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चीन से तनाव के बीच भारत-भूटान सीमा पर एसएसबी ने बनाईं चौकियां

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Published : Dec 24, 2020, 6:00 PM IST

चीन से तनाव के बीच सशस्त्र सीमा बल ने भारत-भूटान सीमा पर 22 बॉर्डर आउट पोस्ट का निर्माण किया है, जिसे भारत-भूटान बॉर्डर के निकट प्रमुख स्थानों पर बनाया गया है.

22 चौकियों का निर्माण
22 चौकियों का निर्माण

नई दिल्ली : भारत-भूटान सीमा पर सशस्त्र सीमा बल ने 22 नई चौकियों का निर्माण किया है. इन 22 बॉर्डर आउट पोस्ट को प्रमुख जगहों पर बनाया गया है. इसके साथ ही अब सीमा बल के पास कई चौकियां हो गई हैं, जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 12 हजार फीट से अधिक है.

सीमा बल को प्रमुख त्रिकोणीय जंक्शन (भारत-भूटान-तिब्बत) के पास तैनात किया गया है. भारतीय सेना के रूप में त्रि-जंक्शन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, 2017 में वहां चीनी सेना के साथ एक लंबा गतिरोध था.

इन 22 बॉर्डर आउट पोस्ट के निर्माण के बाद एसएसबी अब अपने स्वीकृत 734 चौकियों के निर्माण के करीब है. एसएसबी के पास 722 बॉर्डर आउट पोस्ट हैं, जिसमें अब केवल 12 का निर्माण होना बाकी है.

एसएसबी के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि नए सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष रूप से त्रिकोणीय जंक्शन के पास बना यह चौकियों का निर्माण एसएसबी की ताकत को एक बढ़त देंगे. इन 22 नए चौकियों को रिकॉर्ड समय में बनाया गया है और इनमें से अधिकांश भारत-भूटान सीमा पर हैं.

पढ़ें- सबरीमला मंदिर मामला: सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले को दी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

सूत्रों का कहना है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव के बीच इन चौकियों का निर्माण कार्य पिछले वर्षों में निर्मित चौकियों की तुलना में बहुत तेजी से किया गया है.

अधिकारी ने कहा कि अब 12 चौकियों का निर्माण बाकी हैं, जिनका निर्माण पूरा करने के लिए शीर्ष ऊंचाइयों पर बनाया जाना है. इन 12 चौकियों में से अधिकांश का निर्माण भारत- भूटान बॉर्डर पर किया जाना है, जहां का तापमान लद्दाख की तरह माइनस डिग्री में जाता है.

एलएसी में चीन के साथ तनाव के बीच एसएसबी ने त्रिकोणीय जंक्शन सहित प्रमुख क्षेत्रों से एक भी टुकड़ी को डायवर्ट नहीं किया है. अधिकारी ने कहा कि एलएसी पर जारी तनाव के बीच, हमने अपने एक भी जवान को किसी भी लॉ एंड ऑर्डर ड्यूटी के लिए नहीं भेजा है. सभी जवान चौकियों पर ही तैनात हैं. वहीं, अगर स्टाफ की कमी होती भी है, तो उसे तुरंत पूरा कर लिया जाएगा.

नई दिल्ली : भारत-भूटान सीमा पर सशस्त्र सीमा बल ने 22 नई चौकियों का निर्माण किया है. इन 22 बॉर्डर आउट पोस्ट को प्रमुख जगहों पर बनाया गया है. इसके साथ ही अब सीमा बल के पास कई चौकियां हो गई हैं, जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 12 हजार फीट से अधिक है.

सीमा बल को प्रमुख त्रिकोणीय जंक्शन (भारत-भूटान-तिब्बत) के पास तैनात किया गया है. भारतीय सेना के रूप में त्रि-जंक्शन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, 2017 में वहां चीनी सेना के साथ एक लंबा गतिरोध था.

इन 22 बॉर्डर आउट पोस्ट के निर्माण के बाद एसएसबी अब अपने स्वीकृत 734 चौकियों के निर्माण के करीब है. एसएसबी के पास 722 बॉर्डर आउट पोस्ट हैं, जिसमें अब केवल 12 का निर्माण होना बाकी है.

एसएसबी के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि नए सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष रूप से त्रिकोणीय जंक्शन के पास बना यह चौकियों का निर्माण एसएसबी की ताकत को एक बढ़त देंगे. इन 22 नए चौकियों को रिकॉर्ड समय में बनाया गया है और इनमें से अधिकांश भारत-भूटान सीमा पर हैं.

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सूत्रों का कहना है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव के बीच इन चौकियों का निर्माण कार्य पिछले वर्षों में निर्मित चौकियों की तुलना में बहुत तेजी से किया गया है.

अधिकारी ने कहा कि अब 12 चौकियों का निर्माण बाकी हैं, जिनका निर्माण पूरा करने के लिए शीर्ष ऊंचाइयों पर बनाया जाना है. इन 12 चौकियों में से अधिकांश का निर्माण भारत- भूटान बॉर्डर पर किया जाना है, जहां का तापमान लद्दाख की तरह माइनस डिग्री में जाता है.

एलएसी में चीन के साथ तनाव के बीच एसएसबी ने त्रिकोणीय जंक्शन सहित प्रमुख क्षेत्रों से एक भी टुकड़ी को डायवर्ट नहीं किया है. अधिकारी ने कहा कि एलएसी पर जारी तनाव के बीच, हमने अपने एक भी जवान को किसी भी लॉ एंड ऑर्डर ड्यूटी के लिए नहीं भेजा है. सभी जवान चौकियों पर ही तैनात हैं. वहीं, अगर स्टाफ की कमी होती भी है, तो उसे तुरंत पूरा कर लिया जाएगा.

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