नई दिल्ली : राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने बुधवार को राजस्थान के बाड़मेर तहसील में हुई हालिया जघन्य घटना की कड़ी निंदा की. जिसके परिणामस्वरूप एक आदिवासी महिला की मौत हो गई. पीड़िता के दो बच्चों भी हैं. महिला आयोग ने कहा कि इस घटना ने देश को बहुत दुखी और क्रोधित किया है.
महिला आयोग ने एक ट्वीट में कहा कि एनसीडब्ल्यू राजस्थान के बाड़मेर में हुई भयावह घटना की कड़ी निंदा करता है. जहां एक आदिवासी महिला के साथ क्रूरतापूर्वक बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई. हमने स्वत: संज्ञान लिया है और आईपीसी की धारा 376 और 302 के तहत त्वरित जांच का आग्रह किया है.
एनसीडब्ल्यू ने उस मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है जिसमें बाड़मेर में महिला के साथ बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया गया है. आयोग ने एक बयान में कहा कि इस घटना में बाड़मेर की एक महिला शामिल थी और उसी गांव के एक व्यक्ति ने बेरहमी से उसकी जान ले ली. हमने इस गंभीर मामले के बारे में राज्य के महानिदेशक (डीजी) और मुख्य सचिव (सीएस) को सूचित किया है. उनसे मामले की गहन जांच शुरू करने का आग्रह किया है. एनसीडब्ल्यू यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि पीड़िता और उसके परिवार को न्याय मिले.
महिला आयोग ने लिखा है कि यह अपराध भारतीय दंड संहिता, 1860 के विभिन्न प्रावधानों के दायरे में आता है. विशेष रूप से धारा 376, जो बलात्कार के लिए सजा से संबंधित है और धारा 302 जो हत्या के मामले में सजा का प्रावधान करता है. एनसीडब्ल्यू ने आगे अधिकारियों से त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह किया. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अपराधी को इस जघन्य कृत्य के लिए जिम्मेदार ठहराया जाए.
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पहले मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. अब राजस्थान और पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार चरम पर है. पिछले हफ्ते एक और भयावह घटना सामने आई थी जिसमें राजस्थान के जोधपुर जिले के चुराई गांव में छह महीने के बच्चे सहित एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या कर दी गई और उनके शव जला दिए गए.