नई दिल्ली: राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) को हाल ही में एक मीडिया पोस्ट के माध्यम से परेशान करने वाले आरोप से अवगत कराया गया है, जिसमें बुराड़ी अस्पताल की कई महिला कर्मचारियों ने यौन उत्पीड़न का सामना करने के बारे में गंभीर चिंता जताई है. एनसीडब्ल्यू ने रविवार को एक बयान में ये बात कही.
पोस्ट में पीड़ितों की शिकायतों के बावजूद अस्पताल अधिकारियों और पुलिस दोनों की निष्क्रियता का जिक्र है. इसमें कहा गया है कि सभी महिला सफाई कर्मचारी सदस्य अपने रोजगार को बनाए रखने के लिए अस्पताल अधिकारियों द्वारा की गई पीड़ा और अनुचित मांगों पर प्रकाश डालते हुए आगे आई हैं.
एनसीडब्ल्यू ने कहा, 'पीड़ितों द्वारा आरोपी व्यक्तियों नीरज और राजकुमार के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफ.आई.आर.) दर्ज करने के बावजूद, यह ध्यान देने योग्य बात है कि पांच दिनों से अधिक समय के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है.'
इस भयावह स्थिति के जवाब में एनसीडब्ल्यू ने प्रारंभिक मूल्यांकन किया है और भारतीय दंड संहिता, 1860 के प्रावधानों की पहचान की है जो रिपोर्ट किए गए अपराध के लिए प्रासंगिक प्रतीत होते हैं. इस मामले को लेकर प्रथम दृष्टया भारतीय दंड संहिता की धारा 509, 354 और 354-ए का मामला सामने आया है.
एनसीडब्ल्यू ने कहा कि वह महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के इन निंदनीय कृत्यों की कड़ी निंदा करता है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, आयोग ने तत्काल संबंधित पुलिस अधिकारी को मामले की गहन जांच करने और दोषी पाए जाने पर सभी आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ उपरोक्त कानूनी प्रावधान लागू करने का निर्देश दिया. अपराधियों के खिलाफ त्वरित और कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करना जरूरी है.'
बुराड़ी पुलिस द्वारा इस मामले को संभालने में देरी और स्पष्ट लापरवाही पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए, एनसीडब्ल्यू ने कर्तव्य में संभावित लापरवाही और विलंब के लिए संबंधित पुलिस अधिकारी के आचरण की जांच करने को कहा है.
एनसीडब्ल्यू ने आरोपी व्यक्तियों, नीरज और राजकुमार की तत्काल गिरफ्तारी की भी मांग की है. इसके अतिरिक्त, आयोग ने इस जांच में हुई प्रगति की गहन समीक्षा के लिए अगले 2 दिनों के भीतर एफ.आई.आर. की एक प्रति के साथ एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का अनुरोध किया.