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Chandra Bose Quits BJP : अंतरात्मा के लिए यह असंभव हो गया था कहते हुए नेताजी के पोते ने बीजेपी से दिया इस्तीफा

नेताजी सुभाषचंद्र के पोते चंद्र कुमार बोस ने मतभेदों का हवाला देते हुए बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने इस्तीफा देते हुए बड़ा बयान भी दिया.

Netaji grandnephew Chandra Bose quits BJP
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 7, 2023, 8:31 AM IST

Updated : Sep 12, 2023, 2:59 PM IST

कोलकाता: नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने मतभेदों का हवाला देते हुए यह फैसला लिया. बता दें, चंद्र कुमार बोस 2016 से 2020 तक पश्चिम बंगाल में भाजपा के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे, उसके बाद पार्टी ने उनको पद से हटा दिया गया था. अपने इस्तीफे में बोस ने लिखा कि उनको केंद्र और राज्य स्तर पर नेताजी और शरत चंद्र बोस की विचारधारा को प्रोत्साहित करने के लिए कोई सहयोग नहीं मिला.

चंद्र बोस ने त्यागपत्र में लिखा कि मैंने बंगाल के लोगों तक पहुंचने के लिए बंगाल की रणनीति का सुझाव देते हुए एक विस्तृत प्रस्ताव रखा था. मेरे प्रस्तावों को नजरअंदाज कर दिया गया. इन दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों को देखते हुए, मेरी अंतरात्मा के लिए यह असंभव हो गया था कि ंमैं भाजपा का सदस्य बना रहूं. उन्होंने पत्र में कहा कि मैंने बोस परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण तारीख को यह महत्वपूर्ण कदम उठाने का फैसला किया है, जो कि मेरे दादा शरत चंद्र बोस, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बड़े भाई, संरक्षक और कॉमरेड-इन-आर्म्स की 134 वीं जयंती है. शरत और सुभाष बोस को बॉस ब्रदर्स उनकी लोकप्रियता के कारण कहा जाता था.

ये भी पढ़ें : नेताजी के पोते ने PIL दायर कर स्वतंत्रता आंदोलन की 'विकृति' को खत्म करने की मांग

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बड़े भाई, गुरु और साथी. शरत और सुभाष बोस, स्वतंत्र भारत के लिए एक समावेशी और धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के लिए खड़े थे, हालांकि, चंद्र कुमार बोस ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और विकास कार्यक्रम की प्रशंसा की. चंद्र बोस ने लिखा, तब मेरी चर्चा बोस ब्रदर्स की समावेशी विचारधारा पर केंद्रित थी. तब और बाद में मेरी समझ यह रही है कि मैं इस विचारधारा को भाजपा के मंच पर पूरे देश में प्रचारित करूंगा. इसके अलावा बीजेपी के साथ रहते धर्म, जाति और पंथ के बावजूद सभी समुदायों को भारतीय के रूप में एकजुट करने की नेताजी की विचारधारा का प्रचार करने के उद्देश्य से एक आजाद हिंद मोर्चा बनाने का भी निर्णय लिया गया था.'

(अतिरिक्त इनपुट-भाषा)

कोलकाता: नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने मतभेदों का हवाला देते हुए यह फैसला लिया. बता दें, चंद्र कुमार बोस 2016 से 2020 तक पश्चिम बंगाल में भाजपा के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे, उसके बाद पार्टी ने उनको पद से हटा दिया गया था. अपने इस्तीफे में बोस ने लिखा कि उनको केंद्र और राज्य स्तर पर नेताजी और शरत चंद्र बोस की विचारधारा को प्रोत्साहित करने के लिए कोई सहयोग नहीं मिला.

चंद्र बोस ने त्यागपत्र में लिखा कि मैंने बंगाल के लोगों तक पहुंचने के लिए बंगाल की रणनीति का सुझाव देते हुए एक विस्तृत प्रस्ताव रखा था. मेरे प्रस्तावों को नजरअंदाज कर दिया गया. इन दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों को देखते हुए, मेरी अंतरात्मा के लिए यह असंभव हो गया था कि ंमैं भाजपा का सदस्य बना रहूं. उन्होंने पत्र में कहा कि मैंने बोस परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण तारीख को यह महत्वपूर्ण कदम उठाने का फैसला किया है, जो कि मेरे दादा शरत चंद्र बोस, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बड़े भाई, संरक्षक और कॉमरेड-इन-आर्म्स की 134 वीं जयंती है. शरत और सुभाष बोस को बॉस ब्रदर्स उनकी लोकप्रियता के कारण कहा जाता था.

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नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बड़े भाई, गुरु और साथी. शरत और सुभाष बोस, स्वतंत्र भारत के लिए एक समावेशी और धर्मनिरपेक्ष विचारधारा के लिए खड़े थे, हालांकि, चंद्र कुमार बोस ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और विकास कार्यक्रम की प्रशंसा की. चंद्र बोस ने लिखा, तब मेरी चर्चा बोस ब्रदर्स की समावेशी विचारधारा पर केंद्रित थी. तब और बाद में मेरी समझ यह रही है कि मैं इस विचारधारा को भाजपा के मंच पर पूरे देश में प्रचारित करूंगा. इसके अलावा बीजेपी के साथ रहते धर्म, जाति और पंथ के बावजूद सभी समुदायों को भारतीय के रूप में एकजुट करने की नेताजी की विचारधारा का प्रचार करने के उद्देश्य से एक आजाद हिंद मोर्चा बनाने का भी निर्णय लिया गया था.'

(अतिरिक्त इनपुट-भाषा)

Last Updated : Sep 12, 2023, 2:59 PM IST
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