काठमांडू : नेपाल में मुस्तांग जिले की पहाड़ियों में हुए विमान हादसे में मारे गए चार भारतीयों के शव का गुरुवार को पवित्र पशुपतिनाथ मंदिर के पास अंतिम संस्कार कर दिया गया. उल्लेखनीय है कि तारा एयर का कनाडा निर्मित टर्बोप्रोप ट्विन ओटर 9एन-एईटी विमान रविवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें चार भारतीय, दो जर्मन और 13 नेपाली यात्रियों के अलावा चालक दल के तीन सदस्य सवार थे. पर्यटन शहर पोखरा से उड़ान भरने के कुछ मिनटों के बाद ही विमान हादसे का शिकार हो गया था और उसमें सवार सभी लोगों की मौत हो गई थी.
कारोबारी अशोक कुमार त्रिपाठी (54) और उनकी ठाणे निवासी पत्नी अपने बेटे धनुष (22) और बेटी ऋतिका (15) के साथ नेपाल घूमने गए थे और इस हादसे का शिकार हो गए. हादसे में मारे गए परिवार के चारों सदस्यों का जब अंतिम संस्कार किया गया, तब त्रिपाठी के भाई अपनी पत्नी के साथ मौजूद थे. काठमांडू में पशुपतिनाथ मंदिर बागमती नदी के किनारे स्थित है. यह नेपाल के सबसे प्रमुख हिंदू मंदिरों में शामिल है. इससे पहले अशोक कुमार त्रिपाठी और उनके परिवार के सदस्यों के शव को त्रिभुवन विश्वविद्यालय अस्पताल में पोस्टमॉर्टम करने के बाद परिवार को सौंपा गया. बचावकर्मियों ने सोमवार को तारा एयर के दुर्घटनाग्रस्त विमान के मलबे से 21 शव निकाले थे, जबकि मंगलवार को आखिरी शव दुर्घटनास्थल से बरामद किया गया.
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नेपाल सरकार ने इस विमान हादसे की जांच के लिए पांच-सदस्यीय समिति गठित की, जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ एयरोनॉटिकल इंजीनियर रतीशचंद्र लाल सुमन करेंगे. नेपाल के नागरिक विमानन प्राधिकरण (सीएएएन) की शुरुआती जांच के मुताबिक खराब मौसम विमान हादसे की वजह है. अनुभवी अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पर्वतीय गाइड की मदद से विमान का ब्लैक बॉक्स भी मंगलवार को दुघर्टनाग्रस्त स्थल से बरामद किया गया. ब्लैक बॉक्स को कॉकपिट वाइस रिकॉर्डर भी कहा जाता है, जो कॉकपिट में रेडियो पर हुई बातचीत और अन्य आवाज जैसे पायलटों के बीच संवाद इंजन में शोर आदि को रिकॉर्ड करता है. यह विमान हादसे की वजहों के संदर्भ में अहम सुराग मुहैया करा सकता है.
(पीटीआई-भाषा)