ETV Bharat / bharat

मेक इन इंडिया काे बढ़ावा दे रहे काशीपुर के नीरज चौधरी

author img

By

Published : Jun 16, 2021, 11:04 PM IST

काशीपुर के नीरज चौधरी द्वारा गोबर से बनाये जाने वाले उत्पादों की आज देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोकप्रियता बढ़ रही है. नीरज मेक इन इंडिया के सपने को सही मायनों में साकार कर रहे हैं.

काशीपुर
काशीपुर

काशीपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' और 'वोकल फॉर लोकल' जैसे आह्वान को अगर किसी ने सच्चे मायनों में सुना और लागू किया है तो वो हैं काशीपुर के रहने वाले 31वर्षीय नीरज चौधरी. नीरज ने साबित कर दिया कि यदि इंसान में कुछ कर गुजरने का जज्बा और अपनी संस्कृति के प्रति लगाव हो तो कुछ भी असंभव नहीं.

नीरज ने बता दिया कि गाय के गोबर केवल उपले और खाद बनाने के काम ही नहीं आते. उन्होंने गाय के गोबर से हर वो खूबसूरत चीज बनाई है जिसे न केवल आप अपने बेडरूम में बल्कि पूजा घर में भी सजा सकते हैं.

मेक इन इंडिया काे बढ़ावा दे रहे काशीपुर के नीरज चौधरी

मेक इन इंडिया की पहचान बन चुके हैं नीरज

जब पूरी दुनिया कोविड काल में घर में बैठी थी तो नीरज एक अलग सपने को ही साकार करने में जुटे थे. सपना पीएम के 'मेक इन इंडिया' को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाने का था. उन्होंने इस दौरान गोबर से केदारनाथ धाम का मंदिर बना दिया. मंदिर ऐसा जिसे आप आसानी से कहीं भी ले जा सकते हैं. नीरज की इच्छा है कि वो इसे प्रधानमंत्री को भेंट करें.

आज नीरज द्वारा गोबर से बनाए गए प्रोडक्ट न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी डिमांड पर हैं. नीरज ने गाय के गोबर से धार्मिक व महापुरुषों की मूर्तियों के अलावा सैकड़ों तरह के अन्य उत्पाद बनाए हैं. नीरज न केवल अपने उत्पादों से पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं बल्कि बेरोजगारों को रोजगार भी उपलब्ध करा रहे हैं. वर्तमान में वे प्रत्यक्ष रूप से 15 से 20 तथा अप्रत्यक्ष रूप से 40-50 लोगों को रोजगार दे रहे हैं.

नीरज अभी तक गोबर निर्मित ऐसी धार्मिक मूर्तियां, खेल खिलौने, चाभी के गुच्छे, दीवार घड़ियां, साइन वोर्ड, नेम प्लेटें व महापुरुषों की हजारों तस्वीरें बना चुके हैं. नीरज के ये उत्पाद न केवल ईको-फ्रैंडली हैं बल्कि आपको भारतीय संस्कृति से रूबरू कराते हैं. ये पर्यावरण के लिए भी उपयुक्त हैं क्योंकि इसमें किसी भी तरह के केमिकल का प्रयोग नहीं किया जाता है. नीरज गोबर निर्मित उत्पादों से देश में एक बड़ा म्यूजियम बनाने का सपना संजोए हुए हैं.

किसान परिवार से जुड़े हैं नीरज

काशीपुर निवासी नीरज चौधरी का जन्म किसान परिवार में हुआ था. नीरज के पास 10 एकड़ कृषि भूमि है. मास्टर इन सोशल वर्क में डिग्री लेने के बाद बीटीसी के फाइनल वर्ष में नीरज को डेयरी फार्मिंग का आइडिया आया. उन्होंने 2016 में एटू-मिल्क का कारोबार शुरू किया.

उसके बाद नीरज ने मदीना हरियाणा के जिला रोहतक से पंचगव्य चिकित्सा पद्धति का कोर्स करने के साथ ही श्रीवंशी गौधाम स्टार्ट-अप की शुरुआत की. नीरज ने श्रीवंशी गौधाम स्टार्टअप के माध्यम से फिर वो किया जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की होगी. उन्होंने गोबर के उपयोग का ऐसा विस्तार किया जिसने दुनिया में उनकी अलग पहचान बना दी.

पीएम मोदी को देना चाहते हैं गोबर से बनी केदारनाथ मूर्ति की आकृति

नीरज कहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी भोलेनाथ के बड़े भक्त हैं. वह हर वर्ष केदारनाथ धाम दर्शन करने आते हैं. इस बार जब वह आयेंगे और मौका मिला तो वे उन्हें केदारनाथ की आकृति भेंट करेंगे. इससे पहले उन्होंने उत्तर प्रदेश के संस्कृति मंत्री तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए विशेष तौर पर गोबर से बनी भगवान राम की प्रतिमा भेंट की थी.

शिक्षक बनने के मौके को ठुकराया

नीरज के अंदर मेक इन इंडिया का जज्बा ऐसा छाया कि जब शिक्षक बनने और इस कार्य को आगे बढ़ाने में से किसी एक को चुनना था तो उन्होंने देश की परंपरा को आगे बढ़ाने को अपनी प्राथमिकता दी. नीरज ने जब इसकी शुरुआत की थी तो उनको यकीन नहीं था कि लोग इसको इतना पसंद करेंगे? पहली बार उन्हें 4 हजार मूर्तियां बनाने का ऑर्डर मिला. नीरज कहते हैं कि मशीनों ने काम को और भी आसान बना दिया है.

परिवार का मिल रहा सहयोग

नीरज को इस काम में परिवार का भरपूर सहयोग मिल रहा है. गोबर से उत्पाद बनाने में उनकी मदद मां सुनीता देवी व बड़े भाई दीपक करते हैं. उनके इस स्टार्ट-अप से पशुपालकों को भी लाभ हो रहा है. पहले उन्हें गोबर या तो खेतों में उपयोग करना पड़ता था या फिर औने-पौने दाम में बेचना पड़ता था. लेकिन अब स्थितियां बदली हैं.

इन राज्यों में है गोबर से बने प्रोडक्ट की मांग

नीरज के उत्पादों की मांग पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, कोलकाता, दिल्ली एनसीआर व हरियाणा सहित 20 राज्यों में है. उनके उत्पादों की लोकप्रियता लोगों में बढ़ती जा रही है.

इन चीजों से तैयार होता है गोबर का उत्पाद

गोबर से तैयार की जा रही कलाकृतियों में मैदा, लकड़ी, इमली बीज पाउडर, ग्वार गम, चावल, आटा और प्राकृतिक गोंद इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा इसमें आम, नींबू, नीम के अलावा तमाम तरह के फूलों के बीज भी भरे जाते हैं. उत्पाद में बीज देने के पीछे का कारण बताते हुए नीरज कहते हैं कि उत्पाद के टूटने पर जब इसे फेंका जाएगा या मिट्टी में दबाया जाएगा तो इससे पौधे भी अंकुरित होंगे.

प्लास्टिक से बने उत्पाद को रिप्लेस करना चाहते हैं नीरज

ऑफिसों में कई तरह की चीजें जैसे दीवार घड़ी, मूर्तियां, नेम प्लेट, साइन बोर्ड प्लास्टिक के बने होते हैं. नीरज इन चीजों को गोबर से बने उत्पादों से रिप्लेस करना चाहते हैं.

इसे पढ़ें: हरिद्वार कुंभ में जिस लैब ने किए लाखों टेस्ट, उसका पता निकला फर्जी

काशीपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' और 'वोकल फॉर लोकल' जैसे आह्वान को अगर किसी ने सच्चे मायनों में सुना और लागू किया है तो वो हैं काशीपुर के रहने वाले 31वर्षीय नीरज चौधरी. नीरज ने साबित कर दिया कि यदि इंसान में कुछ कर गुजरने का जज्बा और अपनी संस्कृति के प्रति लगाव हो तो कुछ भी असंभव नहीं.

नीरज ने बता दिया कि गाय के गोबर केवल उपले और खाद बनाने के काम ही नहीं आते. उन्होंने गाय के गोबर से हर वो खूबसूरत चीज बनाई है जिसे न केवल आप अपने बेडरूम में बल्कि पूजा घर में भी सजा सकते हैं.

मेक इन इंडिया काे बढ़ावा दे रहे काशीपुर के नीरज चौधरी

मेक इन इंडिया की पहचान बन चुके हैं नीरज

जब पूरी दुनिया कोविड काल में घर में बैठी थी तो नीरज एक अलग सपने को ही साकार करने में जुटे थे. सपना पीएम के 'मेक इन इंडिया' को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाने का था. उन्होंने इस दौरान गोबर से केदारनाथ धाम का मंदिर बना दिया. मंदिर ऐसा जिसे आप आसानी से कहीं भी ले जा सकते हैं. नीरज की इच्छा है कि वो इसे प्रधानमंत्री को भेंट करें.

आज नीरज द्वारा गोबर से बनाए गए प्रोडक्ट न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी डिमांड पर हैं. नीरज ने गाय के गोबर से धार्मिक व महापुरुषों की मूर्तियों के अलावा सैकड़ों तरह के अन्य उत्पाद बनाए हैं. नीरज न केवल अपने उत्पादों से पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं बल्कि बेरोजगारों को रोजगार भी उपलब्ध करा रहे हैं. वर्तमान में वे प्रत्यक्ष रूप से 15 से 20 तथा अप्रत्यक्ष रूप से 40-50 लोगों को रोजगार दे रहे हैं.

नीरज अभी तक गोबर निर्मित ऐसी धार्मिक मूर्तियां, खेल खिलौने, चाभी के गुच्छे, दीवार घड़ियां, साइन वोर्ड, नेम प्लेटें व महापुरुषों की हजारों तस्वीरें बना चुके हैं. नीरज के ये उत्पाद न केवल ईको-फ्रैंडली हैं बल्कि आपको भारतीय संस्कृति से रूबरू कराते हैं. ये पर्यावरण के लिए भी उपयुक्त हैं क्योंकि इसमें किसी भी तरह के केमिकल का प्रयोग नहीं किया जाता है. नीरज गोबर निर्मित उत्पादों से देश में एक बड़ा म्यूजियम बनाने का सपना संजोए हुए हैं.

किसान परिवार से जुड़े हैं नीरज

काशीपुर निवासी नीरज चौधरी का जन्म किसान परिवार में हुआ था. नीरज के पास 10 एकड़ कृषि भूमि है. मास्टर इन सोशल वर्क में डिग्री लेने के बाद बीटीसी के फाइनल वर्ष में नीरज को डेयरी फार्मिंग का आइडिया आया. उन्होंने 2016 में एटू-मिल्क का कारोबार शुरू किया.

उसके बाद नीरज ने मदीना हरियाणा के जिला रोहतक से पंचगव्य चिकित्सा पद्धति का कोर्स करने के साथ ही श्रीवंशी गौधाम स्टार्ट-अप की शुरुआत की. नीरज ने श्रीवंशी गौधाम स्टार्टअप के माध्यम से फिर वो किया जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की होगी. उन्होंने गोबर के उपयोग का ऐसा विस्तार किया जिसने दुनिया में उनकी अलग पहचान बना दी.

पीएम मोदी को देना चाहते हैं गोबर से बनी केदारनाथ मूर्ति की आकृति

नीरज कहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी भोलेनाथ के बड़े भक्त हैं. वह हर वर्ष केदारनाथ धाम दर्शन करने आते हैं. इस बार जब वह आयेंगे और मौका मिला तो वे उन्हें केदारनाथ की आकृति भेंट करेंगे. इससे पहले उन्होंने उत्तर प्रदेश के संस्कृति मंत्री तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए विशेष तौर पर गोबर से बनी भगवान राम की प्रतिमा भेंट की थी.

शिक्षक बनने के मौके को ठुकराया

नीरज के अंदर मेक इन इंडिया का जज्बा ऐसा छाया कि जब शिक्षक बनने और इस कार्य को आगे बढ़ाने में से किसी एक को चुनना था तो उन्होंने देश की परंपरा को आगे बढ़ाने को अपनी प्राथमिकता दी. नीरज ने जब इसकी शुरुआत की थी तो उनको यकीन नहीं था कि लोग इसको इतना पसंद करेंगे? पहली बार उन्हें 4 हजार मूर्तियां बनाने का ऑर्डर मिला. नीरज कहते हैं कि मशीनों ने काम को और भी आसान बना दिया है.

परिवार का मिल रहा सहयोग

नीरज को इस काम में परिवार का भरपूर सहयोग मिल रहा है. गोबर से उत्पाद बनाने में उनकी मदद मां सुनीता देवी व बड़े भाई दीपक करते हैं. उनके इस स्टार्ट-अप से पशुपालकों को भी लाभ हो रहा है. पहले उन्हें गोबर या तो खेतों में उपयोग करना पड़ता था या फिर औने-पौने दाम में बेचना पड़ता था. लेकिन अब स्थितियां बदली हैं.

इन राज्यों में है गोबर से बने प्रोडक्ट की मांग

नीरज के उत्पादों की मांग पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, कोलकाता, दिल्ली एनसीआर व हरियाणा सहित 20 राज्यों में है. उनके उत्पादों की लोकप्रियता लोगों में बढ़ती जा रही है.

इन चीजों से तैयार होता है गोबर का उत्पाद

गोबर से तैयार की जा रही कलाकृतियों में मैदा, लकड़ी, इमली बीज पाउडर, ग्वार गम, चावल, आटा और प्राकृतिक गोंद इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा इसमें आम, नींबू, नीम के अलावा तमाम तरह के फूलों के बीज भी भरे जाते हैं. उत्पाद में बीज देने के पीछे का कारण बताते हुए नीरज कहते हैं कि उत्पाद के टूटने पर जब इसे फेंका जाएगा या मिट्टी में दबाया जाएगा तो इससे पौधे भी अंकुरित होंगे.

प्लास्टिक से बने उत्पाद को रिप्लेस करना चाहते हैं नीरज

ऑफिसों में कई तरह की चीजें जैसे दीवार घड़ी, मूर्तियां, नेम प्लेट, साइन बोर्ड प्लास्टिक के बने होते हैं. नीरज इन चीजों को गोबर से बने उत्पादों से रिप्लेस करना चाहते हैं.

इसे पढ़ें: हरिद्वार कुंभ में जिस लैब ने किए लाखों टेस्ट, उसका पता निकला फर्जी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.