआरपी रक्त परीक्षण और एंटीजन टेस्ट किया जा रहा है.
टीकाकरण आवश्यक
अहमदाबाद के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. निश्चल भट्ट ने ईटीवी भारत को बताया की इस बार अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सामाजिक दूरी बनाए रखना, मास्क लगाना, साबुन से हाथ धोना और और सैनिटाइजर का उपयोग करना जरूरी है. समय पर टीकाकरण आवश्यक है.
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सूरत नगर पालिका आयुक्त बानछानिधि पाणी ने कहा कि बच्चों में कोरोनो वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर बच्चों को रिवर्स क्वारंटाइन में रखना आवश्यक है. बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए, क्योंकि अगर वे बाहर जाते हैं तो उन्हें संक्रमण होने की संभावना है.