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सेना प्रमुख नरवणे ने युद्ध रणनीति एवं तकनीक के सतत विकास पर जोर दिया - राजस्थान में आर्मी चीफ

आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Army chief General M M Naravane) ने भविष्य के युद्धों को लड़ने के लिए रणनीति, तकनीक और प्रक्रिया के सतत विकास के साथ-साथ मानवयुक्त और मानव रहित प्रणालियों में क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया है.

सेना प्रमुख नरवणे
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Published : Nov 26, 2021, 8:14 PM IST

जयपुर : थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Army chief General M M Naravane) ने भविष्य के युद्धों को लड़ने के लिए रणनीति, तकनीक और प्रक्रिया के सतत विकास के साथ-साथ मानवयुक्त और मानव रहित प्रणालियों में क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया है.

वह जैसलमेर (राजस्थान) में सेना के युद्धाभ्यास का निरीक्षण करने के लिए दो दिवसीय दौरे पर आए हुए थे. यह युद्धाभ्यास शुक्रवार को संपन्न हुआ. सेना प्रमुख ने सभी प्रतिभागियों को उच्च स्तर की तत्परता और संचालनात्मक तैयारियों के लिए बधाई दी और उन्हें राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अपनी निगरानी जारी रखने का आह्वान किया.

सैन्य प्रवक्ता द्वारा जारी बयान के अनुसार नरवणे ने इस अवसर पर कहा, 'भविष्य के युद्धों को लड़ने के लिए रणनीति, तकनीक और प्रक्रिया के सतत विकास के साथ-साथ मानवयुक्त और मानव रहित प्रणालियों में क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है.'

यह भी पढ़ें- दिल्ली में 12 दिसंबर को कांग्रेस की 'महंगाई हटाओ रैली', सोनिया और राहुल करेंगे संबोधित

उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना की दक्षिण कमान (Southern Command of Indian Army ) के इस सबसे बड़े इस युद्ध अभ्यास में भारतीय सेना ने परंपरागत शैली के साथ आधुनिक युद्ध प्रणाली का समावेश किया और पहली बार अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और कृत्रिम मेधा को इसमें जोड़ा गया. इसमें टी-72 और टी-90 टैंक और वायुसेना के लड़ाकू विमान शामिल हुए. इस दौरान लगभग 400 पैराट्रूपर्स ने एक साथ हजारों फुट की ऊंचाई से पैरा जंपिंग की.

(पीटीआई भाषा)

जयपुर : थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे (Army chief General M M Naravane) ने भविष्य के युद्धों को लड़ने के लिए रणनीति, तकनीक और प्रक्रिया के सतत विकास के साथ-साथ मानवयुक्त और मानव रहित प्रणालियों में क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया है.

वह जैसलमेर (राजस्थान) में सेना के युद्धाभ्यास का निरीक्षण करने के लिए दो दिवसीय दौरे पर आए हुए थे. यह युद्धाभ्यास शुक्रवार को संपन्न हुआ. सेना प्रमुख ने सभी प्रतिभागियों को उच्च स्तर की तत्परता और संचालनात्मक तैयारियों के लिए बधाई दी और उन्हें राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अपनी निगरानी जारी रखने का आह्वान किया.

सैन्य प्रवक्ता द्वारा जारी बयान के अनुसार नरवणे ने इस अवसर पर कहा, 'भविष्य के युद्धों को लड़ने के लिए रणनीति, तकनीक और प्रक्रिया के सतत विकास के साथ-साथ मानवयुक्त और मानव रहित प्रणालियों में क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है.'

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उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना की दक्षिण कमान (Southern Command of Indian Army ) के इस सबसे बड़े इस युद्ध अभ्यास में भारतीय सेना ने परंपरागत शैली के साथ आधुनिक युद्ध प्रणाली का समावेश किया और पहली बार अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और कृत्रिम मेधा को इसमें जोड़ा गया. इसमें टी-72 और टी-90 टैंक और वायुसेना के लड़ाकू विमान शामिल हुए. इस दौरान लगभग 400 पैराट्रूपर्स ने एक साथ हजारों फुट की ऊंचाई से पैरा जंपिंग की.

(पीटीआई भाषा)

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