ETV Bharat / bharat

व्यापार को बढ़ावा देने के लिए भारतीय समुद्री क्षेत्र में शांति, स्थिरता बनाए रखने की जरूरत: राजनाथ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने सोमवार को कहा कि व्यापार और अन्य आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भारतीय समुद्री क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने की ज्यादा जरूरत है. उन्होंने उक्त बातें नौसेना कमांडरों के सम्मेलन के दूसरे संस्करण को संबोधित करते हुए कहीं.

राजनाथ
राजनाथ
author img

By

Published : Oct 19, 2021, 1:57 AM IST

Updated : Oct 19, 2021, 2:36 AM IST

नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने सोमवार को कहा कि व्यापार और अन्य आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भारतीय समुद्री क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने की ज्यादा जरूरत है. सिंह ने नौसेना कमांडरों के सम्मेलन के दूसरे संस्करण को संबोधित करते हुए कहा कि भारत हिंद महासागर क्षेत्र को 'नियम-कायदे पर आधारित नौवहन की स्वतंत्रता' और 'मुक्त व्यापार' जैसे सार्वभौमिक मूल्यों के साथ देखता है जिसमें सभी भागीदार देशों के हितों की रक्षा हो.

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता को लेकर वैश्विक चिंताएं बढ़ रही हैं. पिछले महीने भारतीय नौसेना के पनडुब्बी रोधी युद्धक कोर्वेट आईएनएस किलतान ने दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया के युद्धपोत ऐनजैक के साथ सैन्य अभ्यास किया था, जहां चीनी सेना की दखलअंदाजी बढ़ रही है.

रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा, 'दुनिया भर में तेजी से बदलते आर्थिक और राजनीतिक संबंधों का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि ये आर्थिक हित संबंधों में कुछ तनाव पैदा करते हैं.' मंत्रालय के बयान के अनुसार, 'इसलिए व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भारतीय समुद्री क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने की अधिक आवश्यकता है.'

सिंह ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में भारतीय नौसेना की भूमिका आने वाले समय में कई गुना बढ़ने वाली है. चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है. दक्षिण चीन सागर हाइड्रोकार्बन का एक बड़ा स्रोत है. हालांकि, वियतनाम, फिलीपीन और ब्रूनेई सहित दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (आसियान) के कई सदस्य देश भी क्षेत्र पर अपना दावा करते हैं.

ये भी पढ़ें - अरुणाचल प्रदेश में चीन सीमा के पास बनाया जा रहा है सुरंग

रक्षा मंत्रालय के अनुसार सिंह ने कहा कि भारत एक जिम्मेदार समुद्री हितधारक के रूप में सर्वसम्मति वाले सिद्धांतों और शांतिपूर्ण, स्वतंत्र, नियम आधारित और स्थिर विश्व व्यवस्था का समर्थन करता है. बयान में कहा गया है कि सिंह ने इस बात पर खुशी जताई कि पिछले पांच वित्तीय वर्षों में नौसेना के आधुनिकीकरण बजट का दो-तिहाई से ज्यादा हिस्सा स्वदेशी खरीद पर खर्च किया गया है.

मंत्रालय ने कहा कि सोमवार से शुरू हुआ तीन दिवसीय सम्मेलन भारतीय नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाने के तरीकों की तलाश करते हुए समकालीन सुरक्षा प्रतिमानों को संबोधित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा. मंत्रालय ने उल्लेख किया कि इस सम्मेलन के दौरान तीनों सेवाओं के बीच तालमेल को लेकर प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) बिपिन रावत, थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे और वायु सेना प्रमुख वीआर चौधरी भी नौसेना कमांडरों के साथ बातचीत करेंगे.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने सोमवार को कहा कि व्यापार और अन्य आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भारतीय समुद्री क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने की ज्यादा जरूरत है. सिंह ने नौसेना कमांडरों के सम्मेलन के दूसरे संस्करण को संबोधित करते हुए कहा कि भारत हिंद महासागर क्षेत्र को 'नियम-कायदे पर आधारित नौवहन की स्वतंत्रता' और 'मुक्त व्यापार' जैसे सार्वभौमिक मूल्यों के साथ देखता है जिसमें सभी भागीदार देशों के हितों की रक्षा हो.

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता को लेकर वैश्विक चिंताएं बढ़ रही हैं. पिछले महीने भारतीय नौसेना के पनडुब्बी रोधी युद्धक कोर्वेट आईएनएस किलतान ने दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया के युद्धपोत ऐनजैक के साथ सैन्य अभ्यास किया था, जहां चीनी सेना की दखलअंदाजी बढ़ रही है.

रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा, 'दुनिया भर में तेजी से बदलते आर्थिक और राजनीतिक संबंधों का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि ये आर्थिक हित संबंधों में कुछ तनाव पैदा करते हैं.' मंत्रालय के बयान के अनुसार, 'इसलिए व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भारतीय समुद्री क्षेत्रों में शांति और स्थिरता बनाए रखने की अधिक आवश्यकता है.'

सिंह ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में भारतीय नौसेना की भूमिका आने वाले समय में कई गुना बढ़ने वाली है. चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है. दक्षिण चीन सागर हाइड्रोकार्बन का एक बड़ा स्रोत है. हालांकि, वियतनाम, फिलीपीन और ब्रूनेई सहित दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (आसियान) के कई सदस्य देश भी क्षेत्र पर अपना दावा करते हैं.

ये भी पढ़ें - अरुणाचल प्रदेश में चीन सीमा के पास बनाया जा रहा है सुरंग

रक्षा मंत्रालय के अनुसार सिंह ने कहा कि भारत एक जिम्मेदार समुद्री हितधारक के रूप में सर्वसम्मति वाले सिद्धांतों और शांतिपूर्ण, स्वतंत्र, नियम आधारित और स्थिर विश्व व्यवस्था का समर्थन करता है. बयान में कहा गया है कि सिंह ने इस बात पर खुशी जताई कि पिछले पांच वित्तीय वर्षों में नौसेना के आधुनिकीकरण बजट का दो-तिहाई से ज्यादा हिस्सा स्वदेशी खरीद पर खर्च किया गया है.

मंत्रालय ने कहा कि सोमवार से शुरू हुआ तीन दिवसीय सम्मेलन भारतीय नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाने के तरीकों की तलाश करते हुए समकालीन सुरक्षा प्रतिमानों को संबोधित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा. मंत्रालय ने उल्लेख किया कि इस सम्मेलन के दौरान तीनों सेवाओं के बीच तालमेल को लेकर प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) बिपिन रावत, थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे और वायु सेना प्रमुख वीआर चौधरी भी नौसेना कमांडरों के साथ बातचीत करेंगे.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Oct 19, 2021, 2:36 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.