नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और बिजली मंत्री अजय माकन ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी के खिलाफ जोरदार हमला किया और इस बात पर प्रकाश डाला कि केजरीवाल सरकार बिजली सब्सिडी की आड़ में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है और कहा कि इस मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच होनी चाहिए. दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए माकन ने दिल्ली इकाई के अन्य सदस्यों के साथ 'केजरीवाल-बिजली के तार भ्रष्टाचार और बेरोजगारी' शीर्षक से एक पुस्तिका का विमोचन किया.
अपने संबोधन के दौरान, राजस्थान के प्रभारी एआईसीसी महासचिव पद छोड़ने के बाद से सुर्खियां बटोर रहे माकन ने कहा कि जब से दिल्ली में केजरीवाल सरकार सत्ता में आई है, उच्च व्यावसायिक दरों के कारण राष्ट्रीय राजधानी में हजारों कारखाने बंद हो गए हैं और इन इकाइयों के लगभग 1.5 लाख श्रमिकों ने अपना रोजगार खो दिया है. माकन ने कहा कि 'आज दिल्ली में बिजली की औद्योगिक दर 13 रुपये प्रति यूनिट है और व्यावसायिक दर 16.9 रुपये प्रति यूनिट है. उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान जैसे पड़ोसी राज्यों की तुलना में, दिल्ली में बिजली की व्यावसायिक दर सबसे अधिक है, इस वजह से, कई कारखानों को दिल्ली से हटा दिया गया है या बंद करने के लिए मजबूर किया जा रहा है.'
केजरीवाल सरकार पर भ्रष्टाचार मुक्त सरकार और सब्सिडी की आड़ में दिल्ली की जनता को लूटने का आरोप लगाते हुए माकन ने कहा, 'अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने बिना किसी ऑडिट के निजी बिजली वितरण कंपनियों को सब्सिडी का पैसा दिया. अगर सब्सिडी का पैसा सीधे उपभोक्ताओं को दिया जाता है, तो घरेलू उपभोक्ताओं को उतनी ही राशि में 500 यूनिट तक बिजली मुफ्त मिल सकती है, जितनी केजरीवाल सरकार सब्सिडी पर खर्च कर रही है.'
शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान ऊर्जा मंत्री रहे माकन ने एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से समझाया कि कांग्रेस के शासन काल में 2009 से 2014 तक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ 11.93 फीसदी थी, लेकिन अब केजरीवाल सरकार के समय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ घटकर 0.74 फीसदी रह गई है.
आगे आप पर हमला बोलते हुए माकन ने कहा कि 'दिल्ली को छोड़कर देश के किसी अन्य राज्य में निजी बिजली वितरण कंपनियों को सब्सिडी का पैसा सीधे नहीं दिया जा रहा है. वर्ष 2015 से अब तक निजी कंपनियों को 14,731 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा चुकी है. 2021-22 में ही 3090 करोड़ रुपये की राशि सब्सिडी के रूप में दी गई.' उन्होंने कहा कि 'केजरीवाल सरकार ने कुछ महीने पहले स्वैच्छिक सब्सिडी योजना के तहत उपभोक्ताओं का पंजीकरण करवाया था. दिल्ली के कुल 58 लाख घरेलू उपभोक्ताओं में से लगभग 37 लाख यानी 60 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने पंजीकरण कराया, तो वे 30 प्रतिशत कहां हैं.'
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यह घटना राष्ट्रीय राजधानी में एमसीडी चुनावों की पृष्ठभूमि में आती है, जिसमें सत्तारूढ़ भाजपा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा और अन्य की उपस्थिति सहित भारी रैलियां कर रही है. राजस्थान में राजनीतिक संकट पर टिप्पणी करने के लिए पूछे जाने पर, माकन ने कार्यक्रम के बाद पत्रकारों के एक समूह के साथ बातचीत करते हुए कहा कि 'यह सम्मेलन यह दिखाने के लिए है कि आप भ्रष्टाचार मुक्त मॉडल की आड़ में और राजस्थान के मुद्दे पर दिल्लीवासियों को कैसे लूट रही है, वह मैं राजस्थान में बताऊंगा.'